• 8 years ago
Mahasweta Devi (14 January 1926 – 28 July 2016)[1][2] was an Indian Bengali fiction writer and social activist. Her notable literary works include Hajar Churashir Maa, Rudali, and Aranyer Adhikar.
एक परिचय....
महाश्वेता देवी
जन्म अविभाजित भारत के ढाका
मे 14 जनवरी 1926
पिता मनीष घटक कवि उपन्यासकार
मां धरित्री देवी लेखिका एवं सामाजिक
कार्यकर्ता
चाचा ऋतिक घटक फिल्मकार के रूप
विख्यात
विभाजन के बाद महाश्वेता का परिवार
पश्चिम बंगाल में आकर बस गया
कोलकाता विश्वविद्यालय से अंग्रेजी
में मास्टर्स की डिग्री एवं यहां प्रोफेसर
के रूप में कार्य किया
महाश्वेता देवी 1940 के दशक में बंगाल के
कम्युनिस्ट आंदोलन से प्रभावित हुईं
हमेशा दबे-कुचले शोषित समाज की न्याय की लड़ाई में शामिल रहीं.
तीन दशक से ज़्यादा समय तक वह
आदिवासियों के बीच काम करती रहीं..
उनके साहित्य का काफ़ी हिस्सा आदिवासियों के जीवन पर आधारित
1986 में पदम श्री,
1996 में ज्ञानपीठ और
2006 में पदम विभूषण
साहित्य अकादमी और मैग्सेसे
पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
महाश्वेता देवी बांग्ला में उपन्यास लिखा करती थीं लेकिन अंग्रेज़ी,
हिंदी और अलग-अलग भाषाओं में अनुवाद के ज़रिए उनके
साहित्य की पहुंच काफ़ी व्यापक स्तर पर थी.
उनकी कई किताबों पर फ़िल्में भी बनाई गई हैं
’हज़ार चौरासी की मां’ पर फ़िल्मकार
गोविंद निहलानी ने फ़िल्म बनाई
’रुदाली’
’संघर्ष’
’माटी माय’
महाश्वेता के
उपन्यासों पर आधारित
‘झांसी की रानी’ महाश्वेता देवी
की प्रथम रचना है
जिसका प्रकाशन 1956 में हुआ था।
प्रमुख रचनाओं में
अग्निगर्भ, जंगल के दावेदार, माहेश्वर आदि
लगभग 20 कहानी संग्रह सौ उपन्यास बांग्ला
भाषा में प्रकाशित हो चुके हैं।
28 जुलाई 2016 कोलकाता देहावसान
आपको भावभींनी श्रद्धांजलि......

Recommended