जय हो बाबा बर्फानी
जय बाबा अमरनाथ
अमरनाथ गुफा के लिए यात्री भजन कीर्तन करते हुए बसों से या रेल से या फिर हवाई जहाज से जाते है।
कड़ी सुरक्षा इंतजामों बावजुद और बार बार मौसम खराब होने के कारण इस बार यात्रा में थोड़ा असर पड
़ा है। लेकिन फिर भी बाबा बर्फानी के भक्तों का जोश अभी तक कम नही हुआ है।
चंदनवाड़ी, पीसुटॉप, शेषनाग व पंचतरणी होते हुए 42 कि.मी. जो कि 2 दिन की यात्रा करते हुए पवित्र
गुफा तक पहुंचते है। पहलगाव से जब यात्रा शुरू करते है तो अगले दिन उसको पवित्र गुफा के दर्शन हो
जाते है। जबकि बालटाल का छोटा रास्ता है उस रास्ते से जो यात्रा शुरू करते है उनको पवित्र गुफा के
दर्शन उसी दिन हो जाते है। बालटाल से लोग ज्यादा जाने के कोशिश करते है क्योंकि यह रास्ता छोटा
पड़ता है।
यात्री यहां पर लगंरो में रूकते है। जबकि काफी संख्या में लोग होटलों में भी रूकते है। मौसम में लगातार
बारिश हो रही है। और मोसम विभाग भी अगले दो दिनों तक बारिश होने की बात कह रहा है। लेकिन
फिर भी बाबा के भक्तों को इसका कोई असर नही पड़ा है।
बाबा अमरनाथ की पवित्र गुफा की तरफ जाने के लिए दो रास्ते है पहला अंतनाग और गांध्रबल से यानिकी
पहलगांव और बालटाल के रास्ते बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए जाते है। अब इंतजार खत्म हो चुका है
क्योंकि अब अमरनाथ यात्रा प्रारम्भ हो चुकी है और श्रद्वालु पवित्र गुफा के दर्शन कर पाएगें ।
अबकी बार अमरनाथ के लिए भी सुरक्षा के लिए भी पुख्ता इंतजाम किए गये है। जिस 300 किलोमीटर
हाईवे से अमरनाथ यात्रा गुजरती है। उसे जत्था रवाना होने से पहले खंगाला जाता है। जिसे रोड़
ओपनिंग कहा जाता है।
अबकी बार अमरनाथ यात्रा शुरू हो चुकी है। और हमेशा से ही आंतकी वारदातों का खतरा को नाकाम
करते हुए अमरनाथ यात्री तथा सुरक्षा एजेंसी जिस रास्ते से पवित्रगुफा का सफर होता है। इस 300
किलोमीटर लंबे श्रीनगर से अमरनाथ जी जो चौड़ी सड़को के साथ साथ बहुत गहरी खाईया लिए हुए है
यहां पर आंतक का साया हरपल मंडराता रहता है। फिर भी सुरक्षा एजेंसी इस 300 कि.मी. हाईवे को पूरी
तरह खंगाल कर चप्पे चप्पे को सुरक्षित रखती है। सुरक्षा की दृष्टि से गहरी खाईयों में आतंकी छिपते है।
इस पूरे जंगलनुमा रास्ते की हर रोज रोड़ओपनिंग की जाती है। यहां पर सुरक्षा एजेंसी हर रोज गस्त
करते है। और कानबाई के आने से ठीक पहले पूरी तरह से तालाशी अभियान चलाया जाता है। अमरनाथ
यात्रा को शुरू होने से पहले पूरी तरह से पूरे इलाके को खंगाले है।
इस साल हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसीओ ने अर्लट भी जारी किया है कि इस बार कोई भी अनहोने हो
सकती है इसलिए अब अमरनाथ यात्रा को सफल बनाने के लिए 40000 जवान इसकी सुरक्षा में लगाये गये
है।
अमरनाथ यात्रा में सबसे पहले राज्यपाल पूजा अर्चना करते है और यात्रा का प्रारम्भ हो जाता है।
चलिए आपको पहलगाव से कुछ जानकारी देते है।
अबकी बार सुरक्षा की दृष्टि से देखा जाए तो काफी इंतजाम किये गये है सीआरपीएफ के जवान यहां के
कैंपों पर कड़ी नजर रखे हुए है। यहां पर अतिरिक्त बंकर बनाए जा रहें है। हाईवे पर किसी प्रकार की
रूकावट ना हो इसके लिए जवानों की अन्य कपनियां भी लगाई गई है। सुरक्षा की दृष्टी से अबकी बार
यात्रा बिलकुल सुरक्षित नजर आ रही है। सभी अन्य अमरजैंसी सर्विस है जो कि मौसम खराब होने की
वजह से कभी भी किसी भी वक्त के लिए अलर्ट रहना जरूरी है।
कश्मीर के बिड़गे हालातों के बावजुद भी लोग बाबा के दर्शनों से अछूता नही रहना चाहते है। उनके
होसलें ये दावा करते है कि वो किसी चीज से नही डरते है। वो तो बस बम बम भोले करते हुए अपने
बर्फानी में रमे हुए है। उनकी भावना को कोई ठेस नही पहुचा सकता है। जब तक भोलेबाबा भक्तों को
बुलाते रहेंगे तब तक भक्त आते रहगें ।
यहां पर कई बार अमरनाथ यात्रियों की बसों को या फिर उनकी गाड़ियों को पत्थरबाजों द्वारा निशाना
बनाया जाता है। लेकिन फिर भी दूर दूर देश विदेश से भक्त यहां आकर जमकर नाचगाना करते है। और
जयकारों के साथ ही दर्शन भी करते है।
जय बाबा अमरनाथ
अमरनाथ गुफा के लिए यात्री भजन कीर्तन करते हुए बसों से या रेल से या फिर हवाई जहाज से जाते है।
कड़ी सुरक्षा इंतजामों बावजुद और बार बार मौसम खराब होने के कारण इस बार यात्रा में थोड़ा असर पड
़ा है। लेकिन फिर भी बाबा बर्फानी के भक्तों का जोश अभी तक कम नही हुआ है।
चंदनवाड़ी, पीसुटॉप, शेषनाग व पंचतरणी होते हुए 42 कि.मी. जो कि 2 दिन की यात्रा करते हुए पवित्र
गुफा तक पहुंचते है। पहलगाव से जब यात्रा शुरू करते है तो अगले दिन उसको पवित्र गुफा के दर्शन हो
जाते है। जबकि बालटाल का छोटा रास्ता है उस रास्ते से जो यात्रा शुरू करते है उनको पवित्र गुफा के
दर्शन उसी दिन हो जाते है। बालटाल से लोग ज्यादा जाने के कोशिश करते है क्योंकि यह रास्ता छोटा
पड़ता है।
यात्री यहां पर लगंरो में रूकते है। जबकि काफी संख्या में लोग होटलों में भी रूकते है। मौसम में लगातार
बारिश हो रही है। और मोसम विभाग भी अगले दो दिनों तक बारिश होने की बात कह रहा है। लेकिन
फिर भी बाबा के भक्तों को इसका कोई असर नही पड़ा है।
बाबा अमरनाथ की पवित्र गुफा की तरफ जाने के लिए दो रास्ते है पहला अंतनाग और गांध्रबल से यानिकी
पहलगांव और बालटाल के रास्ते बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए जाते है। अब इंतजार खत्म हो चुका है
क्योंकि अब अमरनाथ यात्रा प्रारम्भ हो चुकी है और श्रद्वालु पवित्र गुफा के दर्शन कर पाएगें ।
अबकी बार अमरनाथ के लिए भी सुरक्षा के लिए भी पुख्ता इंतजाम किए गये है। जिस 300 किलोमीटर
हाईवे से अमरनाथ यात्रा गुजरती है। उसे जत्था रवाना होने से पहले खंगाला जाता है। जिसे रोड़
ओपनिंग कहा जाता है।
अबकी बार अमरनाथ यात्रा शुरू हो चुकी है। और हमेशा से ही आंतकी वारदातों का खतरा को नाकाम
करते हुए अमरनाथ यात्री तथा सुरक्षा एजेंसी जिस रास्ते से पवित्रगुफा का सफर होता है। इस 300
किलोमीटर लंबे श्रीनगर से अमरनाथ जी जो चौड़ी सड़को के साथ साथ बहुत गहरी खाईया लिए हुए है
यहां पर आंतक का साया हरपल मंडराता रहता है। फिर भी सुरक्षा एजेंसी इस 300 कि.मी. हाईवे को पूरी
तरह खंगाल कर चप्पे चप्पे को सुरक्षित रखती है। सुरक्षा की दृष्टि से गहरी खाईयों में आतंकी छिपते है।
इस पूरे जंगलनुमा रास्ते की हर रोज रोड़ओपनिंग की जाती है। यहां पर सुरक्षा एजेंसी हर रोज गस्त
करते है। और कानबाई के आने से ठीक पहले पूरी तरह से तालाशी अभियान चलाया जाता है। अमरनाथ
यात्रा को शुरू होने से पहले पूरी तरह से पूरे इलाके को खंगाले है।
इस साल हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसीओ ने अर्लट भी जारी किया है कि इस बार कोई भी अनहोने हो
सकती है इसलिए अब अमरनाथ यात्रा को सफल बनाने के लिए 40000 जवान इसकी सुरक्षा में लगाये गये
है।
अमरनाथ यात्रा में सबसे पहले राज्यपाल पूजा अर्चना करते है और यात्रा का प्रारम्भ हो जाता है।
चलिए आपको पहलगाव से कुछ जानकारी देते है।
अबकी बार सुरक्षा की दृष्टि से देखा जाए तो काफी इंतजाम किये गये है सीआरपीएफ के जवान यहां के
कैंपों पर कड़ी नजर रखे हुए है। यहां पर अतिरिक्त बंकर बनाए जा रहें है। हाईवे पर किसी प्रकार की
रूकावट ना हो इसके लिए जवानों की अन्य कपनियां भी लगाई गई है। सुरक्षा की दृष्टी से अबकी बार
यात्रा बिलकुल सुरक्षित नजर आ रही है। सभी अन्य अमरजैंसी सर्विस है जो कि मौसम खराब होने की
वजह से कभी भी किसी भी वक्त के लिए अलर्ट रहना जरूरी है।
कश्मीर के बिड़गे हालातों के बावजुद भी लोग बाबा के दर्शनों से अछूता नही रहना चाहते है। उनके
होसलें ये दावा करते है कि वो किसी चीज से नही डरते है। वो तो बस बम बम भोले करते हुए अपने
बर्फानी में रमे हुए है। उनकी भावना को कोई ठेस नही पहुचा सकता है। जब तक भोलेबाबा भक्तों को
बुलाते रहेंगे तब तक भक्त आते रहगें ।
यहां पर कई बार अमरनाथ यात्रियों की बसों को या फिर उनकी गाड़ियों को पत्थरबाजों द्वारा निशाना
बनाया जाता है। लेकिन फिर भी दूर दूर देश विदेश से भक्त यहां आकर जमकर नाचगाना करते है। और
जयकारों के साथ ही दर्शन भी करते है।
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