रोतेँ हूऐ लिपट जाने की आदत है //dard Bhari shayari video

  • 7 years ago
रोतेँ हूऐ लिपट जाने
की आदत है उसकी …….
इस तरह से दर्देदिल छुपाते हैं,
दिल रोता है और हम मुस्कुराते हैं
सुना होगा किसी से दर्द की एक हद होती है,
मिलो हम से की हम उस हद के पार जाते हैं

हम खुद बेचा करते कभी दर्देदिल की दवा,
आज वक़्त ने हमें ला खड़ा किया हमारी ही दूकान पर.
तेरी तलाश में निकलूँ भी तो किआ फायदा,
तू बदल गया है खोया होता तो अलग बात थी

हर वक़्त तेरे आने की आस रहती है
हर पल तुझसे मिलने की प्यास रहती है
सब कुछ है यहाँ बस तू नही!
इसलिए शायद ये जिंदगी उदास रहती है!

Recommended