इस गांव की लड़किया 12 साल की उम्र में, लड़के में बदल जाती है
इस गांव की लड़किया 12 साल की उम्र में, लड़के में बदल जाती है
एक गांव ऐसा जहाँ लड़की पैदा तो होती है लेकिन 12 साल के उम्र में खुद शारीरिक और जैविक रूप से पुरुष बन जाती है।
यह दुर्लभ मामला सैलिनास में रहने वाले कई बच्चों की है, जो दक्षिण-पश्चिमी डोमिनिकन गणराज्य के एक पृथक गांव में रहते हैं, जहाँ प्रतीत होता है कि जन्म तो लेते हैं लड़की और अपने किशोरवस्था में पुरुष बन जाते है।
आपको ये मामला असाधारण लग सकता है, लड़कों में बदल रही छोटी लड़कियों का ये मामला गांव में इतना प्रचलित हैं कि अब इसे असामान्य नहीं माना जाता है।
साइंटिस्ट का मानना है कि यह एक दुर्लभ आनुवंशिक बीमारी है जो कि, एक एंजाइम डायहाइड्रो टेस्टोस्टेरोन - 1 के कमी के कारण होता है।
गर्भ में सभी शिशुएं, चाहे पुरुष या महिलाएं आंतरिक ग्रंथियों को गोनाड के रूप में जाना जाता है करीब आठ हफ्ते में, वाई के गुणसूत्र को ले जाने वाले नर बच्चे बड़ी मात्रा में डायहाइड्रो टेस्टोस्टेरोन का उत्पादन शुरू करते हैं, जो ट्यूबरले को लिंग में बदल देता है।
लेकिन कुछ पुरुष शिशुओं में एंजाइम 5-α-रिडक्टेस नही होती है जो हार्मोन की बढ़ोतरी को ट्रिगर करता है, इसलिए वे वृषण के साथ महिला पैदा होते हैं और और उनका लिंग लड़कियों का प्रतीत होता है। परंतु जब वे 12 के होते है तो टेस्टोस्टेरोन की एक और बड़ी वृद्धि उत्पन्न होती है, जो गर्भ में होना चाहिए था वो 12 साल बाद होता है उनकी आवाज में भारीपन आता है और अंत में वे एक लिंग विकसित करते हैं
इस गांव की लड़किया 12 साल की उम्र में, लड़के में बदल जाती है
एक गांव ऐसा जहाँ लड़की पैदा तो होती है लेकिन 12 साल के उम्र में खुद शारीरिक और जैविक रूप से पुरुष बन जाती है।
यह दुर्लभ मामला सैलिनास में रहने वाले कई बच्चों की है, जो दक्षिण-पश्चिमी डोमिनिकन गणराज्य के एक पृथक गांव में रहते हैं, जहाँ प्रतीत होता है कि जन्म तो लेते हैं लड़की और अपने किशोरवस्था में पुरुष बन जाते है।
आपको ये मामला असाधारण लग सकता है, लड़कों में बदल रही छोटी लड़कियों का ये मामला गांव में इतना प्रचलित हैं कि अब इसे असामान्य नहीं माना जाता है।
साइंटिस्ट का मानना है कि यह एक दुर्लभ आनुवंशिक बीमारी है जो कि, एक एंजाइम डायहाइड्रो टेस्टोस्टेरोन - 1 के कमी के कारण होता है।
गर्भ में सभी शिशुएं, चाहे पुरुष या महिलाएं आंतरिक ग्रंथियों को गोनाड के रूप में जाना जाता है करीब आठ हफ्ते में, वाई के गुणसूत्र को ले जाने वाले नर बच्चे बड़ी मात्रा में डायहाइड्रो टेस्टोस्टेरोन का उत्पादन शुरू करते हैं, जो ट्यूबरले को लिंग में बदल देता है।
लेकिन कुछ पुरुष शिशुओं में एंजाइम 5-α-रिडक्टेस नही होती है जो हार्मोन की बढ़ोतरी को ट्रिगर करता है, इसलिए वे वृषण के साथ महिला पैदा होते हैं और और उनका लिंग लड़कियों का प्रतीत होता है। परंतु जब वे 12 के होते है तो टेस्टोस्टेरोन की एक और बड़ी वृद्धि उत्पन्न होती है, जो गर्भ में होना चाहिए था वो 12 साल बाद होता है उनकी आवाज में भारीपन आता है और अंत में वे एक लिंग विकसित करते हैं
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