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Weaving process of Paithani Saree. Women weaver from Paithan taluka in Aurangabad district of Maharashtra use to weave Paithani (पैठणी ) Saree. Paithani name came from its city Paithan. The art of Paithani is over 2000 years old. This saree was developed in the Satvahan dynasty (the then Pratishthan Nagar). Basically Paithani is made with silk, yarn threads and Zari. Peacock design is very famous in Paithani Sarees. Watch here the weaving process of Paithani Saree in International Trade Fair, Delhi 2017.

दिल्ली के प्रगति मैदान में इन दिनों 37वाँ अंतर राष्ट्रीय व्यापार मेला लगा हुआ है। इस मेले में आप देश-विदेश की अलग अलग कलाकृतियों, अलग अलग संस्कृतियों के दर्शन कर सकते हैं। इस मेले में घूमते-घूमते हम जा पहुंचे महाराष्ट्र के स्टाल में। वैसे तो यहाँ पर बहुत कुछ देखने लायक था,पर ,हमारी नज़र जिस चीज़ पर जाकर टिकी वो थी 'पैठणी साड़ी'। 2000 साल पुराने इतिहास से जुड़ी इस साड़ी को कैसे बनाया जाता है और इसकी क्या खासियत होती है इस बारे में हमने पूछा इस साड़ी को बनाने वाली एक बुनकर से । तो आइये देखते हैं इस बातचीत के खास अंश:-

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