• 6 years ago
प्रश्नकाल यानि वो सवाल जिसका पूछा जाना जरुरी है. कल योग दिवस है और उससे पहले दो सवाल ज़हन में उठने लाज़मि हैं... पहला तो ये कि क्या देश औऱ दुनिया को योग से जोड़ने की पीएम नरेन्द्र मोदी की तीन साल पहले शुरु हुई मुहिम अब सियासी दीवारों को लांघ चुकी है और इसे धर्म के आइने से देखा जाना बंद हो गया है और दूसरा सवाल ये कि क्या आपके लिए योग दिवस का मतलब एक और सेल्फी है सोशल मीडिया के लिए या फिर योग के सही मायनों को समझते हुए खुद को तलाशने और अध्यात्म के रास्ते चलने का जरिया है योग... दूसरे सवाल का जवाब तो आपको खुद तलाशना होगा लेकिन इतना जरुर है कि योग दिवस के पहले साल में जो विरोध इसे हिन्दुत्व के प्रचार के तौर पर दिखाने को लेकर हुआ था वो अब लगभग खत्म हो गया है... इस बार भी तैयारी पूरी है... न सिर्फ भारत में बल्कि दुनिया के करीब 175 देशों में है... न सिर्फ योग गुरु तैयार हैं बल्कि नेता से लेकर फिल्म स्टार तक तैयार हैं.. न सिर्फ जमीन पर बल्कि पानी से लेकर 15000 फीट की ऊंचाई पर आसमान में.. हर जगह हो रहा है योग... जरा एक नजर डालिए इस रिपोर्ट पर.

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