break statue of shivalinga in varansi are not of kashi vihwanath temple
वाराणसी। यूपी के वाराणसी में 19 दिसंबर को जिन शिवलिंगों को लेकर अफवाह फैलाई गई थी। साथ ही उसे काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण में मन्दिर तोड़कर मलबे में फेकने की बाते सोशल मीडिया में फैलाई गई आखिरकार उस राज से पर्दा उठ गया है। मलबे में मिले शिवलिंग और नन्दी की खंडित मूर्तियां काशी विश्वनाथ परिक्षेत्र की नहीं बल्कि मदनपुरा गणेश महाल के दूसरे जर्जर 200 साल पुराने मन्दिर में रखी खंडित मूर्तियां थीं। इस मामले में स्थानीय लोगों की माने तो यह मंदिर काफी पुराना और खुद से जमीदोज हो चुका था। पुलिस इस मामले में सक्रियता दिखाते हुए उन बातों को सामने ले आई कि मलबे से निकले शिवलिंगों के वायरल वीडियो का कॉरिडोर से कोई वास्ता नहीं। जबरन ऐसी बाते सोशल मीडिया पर फैलाकर माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही हैं।
वाराणसी। यूपी के वाराणसी में 19 दिसंबर को जिन शिवलिंगों को लेकर अफवाह फैलाई गई थी। साथ ही उसे काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण में मन्दिर तोड़कर मलबे में फेकने की बाते सोशल मीडिया में फैलाई गई आखिरकार उस राज से पर्दा उठ गया है। मलबे में मिले शिवलिंग और नन्दी की खंडित मूर्तियां काशी विश्वनाथ परिक्षेत्र की नहीं बल्कि मदनपुरा गणेश महाल के दूसरे जर्जर 200 साल पुराने मन्दिर में रखी खंडित मूर्तियां थीं। इस मामले में स्थानीय लोगों की माने तो यह मंदिर काफी पुराना और खुद से जमीदोज हो चुका था। पुलिस इस मामले में सक्रियता दिखाते हुए उन बातों को सामने ले आई कि मलबे से निकले शिवलिंगों के वायरल वीडियो का कॉरिडोर से कोई वास्ता नहीं। जबरन ऐसी बाते सोशल मीडिया पर फैलाकर माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही हैं।
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