#जीवन संवाद: दुख से प्रेम और सुख!

  • 5 years ago
सुख परछाई की तरह है, धूप ढलते ही लौट जाता है. दूसरी ओर दुख शाम के रंगों की तरह हमारे भीतर घुलता जाता है. इसीलिए दुख लंबे, गहरे होते हैं, सुख छोटे और हल्के होते हैं. किसी के साथ सुख, प्रेम का सुख‌ कितना छोटा होता है. जबकि अलगाव और विरह इतने घने, गहरे होते हैं कि आत्मा पर उनके निशान मिटाते-मिटाते मनुष्य का जीवन उसेे छोटा लगने लगता है.

Recommended