खोज दर्द, दर्द, दर्द और दर्द || आचार्य प्रशांत, संत रूमी पर (2017)

  • 5 years ago
वीडियो जानकारी:

शब्दयोग सत्संग, अद्वैत बोध शिविर
२६ मई, २०१७
जिम कॉर्बेट, उत्तराखंड

दर्द पुरानी दवा को नया बना देता है,
दर्द उदासी की हर शाख़ काट देता है।

दर्द चीज़ों को नया बनाने का कीमिया है,
मलाल कैसे हो उठ गया दर्द जहाँ है।

अरे नहीं बेज़ार हो कर मत भर आह सर्द,
खोज दर्द, खोज दर्द, दर्द, दर्द और दर्द।

~ सूफ़ी संत रूमी

प्रसंग:
संत रूमी दर्द पर क्यों जोर दे रहे है?
दर्द का होना क्यों आवश्यक है?
क्या सत्य ही सिर्फ एक दवा है?
सत्यस्थ में कैसे जिये?
दुःख क्या है?

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