जहाँ समय है, वहाँ कर्मफल है || आचार्य प्रशांत, श्री अष्टावक्र पर (2014)
- 5 years ago
वीडियो जानकारी:
शब्दयोग सत्संग
२६ नवम्बर २०१४
अद्वैत बोधस्थल,नॉएडा
अष्टावक्र गीता (अध्याय ११ श्लोक ३)
आपदः संपदः काले दैवादेवेति निश्चयी।
तृप्तः स्वस्थेन्द्रियो नित्यं न वान्छति न शोचति||
प्रसंग:
कर्मफल माने क्या?
समय का क्या अर्थ है?
कर्मफल से मुक्ति कैसे पाएं?
शब्दयोग सत्संग
२६ नवम्बर २०१४
अद्वैत बोधस्थल,नॉएडा
अष्टावक्र गीता (अध्याय ११ श्लोक ३)
आपदः संपदः काले दैवादेवेति निश्चयी।
तृप्तः स्वस्थेन्द्रियो नित्यं न वान्छति न शोचति||
प्रसंग:
कर्मफल माने क्या?
समय का क्या अर्थ है?
कर्मफल से मुक्ति कैसे पाएं?