किस हद तक संस्कारित हैं हम? || आचार्य प्रशांत, के संग (2013)

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वीडियो जानकारी:

संवाद सत्र
१३ नवम्बर, २०१३
एम. आई. टी, मुरादाबाद

प्रश्न: आचार्य जी, कैसे पता चले कि क्या संस्कारित है और क्या नहीं?

आचार्य जी: जिस भी चीज़ का कोई कारण ना मिले, समझ लेना कुछ ख़ास हुआ। जो कुछ भी संस्कारित है, वो कार्य कारण के दायरे में आता है। जिस भी चीज़ का ज़िन्दगी में कारण पाओ, समझ लेना कि अभी संस्कारित काम ही कर रहे हो। और जिसका तुम्हें कोई कारण ही ना मिले, तब समझ लेना कुछ ख़ास हुआ।

प्रसंग:
मन किस प्रकार संस्कारित होता है?
किस हद तक संस्कारित हैं हम?
क्या समाज के दिए हुए संस्कार झूठे हैं?
संस्कारों से कैसे मुक्त हों?
समाज हम पर हावी क्यों हो जाता हैं?
मन समाज से प्रभावित क्यों हो जाता है?

संगीत: मिलिंद दाते