जो इंसान का नहीं, वही इंसान के काम का है || आचार्य प्रशान्त (2016)

  • 5 years ago
वीडियो जानकारी:

शब्दयोग सत्संग
७ अगस्त २०१६
रमण महर्षि केंद्र, दिल्ली

प्रसंग:
जो इंसान का नहीं, वही इंसान के काम का है?
हर इंसान को संसार अलग - अलग क्यों मालूम पड़ता है?
मित्र किसे कहते है?
हमारी मन इतना घायल क्यों है?
"घायल मन" घायल मन के पास ही क्यों जाना चाहता हैं?

संगीत: मिलिंद दाते

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