वो तो तुम्हें देख ही रहा है, तुम उसे कब देखोगे? || आचार्य प्रशांत, संत कबीर पर (2014)

  • 5 years ago
वीडियो जानकारी:

शब्दयोग सत्संग
२७ अप्रैल २०१४
अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा

दोहा:
दीन लखै मुख सबन को, दीनहिं लखै न कोय |
भली बिचारी दीनता, नरहू देवता होय || (संत कबीर)

प्रसंग:
सत्य क्या है?
संतत्व क्या है?
तुम उसे कब देखोगे?