तामसिक, राजसिक और सात्विक त्याग || आचार्य प्रशांत, सांख्य योग पर (2013)

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वीडियो जानकारी:

शब्दयोग सत्संग
१० जून, २०१३
अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा

संगीत: मिलिंद दाते
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न हि देहभृता शक्यं त्यक्तुं कर्माण्यशेषतः।
यस्तु कर्मफलत्यागी स त्यागीत्यभिधीयते।।
(अध्याय १८ श्लोक ११)

प्रसंग:
प्रकृति क्या होती है?
पुरुष क्या होता है?
बंधन का क्या अर्थ होता है?
प्रकृति में कितने गुण होते है?
त्याग के तीन प्रकार क्या होते हैं?
तामसिक, राजसिक और सात्विक त्याग में क्या अंतर है?
अहंकार क्या है?
तामस सबसे निचला गुण क्यों है?
क्या तामस प्रकृति के सबसे निचला गुण है?
तामस का त्याग कैसे करें?
सात्विक का मतलब क्या है?
सात्विक कैसे पाये?
रजस का मतलब क्या होता है?
तमस मन से सात्विक की ओर कैसे जाया जा सकता है?

संगीत: मिलिंद दाते