अपनी रुचियों को गंभीरता से मत ले लेना || आचार्य प्रशांत, युवाओ के संग (2012)
- 5 years ago
वीडियो जानकारी:
संबाद सत्र
७ फ़रवरी २०१२
के.ई.सी कॉलेज
प्रसंग:
रुचियां कहाँ से आती है?
अपनी रुचियों को गंभीरता से मत ले लेना
हमें एक ही तरह की रुचियां क्यों भाती है?
कुछ दिन में ही अपनी रुचियां से मन क्यों ऊब जाती है?
बांसुरी संगीत: मिलिंद दाते
संबाद सत्र
७ फ़रवरी २०१२
के.ई.सी कॉलेज
प्रसंग:
रुचियां कहाँ से आती है?
अपनी रुचियों को गंभीरता से मत ले लेना
हमें एक ही तरह की रुचियां क्यों भाती है?
कुछ दिन में ही अपनी रुचियां से मन क्यों ऊब जाती है?
बांसुरी संगीत: मिलिंद दाते