भीमा कोरेगांव हिंसा मामले की जांच की कमान केन्द्र ने एनआईए को सौंपी, महाराष्ट्र सरकार नाराज़
भीमा कोरेगांव हिंसा मामले की जांच एनआईए को सौंपे जाने पर महाराष्ट्र की शिवसेना सरकार ने नाराजगी जताई है। शिवसेना सरकार ने इसे असंवैधानिक करार दिया है।
जनवरी 2018 में भीमा कोरेगांव की लड़ाई के 200वें वर्ष पूरे होने पर वार्षिक उत्सव मनाया जा रहा था, उसी दौरान हिंसा भड़क उठी थी। सभा में बड़ी तादाद में महार समुदाय के लोग शामिल थे। बताया जाता है कि सभा पर कुछ असामाजिक तत्वों ने पथराव करना शुरू कर दिया जिसमें 28 वर्षीय राहुल पतंगले की मृत्यु हो गई थी। इसके बाद देश के अलग-अलग हिस्सों में विरोध-प्रदर्शन हुए।
हाल ही में महाराष्ट्र की शिवसेना सरकार ने भीमा कोरेगांव हिंसा मामले की जांच के लिए एसआईटी के गठन की बात कही थी लेकिन केन्द्र सरकार ने मामले को एनआईए के हाथों में सौंप दी है। देखिये इस मामले पर कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित से हमारे सहयोगी अजय झा ने बात की।
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जनवरी 2018 में भीमा कोरेगांव की लड़ाई के 200वें वर्ष पूरे होने पर वार्षिक उत्सव मनाया जा रहा था, उसी दौरान हिंसा भड़क उठी थी। सभा में बड़ी तादाद में महार समुदाय के लोग शामिल थे। बताया जाता है कि सभा पर कुछ असामाजिक तत्वों ने पथराव करना शुरू कर दिया जिसमें 28 वर्षीय राहुल पतंगले की मृत्यु हो गई थी। इसके बाद देश के अलग-अलग हिस्सों में विरोध-प्रदर्शन हुए।
हाल ही में महाराष्ट्र की शिवसेना सरकार ने भीमा कोरेगांव हिंसा मामले की जांच के लिए एसआईटी के गठन की बात कही थी लेकिन केन्द्र सरकार ने मामले को एनआईए के हाथों में सौंप दी है। देखिये इस मामले पर कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित से हमारे सहयोगी अजय झा ने बात की।
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