The festival of Bhishma Ashtami is dedicated to Bhishma Pitamah, the great character of Mahabharata. This day is extremely lucky, so people keep Bhishma Ashtami fast on this day. Mythologically, this festival marks the death of Bhishma Pitamah. On this day Bhishma Pitamah gave up his life. He himself chose this holy day. Bhishma Ashtami is celebrated in different regions of the nation. All ISKCON temples as well as temples of Lord Vishnu have grand celebrations in honor of Bhishma Pitamah.
भीष्म अष्टमी का पर्व महाभारत के महान पात्र भीष्म पितामह को समर्पित है। यह दिन बेहद ही भाग्यशाली होता है, इसलिए लोग आज के दिन भीष्म अष्टमी का व्रत रखते है। पौराणिक रूप से यह पर्व भीष्म पितामह की मृत्यु का प्रतीक है। इसी दिन भीष्म पितामह ने अपने प्राण को त्यागा था। इस पावन दिन को उन्होंने स्वयं ही चुना था। भीष्म अष्टमी का उत्सव राष्ट्र के विभिन्न क्षेत्रों में होता है। सभी इस्कॉन मंदिरों के साथ-साथ भगवान विष्णु के मंदिरों में भीष्म पितामह के सम्मान में भव्य उत्सव होता है।
भीष्म अष्टमी का पर्व महाभारत के महान पात्र भीष्म पितामह को समर्पित है। यह दिन बेहद ही भाग्यशाली होता है, इसलिए लोग आज के दिन भीष्म अष्टमी का व्रत रखते है। पौराणिक रूप से यह पर्व भीष्म पितामह की मृत्यु का प्रतीक है। इसी दिन भीष्म पितामह ने अपने प्राण को त्यागा था। इस पावन दिन को उन्होंने स्वयं ही चुना था। भीष्म अष्टमी का उत्सव राष्ट्र के विभिन्न क्षेत्रों में होता है। सभी इस्कॉन मंदिरों के साथ-साथ भगवान विष्णु के मंदिरों में भीष्म पितामह के सम्मान में भव्य उत्सव होता है।
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