दिल्ली में बीजेपी की हार कोई मामूली हार नहीं है. ये 200 सांसदों की फौज, करोड़ों रुपए, दर्जनों 'बयान वीरों' की मंडली, सोशल मीडिया पर जहर की दुकान चलाने वाले और सबसे ज्यादा उस चाणक्य नीति की हार है, जिसे हर कोई हमेशा के लिए तख्ते नशीं समझ बैठा था. एक के बाद एक 6 राज्यों में बीजेपी की लगातार हार खुद पूछ रही है कि चाणक्य नीति काम कर रही थी या फिर सामने सही निशाना लगाने वाला कोई अर्जुन नहीं था? अब गाली, गोली, हिंदू-मुसलमान करेंगे तो जनता ऐसी ही वोट का ‘करंट’ लगाकर पूछेगी, जनाब ऐसे कैसे?
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