शरीर पर कैसे असर करती है Vizag की जहरीली स्टायरिन

  • 4 years ago
कोरोना काल में आंध्रप्रदेश में गैस लीक हादसे ने करीब 36 साल पहले हुई भोपाल गैस त्रासदी की यादें ताजा कर दीं। उस समय यूनियन कार्बाइड फैक्टरी से मिथाइल आइसोसाइनाइड के रिसाव ने हजारों लोगों को मौत की नींद सुला दिया था।

इसी तरह वेंकटपुरम गांव में एलजी पॉलिमर कंपनी के प्लांट से रिसी पीवीसी या स्टायरिन गैस ने लोगों को बदहवास कर दिया। मरने वाले 11 लोगों में महिलाएं और बच्चे शामिल हैं।

कंपनी के एक प्लांट से गुरुवार रात 2.30 बजे के आसपास पीवीसी गैस लीक होना शुरू हुआ। गुरुवार को 40 दिन के बाद कंपनी के परिचालन की तैयारी चल रही थी। इसी बीच यह दर्दनाक हादसा हो गया।

क्या है स्टायरिन गैस : स्टायरिन गैस प्लास्टिक, पेंट, टायर जैसी चीजें बनाने में इस्तेमाल होती है।

स्टायरिन को एथेनिलबेनजीन, विनालेनबेन्जिन और फेनिलिथीन के रूप में भी जाना जाता है। 1926 में वाल्डो सेमॉन
नाम के वैज्ञानिक ने पीवीसी को प्लास्टिक रूप में लाए थे।

आजकल पीवीसी से पाइप, खिड़कियों के फ्रेम, दरवाजे, ज्वाइंट्स, टंकी बनाए जाते हैं। सस्ता और मजबूत होने से
बिल्डिंग निर्माण में आजकल इसका बहुत ज्यादा प्रयोग किया जाता है।

वर्तमान में पीवीसी दुनिया का तीसरा सबसे भरोसेमंद प्लास्टिक प्रोडक्ट है। पहले पॉलीइथालीन और पॉलीप्रोपाइलीन का उपयोग होता है। पीवीसी यानी पॉलीविनाइल क्लोराइड का उपयोग मकान बनाने में किया जाता है।

विशेषज्ञों के अनुसार स्टायरिन हवा के साथ मिलकर जहरीली गैस में बदल जाती है। फेफड़ों पर बुरा असर पड़ने के कारण 10 मिनट के भीतर प्रभावित व्यक्ति की जान भी जा सकती है।

एनडीआरएफ के महानिदेशक एसएन प्रधान के मुताबिक स्टायरिन केंद्रीय तंत्रिका तंत्र, गले, त्वचा, आंखों और शरीर के
अन्य हिस्सों को भी इफेक्ट करती है। इसका नर्वस सिस्टम पर सीधा असर होता है।

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