मानसिक रोग के लक्षण. Maanasik Rog Ke Lakshan with Sadhguru
प्रश्न: आपने कहा था कि तीस प्रतिशत बीमारियाँ शरीर की होती हैं, और बाकी मन से पैदा होती हैं। अगर हमें कोई बीमारी होती है, तो हम ये कैसे पता लगाएं कि इसे मन ने पैदा किया है या यह शरीर की है? और अगर ये साईकोसोमैटिक या मनोदैहिक प्रकृति की है, तो इसके पीछे किस तरह की भावनाओं और विचारों का हाथ होता है?
सद्गुरु इस सवाल का जवाब देते हुए बता रहे हैं कि कैसे मन खुद ही शरीर के भीतर जहरीला सूप तैयार कर सकता है। वे बताते हैं कि आजकल आधुनिक समाज बीमारियों को सहज प्रक्रिया मानता है जो कि एक बहुत बड़ी गलती है। एक इंसान बेहतरीन "सूप" तैयार करके खुशी के साथ अपना जीवन जी सकता है।
एक योगी, युगदृष्टा, मानवतावादी सद्गुरु, एक आधुनिक गुरु हैं, जिनको योग के प्राचीन विज्ञान पर पूर्ण अधिकार है। विश्व शांति और खुशहाली की दिशा में निरंतर काम कर रहे सद्गुरु के रूपांतरणकारी कार्यक्रमों से दुनिया के करोडों लोगों को एक नई दिशा मिली है। दुनिया भर में लाखों लोगों को आनंद मार्ग में दीक्षित किया गया है।
सद्गुरु इस सवाल का जवाब देते हुए बता रहे हैं कि कैसे मन खुद ही शरीर के भीतर जहरीला सूप तैयार कर सकता है। वे बताते हैं कि आजकल आधुनिक समाज बीमारियों को सहज प्रक्रिया मानता है जो कि एक बहुत बड़ी गलती है। एक इंसान बेहतरीन "सूप" तैयार करके खुशी के साथ अपना जीवन जी सकता है।
एक योगी, युगदृष्टा, मानवतावादी सद्गुरु, एक आधुनिक गुरु हैं, जिनको योग के प्राचीन विज्ञान पर पूर्ण अधिकार है। विश्व शांति और खुशहाली की दिशा में निरंतर काम कर रहे सद्गुरु के रूपांतरणकारी कार्यक्रमों से दुनिया के करोडों लोगों को एक नई दिशा मिली है। दुनिया भर में लाखों लोगों को आनंद मार्ग में दीक्षित किया गया है।
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