निगम के कनिष्ठ सहायक ने बिचौलिए से लिए एक लाख रुपए, दोनों गिरफ्तार

  • 4 years ago
निगम के कनिष्ठ सहायक ने बिचौलिए से लिए एक लाख रुपए, दोनों गिरफ्तार

- निर्माणाधीन इमारत सीज मुक्त करने की एवज में मांगे थे दो लाख रुपए

जोधपुर.
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने निर्माणाधीन इमारत को सीज मुक्त करने की एवज में एक लाख रुपए रिश्वत लेने के आरोप में नगर निगम के कनिष्ठ सहायक और उसके बिचौलिए को शुक्रवार रात गिरफ्तार किया। बिचौलिए ने पहले एक लाख रुपए रिश्वत लिए थे और फिर मोबाइल पर बात करने के बाद कनिष्ठ सहायक को देने के लिए सोजती गेट चौकी के बाहर गया था, जहां दोनों को पकड़ लिया गया।

ब्यूरो के उप महानिरीक्षक डॉ विष्णुकांत ने बताया कि चौहाबो में आरके नगर निवासी ताराचंद पुत्र रामकुमार की बोम्बे मोटर्स सर्किल से १२वीं रोड जाने वाली सड़क पर इमारत का निर्माण कार्य चल रहा है। वाणिज्यिक निर्माण कार्य में खामी होने के चलते शिकायत मिलने पर नगर निगम ने ढाई माह पहले इमारत सीज कर निर्माण कार्य बंद करा दिया था। इमारत को सीज मुक्त कराने के लिए ताराचंद कई दिनों से नगर निगम के चक्कर काट रहा था। इसके लिए उसने नगर निगम में अविज्ञा शाखा अतिक्रमण शाखा के कनिष्ठ सहायक चन्द्रजीत हंस से सम्पर्क किया।

इमारत को सीज मुक्त कराने के लिए उसने दो लाख रुपए रिश्वत मांगी। इमारत मालिक के आग्रह पर वो एक लाख रुपए लेने को सहमत हो गया। कनिष्ठ सहायक ने रिश्वत राशि लेने के लिए बतौर बिचौलिए उदयमंदिर निवासी मोहम्मद जाहिद को शाम छह बजे ताराचंद की १२वीं रोड स्थित कार डेकोरेशन की दुकान भेजा, जहां उसने मोहम्मद जाहिद को एक लाख रुपए दे दिए। साथ ही बिचौलिए की कनिष्ठ सहायक से बात भी करा दी। कनिष्ठ सहायक चन्द्रजीत ने रिश्वत राशि लेने के लिए बिचौलिए को सोजती गेट चौकी के सामने बुलाया।
कुछ देर बाद मोहम्मद जाहिद सोजती गेट चौकी के पास पहुंचा, जहां पहले से तैयार खड़े नगर निगम के कनिष्ठ सहायक डीओ शाखा (अविज्ञा अतिक्रमण शाखा) चन्द्रजीत को एक लाख रुपए दे दिए। इतने में वहां खड़े एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नरेन्द्र चौधरी के नेतृत्व में निरीक्षक मनीष वैष्णव ने वहां दबिश दी और कनिष्ठ सहायक चन्द्रजीत (२८) पुत्र जितेन्द्र हंस और उदयमंदिर निवासी बिचौलिए मोहम्मद जाहिद (४०) पुत्र मोहम्मद रज्जाक को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। आरोपी से रिश्वत राशि बरामद कर ली गई।

निर्माणाधीन इमारत सीज कराने और फिर उसे सीज मुक्त करने की एवज में लेन-देन के मामले में कुछ कथित पत्रकारों की भूमिका भी एसीबी के सामने आई है। जिनकी जांच की जा रही है।

अनुकम्पा नौकरी पर लगा है कनिष्ठ सहायक

एएसपी नरेन्द्र चौधरी का कहना है कि आरोपी कनिष्ठ सहायक के पिता भी नगर निगम में थे। ड्यूटी के दौरान पिता की मृत्यु हो गई थी। तब चन्द्रजीत को करीब पांच-छह साल पहले अनुकम्पा नौकरी मिली थी।

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