ह्यूमन ट्रैफिकिंग और चाइल्ड लेबर को जड़ से खत्म करना चाइल्ड लाइन का मकसद: जफ़र आलम

  • 4 years ago
करीब 300 ऐसे बच्चों को रेलवे चाइल्ड लाइन में उनके परिजनों को मिलाया जो बच्चे घर छोड़कर भाग आए थे और नशे की लत उन बच्चों को अपनी गिरफ्त में जकड़े हुई थी । रेलवे चाइल्ड लाइन के 2 वर्ष पूरे होने पर एक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया इस सम्मान समारोह में रेलवे अधिकारियों के साथ-साथ सामाजिक संगठन भी मौजूद रहे । सभी लोगों ने एक साथ मिलकर ह्यूमन ट्रैफिकिंग और नशे की लत की आदी हो चुके बच्चों को सही राह पर लाने की जिम्मेदारी ली ।

दो वर्ष में देखे उतार चढ़ाव
कोई घर छोड़कर भाग आया तो कोई घर से लाकर छोड़ गया ऐसे उन बच्चों को उनका हक दिलाने के लिए पिछले 2 साल से रेलवे चाइल्ड लाइन धरातल पर रहकर उन परिवारों को खुशी देने का कार्य कर रही है । चिराग सोसाइटी के आज 2 वर्ष पूरे हो गए हैं । 2 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया । चिराग सोसाइटी के डायरेक्टर जफर आलम ने बताया कि हम लोग ऐसे उन बच्चों को रेस्क्यू कर उनके परिवार तक पहुंचाते हैं जो बच्चे अपने परिवार से लड़ झगड़ कर या बुरी आदतों की वजह से भाग आते हैं । चाइल्ड लेबर और ह्यूमन ट्रैफिकिंग पर हमारा विशेष जोर रहता है कि कोई बच्चा या बच्ची किसी गलत हाथों में ना जाए हम लोग रेस्क्यू किए हुए बच्चों को काउंसलिंग के जरिए उनके परिवार तक पहुंचाने का कार्य करते हैं हमें गर्व है कि आज हमारी सफलता के 2 वर्ष पूरे हो गए हैं इन 2 वर्षों में सैकड़ों लोगों को उनके बिछड़े बच्चों से मिलाया है । 300 के करीब ऐसे केस हमारे पास आए जिनके केसों में उनके परिवारों को हमने कड़ी मशक्कत के बाद घोड़ा और उनके बच्चों को उनसे मिलाया । उन्होंने यह भी कहा कि रेलवे चाइल्ड लाइन का एक मुख्य उद्देश्य ह्यूमन ट्रैफिकिंग और चाइल्ड लेबर को खत्म करना है । जफर आलम कहते हैं इन 2 वर्षों में काफी उतार-चढ़ाव हम लोगों ने देखा है और बहुत कुछ सीखने को मिला है ।

सफलता दिवस के रूप में मना रहे आज का दिन
मथुरा रेलवे जंक्शन के डायरेक्टर रवि प्रकाश इन्हें मीडिया से बात करते हुए कहा कि हम लोगों को जब से रेलवे चाइल्ड लाइन का साथ मिला है तब से हमारा टेंशन कम हो गया । रेलवे चाइल्ड लाइन ( चिराग सोसाइटी ) वॉलिंटियर है बड़े जज्बे के साथ कार्य करते हैं यह ऐसे बच्चों को रेस्क्यू करते हैं जो बच्चे घर छोड़कर भाग आए हैं या उन्हें कोई बहला-फुसलाकर रेलवे स्टेशन पर सो गया है लगातार यह लोग कड़ी मेहनत कर उन बच्चों को उनके घर तक पहुंचाते हैं । उन्होंने यह भी बताया कि आज का जो दिन है रेलवे चाइल्ड लाइन को आज 2 वर्ष पूरे हो गए हैं और सफलता दिवस के रूप में इस दूसरे वर्ष को मना रहे हैं इसी तरह से हम लोग एक दूसरे का हाथ थाम कर काम करते रहेंगे बच्चे और बच्चियों पर हो रहे अत्याचार को हम लोग समाज में से एक दिन उखाड़ने के लिए ।

चाइल्ड लेबर फ्री हुआ मथुरा जंक्शन
डीपीआरओ अनुराग श्याम रस्तोगी कहते हैं रेलवे स्टेशन चाइल्ड लेबर फ्री हो गया है । जो बच्चे नशे की हालत में मिलते थे वह भी अब कम संख्या में रेलवे जंक्शन पर मिल रहे हैं अब तक का जो सफल रहा चिराग सोसाइटी का वह बहुत ही स्ट्रगल पूर्ण रहा इन लोगों ने जी तोड़ मेहनत की और आज 2 वर्ष पूरे हुए हैं । सेलिब्रेट करने के लिए हम लोग एकत्रित हुए हैं । आगे हम लोग इनका साथ इसी तरह से देते रहेंगे और बच्चों को उनके परिवार से मिलाने का जो कार्य संस्था कर रही है वह सराहनीय कार्य है ।