महिलाओ ने हर्बल कलर से खेली होली

  • 3 years ago
इस बार शहर की महिलाएं घर पर ही होली मनाने के साथ अपने हाथों से बनाए हुए रंगों से ही पर्व को मनाएंगी। कई महिलाओं ने फूलों के महत्व को समझकर इससे हर्बल कलर बनाए और दूसरी महिलाओं को प्रशिक्षण देकर उन्हें अपने पैरों पर खड़ा कर प्रेरित किया। शहर के गैस गोडाउन रोड निवासी अलका भावसार और उनकी बेटी शिल्पा भावसार ने फूल और फल दोनों से ही मोहल्ले की सभी महिलाओं को प्रशिक्षण देकर रंग-गुलाल बनाना सिखाया और हर्बल होली खेलने के लिए प्रेरणा दी। जिस भारतीय परंपरा को हम भूल गए थे, उसी को महिलाओं ने फूलों से रंग बनाकर फिर से जीवित कर दिया। केसुड़ी (पलाश) के फूलों से प्राचीन समय में रंग बनाकर होली में उसका उपयोग किया जाता था। केमिकल रंग आने के साथ पिछले 25 साल से लगभग इसका उपयोग बन्द हो गया था।

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