• 3 years ago
शाजापुर | करुणावतार भगवान महावीर स्वामी का जन्मदिन इस बार महोत्सव के रूप नहीं, सेवा-समर्पण तथा परोपकार के साथ मनाना है। प्रभु महावीर का संदेश, निर्देश तथा उपदेश विश्व कल्याण के लिए हैं। मंच की जगह मौन को अपनाना है, शोभा यात्रा के स्थान पर एकांत को . महत्व देना है। भोजन की जगह भजन को प्रमुखता देना है | उक्त आशीर्वचन अनुयोगाचार्य श्री वीर रत्नविजयजी ने भगवान महावीर जन्म कल्याण महोत्सव के संदर्भ में सुप्रसिद्ध जैन तीर्थ शिवपुर से गुरुभक्तों को प्रदान किए। गुरुदेव ने कहा कि जब संपूर्ण मानव जगत महामारी के कारण परेशान हैं, संत्रस्त है, अकल्पनीय वेदना, पीड़ा, भय, आशंका तथा अभाव ने सभी को घेर लिया है। ऐसे समय महावीर का सच्चा अनुयाई तन, मन, धन के द्वार खोलकर सहयोग के लिए आगे जरूर आएगा। प्रभु का दिया हमारे पास सब कुछ है, एसी अवस्था में क्यों ना हम भी परितप्त व्यक्ति, परिवार, समाज के लिए धन का, समय का, औषधि का, भोजन का सहयोग जरूर करें।

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