इटावा में सपा-प्रसपा गठबंधन ने बीजेपी को चटाई धूल II देखिए क्या है चाचा भतीजे का अगला प्लान ?

  • 3 years ago
इटावा में सपा-प्रसपा गठजोड़ का कमाल
बीजेपी को दोनों ने मिलकर याद दिलाई नानी
तमाम जाल बिछाने के बाद भी बीजेपी हुई पस्त
बीजेपी की हर चालबाजी इटावा में हो गई फेल
इटावा जिला पंचायत में सपा का वर्चस्व बरकरार
सपा और प्रसपा गठबंधन का कुर्सी पर कब्जा तय
अंशुल यादव की जीत ने दिए भविष्य के सुखद संकेत

उत्तर प्रदेश के पंचायत चुनाव जब घोषित हुए तो बीजेपी को बंपर जीत की उम्मीद थी लेकिन जब नतीजे सामने आए तो बीजेपी के अरमानों पर पानी फिर गया…और बीजेपी की बंपर जीत वाला सपना कई जगह टूट गया जिसमें इटावा भी शामिल है…इटावा जिला पंचायत सीट पर बीजेपी ने सोचा था कि वो सपा का वर्चस्व खत्म कर देगी लेकिन सियासी समीकरण ऐसे बने कि बीजेपी यहां चारो खाने चित हो गई…गजब की बात तो ये है कि इटावा में सियासी बिसात बिछाने के लिए बीजेपी ने आरएसएस का भी सहारा लिया था साथ ही तमाम मंत्री, विधायक और सांसदों को प्रचार के लिए मैदान में उतारा था…सीएम योगी एंड कंपनी को लगा था कि वो इटावा में करिश्मा करेंगे लेकिन करिश्मा तो दूर इटावा में सरकार अपनी इज्जत भी नहीं बचा पाई और चाचा भतीजे के अंदरूनी गठजोड़ ने इटावा में एक नया गुल खिला दिया…सपा प्रसपा के गठबंधन ने इटावा में बीजेपी को जहां सिर्फ एक सीट पर समेट दिया तो वहीं अब भविष्य के सुखद संकेत भी पेश किए हैं…इटावा जिला पंचायत की अगर बात की जाए तो सपा का कब्जा लंबे अरसे से बरकरार है और सपा ने अपनी बादशाहत को इस बार भी साबित कर दिया…बीजेपी ने मुलायम के गढ़ इटावा की सभी 24 जिला पंचायत सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे…बीजेपी ब्रिगेड ने जमकर पसीना बहाया और प्रचार किया लेकिन शिवपाल-अखिलेश के अंदरूनी गठजोड़ के चलते बीजेपी यहां महज एक सीट ही जीत सकी…वहीं, अब जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में सपा का साथ प्रसपा दे सकती है, क्योंकि जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में दोनों के साथ आने का प्रयोग कामयाब रहा है…यही प्रयोग अब अध्यक्ष के चुनाव में दोहराने की तैयारी में दोनों दल लगे हैं…इटावा जिला पंचायत पर तीन दशक से ज्यादा से सपा का कब्जा है…१989 में सपा के प्रो रामगोपाल यादव जिला पंचायत अध्यक्ष बने थे…इसके बाद शिवपाल यादव अध्यक्ष बने…2006 में सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई राजपाल सिंह यादव की पत्नी प्रेमलता यादव जीतीं…उन्होंने दो कार्यकाल पूरे किए और 2016 में उनके बेटे अभिषेक यादव उर्फ अंशुल जिला पंचायत अध्यक्ष बने…इस बार भी जिला पंचायत की कुर्सी पर अभिषेक यादव के काबिज होने की संभावना दिख रही हैं, क्योंकि शिवपाल सिंह यादव ने भी चुनावों के बाद परिवार में एका के संकेत दिए थे…ऐसे में अभिषेक यादव उर्फ अंशुल की जीत ने परिवार में खिंची दीवार को तोड़ने के संकेत दिए हैं और उम्मीद की जा रही है कि प्रसपा सपा आगामी विधानसभा चुनावों में साथ दिखेंगे और बीजेपी को कड़ी टक्कर देंगे…ब्यूरो रिपोर्ट

Recommended