A Poem by Puneet Sharma on deaths in the age of covid.
"इमेज"
तुम्हारी अर्थियाँ उठें मगर ये ध्यान में रहे
मेरे लिए जो है सजी वो सेज न ख़राब हो
ये बादशाह का हुक्म है और एक हुक्म ये भी है
भले कोई मरे मेरी इमेज ना ख़राब हो
सुनो ओ मेरे मंत्रियों सफ़ेदपोश संत्रियों
जहाँ मिले ज़मीन खाली रौंप दो कपास तुम
कपास मिल में डाल के बुनो सफ़ेद चादरें
गली-गली में जा के फिर ढको हर एक लाश तुम
सवाल जो करे, उसे नरक में तब तलक रखो
कहे न जब तलक मुझे कि आप लाजवाब हो
ये बादशाह का हुक्म है और एक हुक्म ये भी है
भले कोई मरे मेरी इमेज ना ख़राब हो
ख़रीदो ड्रोन कैमरे खिंचाओ मेरी फोटुएँ
दिखाओ उसको न्यूज़ में करो मेरा प्रचार फुल
कहीं दिखे जो दाग़ तो ज़बान से ही पोंछ दो
मगर ये ध्यान में रखो ज़बान पे हो लार फुल
निकाल रीढ़ हर किसी की भीड़ वो बनाओ तुम
हो ज़ुल्म बेहिसाब पर कभी न इंक़लाब हो
ये बादशाह का हुक्म है और एक हुक्म ये भी है
भले कोई मरे मेरी इमेज ना ख़राब हो
जो सत्य हो वही दिखे न लाग न लपेट हो
न कोई पैड न्यूज़ हो न झूठ का प्रचार हो
काट दे जो ज़ुल्म को जो चीर दे अनर्थ को
पत्रकार के कलम में ऐसी तेज़ धार हो
सलाख डाल के निकाल कर उछाल दो उसे
किसी की आँख में अगर ये बेहूदा सा ख़्वाब हो
ये बादशाह का हुक्म है और एक हुक्म ये भी है
भले कोई मरे मेरी इमेज ना ख़राब हो
Written By : Puneet Sharma (Twitter- @puneetvuneet)
Performed By: Shivam Sharma (Twitter- @imrozed)
https://www.youtube.com/c/TheMansarovarProject
"इमेज"
तुम्हारी अर्थियाँ उठें मगर ये ध्यान में रहे
मेरे लिए जो है सजी वो सेज न ख़राब हो
ये बादशाह का हुक्म है और एक हुक्म ये भी है
भले कोई मरे मेरी इमेज ना ख़राब हो
सुनो ओ मेरे मंत्रियों सफ़ेदपोश संत्रियों
जहाँ मिले ज़मीन खाली रौंप दो कपास तुम
कपास मिल में डाल के बुनो सफ़ेद चादरें
गली-गली में जा के फिर ढको हर एक लाश तुम
सवाल जो करे, उसे नरक में तब तलक रखो
कहे न जब तलक मुझे कि आप लाजवाब हो
ये बादशाह का हुक्म है और एक हुक्म ये भी है
भले कोई मरे मेरी इमेज ना ख़राब हो
ख़रीदो ड्रोन कैमरे खिंचाओ मेरी फोटुएँ
दिखाओ उसको न्यूज़ में करो मेरा प्रचार फुल
कहीं दिखे जो दाग़ तो ज़बान से ही पोंछ दो
मगर ये ध्यान में रखो ज़बान पे हो लार फुल
निकाल रीढ़ हर किसी की भीड़ वो बनाओ तुम
हो ज़ुल्म बेहिसाब पर कभी न इंक़लाब हो
ये बादशाह का हुक्म है और एक हुक्म ये भी है
भले कोई मरे मेरी इमेज ना ख़राब हो
जो सत्य हो वही दिखे न लाग न लपेट हो
न कोई पैड न्यूज़ हो न झूठ का प्रचार हो
काट दे जो ज़ुल्म को जो चीर दे अनर्थ को
पत्रकार के कलम में ऐसी तेज़ धार हो
सलाख डाल के निकाल कर उछाल दो उसे
किसी की आँख में अगर ये बेहूदा सा ख़्वाब हो
ये बादशाह का हुक्म है और एक हुक्म ये भी है
भले कोई मरे मेरी इमेज ना ख़राब हो
Written By : Puneet Sharma (Twitter- @puneetvuneet)
Performed By: Shivam Sharma (Twitter- @imrozed)
https://www.youtube.com/c/TheMansarovarProject
Category
🗞
News