SSDN : Jo Gurumukh Hote Hai (Bhajan) : जों गुरुमुख होतें हैं, सदा नाम सिमरतें हैं (भजन)
श्री सतगुरु देवाए नमः
बोलो जयकारा बोल मेरे श्री गुरु महाराज की जय
बोल सांचे दरबार की जय
जों गुरुमुख होतें हैं, सदा नाम सिमरतें हैं-२,
वे जग में रहतें हुए, सब खुशियाँ पातें हैं-२,
कोई पूछें जब उनसें, क्या हाल तुम्हारा हैं-२,
कया हाल तुम्हारा हैं-२,
सतगुरु की किरपा हैं-२,बस यही बतलातें हैं-२,
जों गुरुमुख होतें हैं, सदा नाम सिमरतें हैं-२,
वे जग में रहतें हुए, सब खुशियाँ पातें हैं-२,
गुरुमुख का जीवन तों,फूलों सां होता हैं-२,
गुरु वचनों पें चलकर, गुरु-किरपा पाता हैं-२,
वों खुद भी महकतें हैं, सबकों महकातें हैं-२,
जों गुरुमुख होतें हैं, सदा नाम सिमरतें हैं-२,
वे जग में रहतें हुए, सब खुशियाँ पातें हैं-२,
दरबार कें पाँच नियम, गुरुमुख ही निभाता हैं-२,
इन नियमों पें चलकर,गुरु कृपा पाता हैं-२,
गुरु आशीष पाता हैं-२,वो भाग्य मनाता हैं-२,
जो गुरु के वचन माने, गुरुमुख कहलाते है-२
जों गुरुमुख होतें हैं, सदा नाम सिमरतें हैं-२,
वे जग में रहतें हुए, सब खुशियाँ पातें हैं-२,
मेरे सतगुरु की महिमा, सारें जग सें न्यारीं है
मेरे सतगुरु की महिमा, सारें जग सें हैं न्यारीं,
जों शरणं आ जायें, मिलतीं हैं खुशहाली-२,
प्रभु नाम कों जप करकें, मन पावनं होता हैं-२,
जों गुरुमुख होतें हैं, सदा नाम सिमरतें हैं-२,
वे जग में रहतें हुए, सब खुशियाँ पातें हैं-२,
बोलो जयकारा बोल मेरे श्री गुरु महाराज जी की जय
जय सच्चिदानन्द जी
नाम जपिये
बोलो जयकारा बोल मेरे श्री गुरु महाराज की जय
बोल सांचे दरबार की जय
जों गुरुमुख होतें हैं, सदा नाम सिमरतें हैं-२,
वे जग में रहतें हुए, सब खुशियाँ पातें हैं-२,
कोई पूछें जब उनसें, क्या हाल तुम्हारा हैं-२,
कया हाल तुम्हारा हैं-२,
सतगुरु की किरपा हैं-२,बस यही बतलातें हैं-२,
जों गुरुमुख होतें हैं, सदा नाम सिमरतें हैं-२,
वे जग में रहतें हुए, सब खुशियाँ पातें हैं-२,
गुरुमुख का जीवन तों,फूलों सां होता हैं-२,
गुरु वचनों पें चलकर, गुरु-किरपा पाता हैं-२,
वों खुद भी महकतें हैं, सबकों महकातें हैं-२,
जों गुरुमुख होतें हैं, सदा नाम सिमरतें हैं-२,
वे जग में रहतें हुए, सब खुशियाँ पातें हैं-२,
दरबार कें पाँच नियम, गुरुमुख ही निभाता हैं-२,
इन नियमों पें चलकर,गुरु कृपा पाता हैं-२,
गुरु आशीष पाता हैं-२,वो भाग्य मनाता हैं-२,
जो गुरु के वचन माने, गुरुमुख कहलाते है-२
जों गुरुमुख होतें हैं, सदा नाम सिमरतें हैं-२,
वे जग में रहतें हुए, सब खुशियाँ पातें हैं-२,
मेरे सतगुरु की महिमा, सारें जग सें न्यारीं है
मेरे सतगुरु की महिमा, सारें जग सें हैं न्यारीं,
जों शरणं आ जायें, मिलतीं हैं खुशहाली-२,
प्रभु नाम कों जप करकें, मन पावनं होता हैं-२,
जों गुरुमुख होतें हैं, सदा नाम सिमरतें हैं-२,
वे जग में रहतें हुए, सब खुशियाँ पातें हैं-२,
बोलो जयकारा बोल मेरे श्री गुरु महाराज जी की जय
जय सच्चिदानन्द जी
नाम जपिये
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