ओपी राजभर-केजरीवाल की खिचड़ी क्या बिगाड़ देगी अखिलेश यादव का स्वाद II मुलाकात के क्या है मायने ?

  • 3 years ago
अखिलेश यादव हो जाओ थोड़ा और सावधान !
नई सियासी खिचड़ी बिगाड़ सकती है सपा का स्वाद !
राजभर और केजरीवाल की होने वाली है मुलाकात !
देखिए दोनों नेताओं में आखिर क्या पक रही है खिचड़ी ?
2022 को लेकर ये सियासी खिचड़ी देती है बड़ा संकेत !
अगर राजभर के साथ आए केजरीवाल तो होगा बड़ा बदलाव ?
सपा के वोटबैंक के लिए बढ़ सकता है और खतरा !
देखिए केजरीवाल और राजभर की मुलाकात के क्या है मायने ?


उत्तर प्रदेश में आगामी चुनाव से पहले मोर्चेबंदी का दौर चल रहा है…सत्ता को हथियाने के लिए सब अपनी मजबूती पर जोर दे रहे हैं और अवसरवादी साथियों को साथ लाकर अपना मोर्चा खड़ा कर रहे हैं…जितने दल हैं उनके उतने ही प्रमुख और हर दल का प्रमुख प्रदेश का मुखिया बनने का सपना संजो कर बैठा है…वैसे तो सभी अपनी कमजोरी को ताकत में बदलने का काम कर रहे हैं लेकिन सबसे ज्यादा चर्चाएं ओम प्रकाश राजभर के भागीदारी संकल्प मोर्चा को लेकर बन रही है जिसका हिस्सा असदुद्दीन ओवैसी भी है…ओवैसी के राजभर के साथ आने से अखिलेश यादव के वोटबैंक पर खतरा मंडरा रहा है और अब संकेत मिल रहे हैं कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल भी ओण प्रकाश राजभर से मुलाकात कर सकते हैं…ऐसे में अब अखिलेश यादव के सामने और परेशानी खड़ी हो सकती है और वोट बैंक को बचाने की चुनौती भी कड़ी हो सकती है…अरविंद केजरीवाल से मुलाकात के पहले सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने कहा है कि आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से गठबंधन को लेकर निर्णायक बातचीत होगी…राजभर ने कहा कि वो 17 जुलाई को दिल्ली में अरविंद केजरीवाल से मुलाकात करेंगे और इस दौरान आम आदमी पार्टी से भागीदारी संकल्प मोर्चा के साथ गठबंधन को लेकर निर्णायक बातचीत होगी…मुलाकात के दौरान आप सांसद संजय सिंह भी मौजूद रहेंगे…राजभर ने बताया कि उनकी पिछले दिनों आप सांसद संजय सिंह से मुलाकात हुई थी…इसके बाद उन्होंने खुद पहल कर केजरीवाल से फोन पर बातचीत करवाई…ओम प्रकाश राजभर की माने तो केजरीवाल ने मुलाकात के लिए 17 जुलाई का समय निर्धारित किया है…मोर्चा के घटक दल जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा की पिछले दिनों सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात हुई थी…बातचीत के परिणाम को लेकर पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि अभी प्रारंभिक स्तर की बातचीत हुई है…ये पूछे जाने पर कि क्या अखिलेश यादव असदुद्दीन ओवैसी के साथ गठबंधन को लेकर तैयार होंगे? इस पर राजभर ने कहा कि राजनीति में कोई दुश्मन नहीं होता, सभी का लक्ष्य बीजेपी को रोकना है…विपक्षी दलों द्वारा महाराजा सुहेलदेव का अपमान करने के आरोप पर अनिल राजभर के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने बीजेपी पर झूठ बोलने का आरोप लगाया…ओम राजभर ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश विधानसभा के आगामी चुनाव के बाद सरकार बनाने में छोटे दलों की निर्णायक भूमिका होगी…उन्होंने कहा कि बीजेपी को मजबूरन अनुप्रिया पटेल को केंद्रीय मंत्री बनाना पड़ा और संजय निषाद को साथ रखना पड़ रहा है तो दूसरी तरफ सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी छोटे दलों से गठबंधन की बात कर रहे हैं…बीजेपी पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को कांग्रेस मुक्त करने की घोषणा की थी, लेकिन आज उनकी सरकार ही कांग्रेस युक्त हो गई है…भागीदारी संकल्प मोर्चा, राजभर के नेतृत्व वाली छोटी पार्टियों का मोर्चा है…AIMIM ने हाल में घोषणा की थी कि वो 2022 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मोर्चा के साथ गठबंधन में 100 सीटों पर चुनाव लड़ेगी…ब्

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