Pitru Paksha 2022: बेटा नहीं होने पर कौन कर सकता है श्राद्ध | Boldsky *Religious

  • 2 years ago
11 सितंबर से पितृपक्ष यानी पूर्वजों का पक्ष शुरू हो रहा है और इन दिनों पितरों को याद कर पिंडदान और तर्पण विधि की जाती है। मान्यता है कि पितृ पक्ष में पितर पृथ्वी लोक पर अपने परिजनों के यहां आते हैं। परिजन पितरों का सम्मान करते हुए श्राद्ध कर्म और तर्पण विधि करते हैं। पितृपक्ष में श्राद्ध कर्म करने से पितृ ऋण भी चुकता होता है। पूर्वजों की आत्मा की शांति और मरोणपरांत संस्कार करने के लिए पुत्र का स्थान पहले आता है। पुत्र ही श्राद्ध कर्म, पिंडदान और तर्पण विधि करने का अधिकारी माना गया है। लेकिन अगर कोई बेटा नहीं है तो फिर कौन फिर शास्त्रों में श्राद्ध करने का अधिकार किसे दिया है.

It is believed that performing Shradh makes the ancestors happy and brings happiness and prosperity in the house. Apart from offering the ancestors, Pitru Paksha is very special in Hinduism. Also, the children born in this month are also very special. Today we will know what is the nature and future of children born in Pitru Paksha.

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