पहाड़ साफ, गो-तस्करी बेलगाम... टटलूबाजी-ऑनलाइन ठगी आम

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लक्ष्मणगढ़ होते हुए जब कठूमर पहुंचा तब तक दोपहर के दो बजे चुके थे। तेज धूप और गर्मी के कारण कठूमर के छोटे से बाजार में सन्नाटा पसरा था। एक दुकान में दो जनों का खाली बैठा देख मैं उनकी तरफ बढ़ा।

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