यह भगवान खाटू श्याम के भक्तों की कहानी है श्याम दास अपने बड़े भाई के साथ रहता है और दोनों भाई साथ में रहते हैं उसकी भाभी उस दोनों पति पत्नी के साथ व्यवहार अच्छा नहीं रखती है भाई का पेमेंट नहीं हम तो अच्छा रहता है पर भाभी का प्रेम नहीं रहता है इस तरह से दोनों घर में गुजारा करते हैं और श्याम भगवान की आराधना भी करते हैं इतना बावजूद में भी खाटू श्याम के भजन मंडली में भी जाता है फिर उसके एक लड़की होती है उसके बाद उसके घर में नौकर होते हैं वह बड़े चालाक होते हैं वह गोडाउन से सारा माल चोरी करते रहते हैं और ट्रक वालों को बेच देते हैं और पैसा खुद रख लेते हैं इस बात की ना तो शेर उसके बड़े भाई को पता चला होना श्यामदास को पता चला फिर उसकी भाभी ने उन श्याम दास और श्याम दास की पत्नी को घर से बाहर निकालने के लिए उसने खुद ने घर में चोरी करवाई और श्यामदास पर चोरी का इल्जाम लगाया और और उन्हें घर से बाहर निकलवा दिया फिर पुलिस के भेष में श्याम धनी दाता खुदा के उसका श्याम पर दोष लगा हुआ उन चोरों को बताया कि श्यामदास ने चोरी नहीं करवाई और श्यामदास की पत्नी दोनों श्याम धनी मंदिर गए एक बड़े सेठ ने उन्हें अपनी नौकरी पर रख दिया वहां पर उन्होंने अपने कई समय लंबा गुजारा किया और फिर उनके बच्चे और बच्ची भी बड़ी हो गई बेटी का उन्होंने विवाह कराया और बेटा उसकी सेठ की बेटी से विवाह करना चाहता था पर श्यामदास और उसकी पत्नी को यह मंजूर नहीं था और श्यामदास को यह बाद में पता चला कि उसका बेटा उस सेठ की बेटी को चाहता है तो बेटे को समझाया पर बेटा नहीं समझा फिर सेट को भी पता चल गया और और उसके बाद में उनके सेठ को भी पता चल गया और श्याम दास की वफादारी की नौकरी के ऊपर सब पानी फेर दिया और उसने सही अपने भी श्याम दास को इस साजिश का हिस्सा बता दिया फिर श्यामदास ने अपनी पत्नी को बताया यह सारी घटना तो पत्नी चक्कर आकर गिर पड़ी फिर श्यामदास हॉस्पिटल लेकर गया वहां इलाज कराया फिर उनकी पत्नी ने कहा कि मुझे श्याम धनी दादा के मंदिर जाना है खाटू श्याम मंदिर तो श्याम धणी मंदिर के लिए उन दोनों ने पैदल यात्रा तय करनी चालू कर दी रास्ते
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Short film