Shri Radha Kripa Kataksh Stotra | श्री राधा कृपा कटाक्ष स्तोत्र अर्थ सहित | Radha Stotra @Mere Krishna
राधा कृपा कटाक्ष स्तोत्र
ऊर्ध्वाम्नाय तंत्र में शिव पार्वती संवाद के अंतर्गत राधा रानी को प्रसन्न करने के लिए राधा कृपा कटाक्ष स्तोत्र स्वयं भगवान शिव ने माता पार्वती को सुनाया था। इस स्तोत्र में उन्होंने राधा रानी के श्रृंगार, रूप और करुणा का वर्णन किया है। विशेष तिथियों जैसे अष्टमी, दशमी, एकादशी, त्रयोदशी और पूर्णिमा तिथि पर इस स्तोत्र का पाठ अवश्य करना चाहिए। श्री राधा कृपा कटाक्ष स्तोत्र को मुक्ति का साधन माना गया है। राधा चालीसा में कहा गया है कि जब तक राधा का नाम न लिया जाए, तब तक श्रीकृष्ण का प्रेम नहीं मिलता।
ब्रजभूमि में सर्व लोकप्रिय इस स्तोत्र का पाठ राधा जी की कृपा और मन की सौम्य शांति प्राप्त करने के लिए प्रतिदिन किया जाता है।
राधा कृपा कटाक्ष स्तोत्र
ऊर्ध्वाम्नाय तंत्र में शिव पार्वती संवाद के अंतर्गत राधा रानी को प्रसन्न करने के लिए राधा कृपा कटाक्ष स्तोत्र स्वयं भगवान शिव ने माता पार्वती को सुनाया था। इस स्तोत्र में उन्होंने राधा रानी के श्रृंगार, रूप और करुणा का वर्णन किया है। विशेष तिथियों जैसे अष्टमी, दशमी, एकादशी, त्रयोदशी और पूर्णिमा तिथि पर इस स्तोत्र का पाठ अवश्य करना चाहिए। श्री राधा कृपा कटाक्ष स्तोत्र को मुक्ति का साधन माना गया है। राधा चालीसा में कहा गया है कि जब तक राधा का नाम न लिया जाए, तब तक श्रीकृष्ण का प्रेम नहीं मिलता।
ब्रजभूमि में सर्व लोकप्रिय इस स्तोत्र का पाठ राधा जी की कृपा और मन की सौम्य शांति प्राप्त करने के लिए प्रतिदिन किया जाता है।
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