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Mokshada Ekadashi Vrat Katha | मोक्षदा एकादशी व्रत कथा | Ekadashi Vrat Katha | Ekadashi Katha @Mere Krishna

पौराणिक कथा के अनुसार, गोकुल नामक राज्य में वैखानस नामक एक राजा राज्य करता था। वह बहुत ही धार्मिक था। उसके राज्य की प्रजा बहुत सुखी थी। वह प्रजा जन का हितकारी राजा था। सभी वेदों के ज्ञानी उसके राज्य में निवास करते थे।

एक बार उस राजा ने एक स्वप्न देखा कि उसके पिता नर्क में बहुत कष्ट भोग रहे हैं और वे उससे नर्क से बाहर निकाल लेने की प्रार्थना कर रहे हैं। स्वप्न टूटने के बाद राजा बहुत विचलित हुआ। इसका क्या कारण है यह जानने और उसके निवारण हेतु उन्होंने सभी विद्वानों को बुलाया और इस स्वप्न के बारे में बताया।

जब कोई कुछ नहीं बता सका तो उन्होंने राजा को पर्वत मुनि के आश्रम में जाने का सुझाव दिया जो कि भूत, भविष्य व वर्तमान सभी कुछ देख सकते थे। राजा ने उनके आश्रम जाकर ,यथायोग्य अभिवादन के पश्चात अपनी चिंता का कारण बताया। पर्वत मुनि ने अपने ध्यान साधना से राजा के पिता के पाप कर्मों को जान लिया। उन्होंने राजा को सब कुछ बताकर उन्हें मोक्षदा एकादशी का व्रत करने को कहा जो कि समस्त मासों में उत्तम मार्गशीर्ष माह में पड़ता है।

राजा ने तब कुटुम्ब सहित मोक्षदा एकादशी का व्रत किया। उससे प्राप्त पुण्य को अपने पिता को अर्पण कर दिया जिससे उनको नर्क से मुक्ति मिल गयी। पिता ने प्रसन्न होकर राजा को ढेरों आशीर्वाद दिए।

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