पीटीईटी परीक्षा : जीके व रीजनिंग के सवालों में उलझे अभ्यर्थी

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कोटा. वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय की ओर से रविवार को पीटीईटी परीक्षा आयोजित की गई। दो वर्षीय बीएड, चार वर्षीय बीए बीएड व बीएससी बीएड पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए यह परीक्षा हुई। परीक्षा के समन्वयक डॉ. आलोक चौहान ने बताया कि दोनों पाठ्यक्रमों को मिलाकर राज्य के 1055 केंद्रों पर कुल 4 लाख 28 हजार 242 अभ्यर्थी पंजीकृत थे। इनमें दो वर्षीय बीएड में कुल 2,43,730 अभ्यर्थी तथा चार वर्षीय बीएड के लिए 1,35,363 अभ्यर्थी उपस्थित रहे। कुल मिलाकर 88.52 फीसदी अभ्यर्थियों ने परीक्षा में शिरकत की। बांसवाड़ा में सबसे ज्यादा अभ्यर्थी 92 फीसदी उपस्थित रहे। कोटा जिले में 31 परीक्षा केन्द्रों पर परीक्षा हुई। यहां 89 फीसदी उपस्थिति रही। जयपुर जिले में सबसे ज्यादा 112 परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा हुई। यहां दो वर्षीय बीएड में 87 फीसदी और चार वर्षीय बीएड में 84 फीसदी अभ्यर्थी उपस्थित रहे। परीक्षा ओवरऑल आसान रही। अभ्यर्थियों ने बताया कि जीके व रीजनिंग के सवालों ने परेशान किया।
परीक्षा केंद्र पर हंगामा, पुलिसकर्मियों से उलझे परिजन

बसंत विहार स्थित मोदी कॉलेज केंद्र पर प्रवेश को लेकर अभ्यर्थियों के परिजनों ने हंगामा कर दिया। करीब 15 से 20 अभ्यर्थी निर्धारित समय से 5 से 10 मिनट देरी से पहुंचे। इस पर उन्हें एंट्री नहीं दी गई। अभिभावक केंद्र पर तैनात पुलिसकर्मियों से गुहार लगाते रहे, लेकिन उन्होंने नियमों का हवाला देते हुए असमर्थता जताई। इस पर परिजन भड़क उठे और पुलिस से उलझ पड़े। आखिरकार आधे घंटे की मशक्कत के बाद परीक्षार्थी व अभिभावकों को बैरंग लौटना पड़ा।
क्यूआर कोड स्कैन व बायोमैट्रिक उपस्थिति के आधार पर दिया प्रवेश

परीक्षा के सह-समन्वयक डॉ. सुरेन्द्र कुलश्रेष्ठ ने बताया कि सभी केन्द्रों पर प्रशासन और पुलिस की कड़ी चौकसी में परीक्षा हुई। प्रशासन और पुलिस के अधिकारी लगातार केन्द्रों की निगरानी करते रहे। केन्द्र पर्यवेक्षकों ने भी केन्द्रों का बारीकी से पर्यवेक्षण किया। संवेदनशील केन्द्रों पर लगातार निगरानी की गई। इसके अलावा संवेदनशील केन्द्रों पर अभ्यर्थियों को क्यूआर कोड स्कैन करके तथा बायोमैट्रिक उपस्थिति के आधार पर प्रवेश दिया गया। खुला विश्वविद्यालय में बने कंट्रोल रूम से पूरे राज्य की निगरानी की गई। वीएमओयू के कुलपति प्रोफेसर कैलाश सोडाणी ने कहा कि परीक्षा कार्य में लगी टीमें अपना कार्य काफी अनुशासित ढंग से करती रहीं और परीक्षा केन्द्रों पर शुचिता बनी रही।

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