दिल्ली के जितेंद्र सिंह ने 61 की उम्र तक 106 बार ब्लड डोनेट कर पेश की मिसाल

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पद्मश्री जितेंद्र सिंह शंटी जब महज़ 18 वर्ष के थे तो उनके पड़ोस में रहने वाले एक अंकल की हार्ट सर्जरी होनी थी। उन्हें कहीं से ब्लड नहीं मिल रहा था , यही बात अंकल की पत्नी ने मेरी मां को बतायी कि कोई ब्लड देने वाला नहीं मिल रहा है. मेरी मां ने उनसे कहा कि आप मेरे बेटे को ले जाओ. यह ब्लड दे देगा. उसके बाद उनके पडोसी सभी से यही कहते कि "मैं तो शंटी के खून से जिंदा हूं. यह ब्लड ना देता तो शायद में जिंदा नहीं होता": उसके बाद शंटी ने ब्लड देकर लोगों को ज़िंदगी देना अपना चलन बना लिया। जानिये उनके बारे बहुत कुछ...........

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