‘पारम्परिक जल स्रोतों का संरक्षण एवं साफ जरूरी’

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मूण्डवा (नागौर). ‘पारम्परिक जल स्रोत नाडी-तालाबों की साफ-सफाई के साथ समय-समय पर इनकी खुदाई करना हमारी प्राचीन परम्परा रही है। तालाबों में जमने वाली गाद को बारिश से पहले निकालने के लिए हमारे बुजुर्गों ने इसे धर्म और पुण्य से जोड़ दिया, ताकि हर व्यक्ति का जल स्रोतों से जुड़ाव रहे और इनकी सुरक्षा और संरक्षण होता रहे।

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