गरीब चाय वाला बना आईपीएस अफसर Garib Chai Wala IPS Officer Comedy Video

  • 3 months ago
Transcript
00:00चाईवाला बना आईपीएस ओफिसर
00:05एक गौँ में उमेश नाम का व्यक्ति एक पुलिस्टेशन के बाहर चाई बेशता था
00:09उमेश एकदम कड़क अजरक वाली चाई बनाता था
00:16वो खुद उस चाई को ले जाकर पुलिस्टेशन में
00:20एसाई और कॉंस्टिबल्स को देता था
00:25उमेश रात को भी चाई बेशता था
00:30वो वहीं पढ़ाई करता था
00:33वो जब तब जाकर पुलिस्टेशन में चाई देकर आता था
00:40एक दिन एसाई राजेश उमेश से
00:50साब मुझे पुलिस से बहुत प्यार है
00:52और मैं उनकी बहुत इज़त करता हूँ साब
00:54मैं कई सालों से यहाँ पर चाई बेशता हूँ साब
00:56मैं जानता हूँ कि आप लोग कितनी तक्लिब उठाते हो
00:59आप अपने परिवार को छोड़ कर तिन रात यहां मेहनत करते हैं
01:02तो क्या मैं आप लोग के लिए थोड़ी सी चाई भी ना पिला पहूँ
01:05इतना ही नहीं साब मैं भी एक दिन पुलिस वाला बनना चाता हूँ
01:08आप लोग मेरे आँखों के सामने ही रहें
01:10तो मुझे में और होसला बड़ेगा सर
01:13यह सुनकर राजेश बहुत खुश हुआ
01:15हुमेश हेड कॉंस्ट्रिबल गंगा कह रहे थे
01:17कि तुम परिक्षा में खुब अच्छे नंबर लाते हूँ
01:20इसके लिए तुम्हारा लक्ष केवल एक पुलीस वाला बनना नहीं होना चाहिए
01:23तुम्हें आई-पी-स ओफिसर बनना होगा
01:26मैं भी आई-पी-स ओफिसर बनना चाहता था
01:28पर परिवार के हालत ऐसी थी कि मैं बन नहीं पाया
01:31इसलिए मैं चाहता हूँ कि मेरे सपने को तुम पुरा करो
01:34इसके लिए मुझसे जो बन पड़ेगा मैं करूँगा ठीक है
01:38उमेश खुश होकर उसे सल्यूट मारा
01:41तब से स.ई.राजेश उमेश को कितावें खरीद कर देता था
01:45उसका फीज भी भरता था
01:48उसे सब्जेक्स में कोई डॉट हो तो उसे भी क्लियर करता था
01:51राजेश जैसे इमांदार पुलिस ओफसर के कारण उस गाउं के कॉंट्राक्टर चरन बहुत परेशान था
01:57इसलिए चरन ने मिनिस्टर से बात की और राजेश को उस गाउं से ट्रैंसवर करा दिया
02:02उस गाउं से जाते जाते राजेश उमेश थे
02:18कहकर चला गया राजेश को जाते वो देख कर उमेश के आँखें भराईं
02:23अगले दिन उस स्टेशन में रनजीत नाम का एक S.I. आया उमेश ने उसे सलूट मार कर
02:29नमस्ते सर मैं आपके स्टेशन के सामने ही चाय बेशता हूँ
02:32मैं IPS बनने के लक्ष से मेनच से पढ़ रहा हूँ सर उसके लिए आपकी आशिरवात की जुरूरत है सर
02:39क्यो रे चाय वाले तुम मुझे से मज़ा कर रहे हूँ
02:42तुम IPS आफिसर बनोगे तुम समझते हूँ कि इतना आसान है
02:45अपने आउकात को देखो और सडक साफ करने का नौकरी ढूंब लो वो शायद मिल भी जाए
02:50लेकिन ये IAS IPS के सपने देखना छोड़ दो अब यहां से दफ़ा हो जाओ
02:54ऐसा कहा चिड़ कर
02:56ये सुनकर हेड कॉंस्ट चपल गंगा बहुत दुखी हुआ
02:59उमेश समझ गया कि रनजीत अच्छा आदमी नहीं है
03:03तभी कॉंट्राक्टर चरन एक सूपकेस के साथ वहाँ पहुंचा
03:06रनजीत को उस सूपकेस सुनपा और
03:08वैल्कॉम टॉम साहब आप से आप और हम दोस्त हैं सर
03:13थेंक यू थेंक यू
03:15मैं जिस गॉंब में भी काम करूँ आप जैसों से ही दोस्ती रखता हूँ
03:18आप मेरा ख्याल रखिये मैं आपका ख्याल रखूँगा
03:21ये सुनकर चरन खुश होकर चला गया
03:24ये सब देखकर उमेश अपने गुसे पर काबू नहीं कर पाया
03:28ये क्या कर रहे हैं सर आप एक जिम्मेदार पोलिस होते हुए
03:31आप उस कॉंट्राक्टर से रिश्वत लेने हैं
03:33ऐसा ही रहा तो एक साधारन व्यक्ति को इनसाफ कहां से मिलेगा सब
03:37रंजित ने उसे खींच कर एक ठपड मारा
03:39लाठी लेकर उसे खुब मारने लगा
03:42ये देखकर कॉंस्ट्रेबल्स बहुत दुखी हुए
03:45पर कुछ नहीं कर पाए
03:54उमेश दुखी होकर चला गया
03:56कुछ महीनों बाद ये ख़बर आया कि उस गॉंट में एक नया एस्पी आ रहा है
04:01और उनके स्वागत के लिए बंदोबस करना होगा
04:04ये ओर्डर पढ़कर रंजीत इतने चोटे से स्टेशन में एस्पी क्यों आ रहा है
04:08ऐसा सोचा और तुरंत वहाँ का ट्राफिक क्लियर करवाया
04:12फूलों का हार तयार करवाया
04:14तभी सैरन बजाते हुए एस्पी का कॉंवॉए गॉँ में प्रवेश हुआ
04:18वे गाडियां स्टेशन के पास आकर रुकी
04:24एक कार में से उमेश एसपी का उनिफॉर्म पैन कर उत्रा
04:27उसे देखकर रंजीत के पसीने छूटने लगे
04:30हेड कॉंस्ट्रिबल गंगा और बाकी कॉंस्ट्रिबल्स खुशी के मारे ताली बजाने लगे
04:35उमेश उनके पास आया और हिस्टर रंजीत मैंने डूटी जौन करके
04:39सबसे पहले तुम्हारा फैल बाहर निकल वाया तुमने जितने गलत काम किये हैं
04:43उसके बदले में ये लो तुम्हारा डिस्मिस ओडर कहकर उसे पेपर थमाया
04:48रंजीत ने सिर जुका लिया
04:50उमेश हेड कॉंस्टबल गंगा से
04:52चाचा अब से इस स्टेशन के जिम्मेधारी आपकी है
04:55मैं तुम्हे साइ का प्रमोशन देता हूँ
04:57गंगा और बाकी कॉंस्टबल्स बहुत खुश हुए
05:00बाद में इससे राजेश जहाँ काम कर रहा था वहाँ उमेश गया
05:05उमेश ने राजेश को सलूट किया
05:08राजेश ने भी उमेश को सलूट किया
05:11अपने सपने को उमेश द्वारा पुरा होते हुए देखकर
05:14राजेश का च्छाती फूल गया
05:16राजेश ने उमेश को गले लगा लिया
05:19सर आपको मेरे अदरक वाली चाई पीकर बहुत दिन हो गये न
05:22चलिए बनाता हूँ कहा कर उमेश ने वहाँ चाई बनाया
05:31उसने राजेश और बाकी पुलिस अफसरों को खुज चाई बना कर पिलाया
05:35वे सब पुलिस वाले उमेश को देख कर बहुत खुज हुए
05:38बाद में उमेश ने चरन और उस जैसे कॉंट्राक्रेस को अरेस किया और जेल में डाल दिया
05:49मच्चर गाउं मच्चरों के लिए बहुत प्रसिथ था
05:54उस गाउं के मच्चर बहुत धीट थे
05:58शक्क पर पुछर तो और गाउं कोनाए दिक्षिन लिए वाले कीओं
06:04राथ होते ही उस गाउं के बच्चे बुरे सब मच्चरों के बैट को हाँत में ले खर यूद करते थे
06:11पर मच्चर बैट से भी बचते हुए उनसे काट तिथे
06:17चादर ओडने पर भी उसमें छेत करके अंदर घुशकर मच्चर काटते थे
06:24कच्छवा चाप और लोग उन सब के लगाने से भी और और फूर्ती के साथ हमला करते थे
06:30इस तरह मच्चर गौँ के लोग रात बर सो नहीं पाते थे
06:34इसलिए वो दिन बर सोते थे
06:39नतीजा ये हुआ कि लोग रात में ही खेती और धन्दा करते थे
06:48एक दिन उस गौँ में बुमरा नाम का व्यक्ति बस से उत्रा
06:54बुमरा ने चारों और देखा सारा गौँ सुनसान था वो गल्यों में घुमने लगा
06:59पर उसे एक भी आदमी दिखाई नहीं दिया
07:03आखिरकार भुमरा को एक भिकारी दिखाई दिया भुमरा उससे
07:09शुक्र है आखिरकार एक इनसान तो दिखा इस गौँ में वैसे इस गौँ को क्या हुआ
07:14सब गौँ छोड़कर चले गये क्या लगता है कि गौँ में नए हो इस गौँ के लोग रात बर जाकते हैं
07:21और दिन भर सोते हैं मैं भी रात को ही भिक मांगता हूँ वैसे आप इस गौँ में क्यों आये हो
07:27मैं इस गौँ में कोई धन्डा करने आया हूँ वैसे ये रात बर जाकने का चक्कर क्या है यहां अमेरिका का टाइम चलता है क्या
07:35गौँ के नाम से नहीं पता चाया तुम्हें रात होते ही इस गौँ के मच्चर शैतान बन जाते हैं किसी को छोड़ते नहीं है किसी को सोने नहीं देते रात बर हमारा खून चूसते हैं और दिन में आराम से सोते हैं तो हमने भी उनके टैम के अनुसार ही अपना टैम बढल
08:05उर्जा पाकर और जोश के साथ हमला बोलते हैं इसलिए उनका प्रयोग हमने करना बंद कर दिया है अब इस गौँ में कोई धन्दा करना हो तो आधी रात को करने वाला धन्दाई करना और हाँ घर किराय पर लेना हो तो वो भी रात को ही पूछना दिन में अगर उन्हें ज
08:35तो उसका बहुत बुरा हाल हुआ
08:37वापरे अरे हाईरे अरे ये तो सुई की तरह चुब रहे हैं
08:41अरे बाप मेरे अरे बस करो तुम्हारे हाथ जोडता हूँ
08:45कहकर चिलाने लगा यो रात भर उसे मच्चर काटते रहे
08:49ये बगवान शरीर के किसी भी पार्ट को नहीं छोड़ा कोई फायदा नहीं
09:01पहले यहां रहना हो तो इन मच्चरों से अपने आपको बचाना होगा
09:05क्योंकि इन पर कोई दवाय असर नहीं करता तो इसे इंसानों से डैवर्ट करना होगा
09:11उस राग को बुमरा ने कई अगरबती लिया और उन पर मुर्गी के खुण को स्प्रेय किया
09:23उन्हें टेबल पर रखा और जलाया
09:27बस उस खुण की गन से वे मच्चर अगरबती को घेर कर मंढराने लगे
09:33वे रात भर इसी तरह मंढरा रहे थे
09:36इस तरह बुमरा आराम से सोने लगा
09:44अगले दिन बुमरा
09:45अरे वाह मुझे एक बढ़िया बिजनस आइडिया मिला है
09:49उस दिन रात को उस स्प्रेय की आगरबती को लेकर एक व्यक्ति के घर गया उस घरवाले से
09:56सर अपने गॉंग के मच्चरों के लिए मेरे पास एक दवाई है
09:59ये अगरबती जलाएंगे तो मच्चर आपके पास नहीं आएंगे सर
10:03एक टैकेट केवल पचास रुपे ही है
10:06अरे जाओ भाई जाओ
10:08यहां के मच्चरों ने विदेशी कंपनियों को भी छटी का दूद याद दिला दिया
10:12तुम किस खेत के मूली हो
10:14ये अगरबती मच्चरों को मारते नहीं है सर
10:16उन्हें आकरशित करते हैं
10:18एक बार प्रयोक करके देखिये
10:20अगर ये काम ना करे तो पैसे ना दीजे
10:38अगले दिन सब लोग एकडम ताजा होकर
10:41खुशी खुशी घर से बार निकले
10:43सब ने जमा होकर
10:45बुम्रा को फूलों का हार पैनाया
10:48हमें कितने दिन हो गये सूरज को देखे हुए
10:52अब तुमारे वज़े से हम रात को आराम से सोते हैं
10:55और दिन में काम करते हैं
10:58अब से तुम हमें हर रोज अपना ये जादूय अगरबती बेचा करो
11:02चाहे तुम मुनाफ़ा जितना मरधी रख लो
11:05कोई बात नहीं हमें कोई आपती नहीं

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