Jaspal rana and Manu bhaker | Manu Bhaker को धाकड़ बनाने वाले कोच Jaspal Rana की कहानी || Daily Line

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Transcript
00:00परिस ओलंपिक में भार्तिय सूतर्स कमाल कर रहै हैं
00:05इस ओलंपिक में अब तक कुल भारत ने तीन मेडल अपने नाम कियं हैं
00:10और ये तीनो ही मेडल सूटिंग में आये हैं
00:14पहले Manu Bhakar, फिर सरव जोदध और Manu Bhakar की जोड़ी
00:17स्वापनील कुलासे ने ब्राउंज पर निशाना साधा
00:19मनु भाकर ने तो अपना नाम इतिहास में दर्ज कराते हुए
00:22एक ओलंपिक में दो मेडल लाने वाली आजाधी के बाद भारत की पहली अथिलीट बन गई
00:26इस समय मनु के साथ एक और नाम खुब चर्चा में है और वो नाम है जस्पाल राणा का
00:31वही जस्पाल राणा जो मनु भाकर के personal coach हैं
00:34और इस समय जस्पाल राणा और मनु भाकर की कहाणियों से social media भरा पड़ा है
00:39हर कोई टोकियो ओलंपिक से लेकर पेरिस ओलंपिक तक के इस सफर के दोराँ जो कुछ हुआ उसकी बाते कर रहा है
00:45लेकिन क्या आप जानते हैं जस्पाल राणा भी अपने समय के चेंपियन खिलाडी हैं
00:49यानि कि चेंपियन अथिलीट रहे हैं उनका भी जुनून था ओलंपिक में मेडल जीतने का
00:53आज के इस explainer में हम जस्पाल राणा की पूरी कहाणी जानेंगे और साती जानेंगे वो टोकियो ओलंपिक वाला भिवात भी
01:01नमस्कार मेरा नाम है मारतन सिंग और आप देख रहे हैं डेली लाइन जस्पाल राणा के साथ ट्रिनिंग के बाद ही मनू समयत इन सूटर्स में
01:13जस्पाल राणा इसके खिलाब थे उनका मानना था कि मनू को सिर्फ दो इवेंड में हिस्सा लेना चाहिए क्योंकि इतनी कम उम्र में तीन अलग अलग इस्यन गेम्स और आई एसेसेफ वर्ल कप में कई गोल्ड मेडल जीते इन सूटर्स की चर्चा देश भर में होने लग
01:43इवेंड का बोज समालना उनके लिए मुश्किल होगा यहाँ पर दोनों की सहमेती नहीं बनी और इसी दोरान
01:4923 साल की सूटर चिंकी यादो को राणा का सपोर्ट मिलने लगा जो 25 मीटर में अच्छा कर रही थी राणा का मानना था कि
01:56यही बात मनु को पसंद नहीं आई और उन्हें ऐसा लगने लगा कि कोच उनकी अंदेखी कर रहे हैं और उनकी प्रैक्टिस पर ज़्यादा ध्यान नहीं दे रहे हैं
02:07फिर टोकियो ओलंपिक के ठीक 4 महीने पहले नई दिल्ली में वर्ल कप के दवरान सबसे बारा ढरामा हुआ
02:12यहाँ सबसे पहले मनु ने अपनी नराज़गी राना के सामने रखी फिर अगले दिन जैसे एक इवेंट में चिंकी ने मनु को हराते हुए गोल्ड मेडल जीता
02:19तो राना एक सफीर टीशर्ट पहन कर करणी सिंग सूटिंग रेंज में घूमने लगे
02:24जिसमें बड़े बड़े अक्षरों में कई मेसेज च्छपे हुए थे इसने सबको चौका दिया और इसपर जबरज़स्त बवाल भी हो गया
02:30राना और मनु के बीच तनाओ बढ़ गया जिसमें युवा शूटर के परिवार वाले भी शामिल थे
02:35राना ने एक इंटरव्यू में खुलासा भी किया कि टीशर्ट पर च्छपे मेसेज उन्हें मनु की मानें भेजे थे जो उनकी कोचिंग पर सवाल उठा रही थी
02:42उलंपिक के इतने पास आकर दोनों के बीच सुलह की कोशिशें की गई लेकिन मनु ने राना के साथ काम करने से मना कर दिया
02:49और नतीजा टोकियो उलंपिक में सब ने देखा
02:51अब आता ही जस्पाल राना पर
02:5328 जुन 1976 को जस्पाल राना का जन्म उत्राखंड के उत्रकासी में हुआ था
02:58जस्पाल राना ने चोथी कच्छा तक मसूरी के ITBP स्कूल में पढ़ाई की
03:03इसके बाद दिली के केंदरे विद्याले से इंटरमीडियेट किया
03:05फिर दिली के सेंट एस्टिफन स्कॉले से ग्रेजूएशन भी किया
03:08बचपन से पिता को निशाने बाजी करता देख जस्पाल राना में भी इसके परती रूची दिखने लगी
03:14दस साल की उम्र में ही पिस्टल और राइफल के बीच रहने वाले जस्पाल राना
03:17सूटिंग की छेतर में आगे बढ़ना चाहते थे
03:1911-12 साल की उम्र तक जस्पाल राष्टिय और अंतराष्टिय प्रतिसप्रधाओं में
03:24हिस्सा लेने लगे
03:25साल 1988 में एहंदाबाद में आयोजित 31 में नेशनल शूटिंग चेंपियंशिप में उन्होंने प्रतिभाग कर सिल्वर मेडल जीता
03:321994 में मिलान में आयोजित ही वर्लड शूटिंग चेंपियंशिप में राना ने कुछ ऐसा कर दिखाया जिसे देख सब हैरान रह गए
03:39दरसल उस दरवान उनके पैर में फोड़ा हुआ
03:41डॉक्टर ने अस्पताल में भर्ती कर सरजरी की सलाह दी अगले दिन वर्लड शूटिंग चेंपियंशिप में उन्हें हिस्सा लेना था
03:48खेल के प्रती अपनी जुनून को लेकर जस्पाल रात को अस्पताल से भागे
03:51जिससे उनका फोड़ा फूट गया उन्हें बहुत दर्ध हो रहा था
03:55उन्होंने जीन्स फाल कर हाँख निकर पहना और प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए निकल पड़े
04:00तब उन्होंने जुनियर सेक्षन में पहला इंटरनेशनल मेडल अपने नाम किया
04:04इसके बाद हिरोसीमा की बारी आती है
04:06हिरोसीमा में एसियन गेम्स में भी उन्होंने सोन पदक जीता
04:09जस्पाल राना को अठारा साल की उम्र में ही अर्जून एवार्ड मिल गया था
04:30तपकालीन अगरणी पिस्टल कोचों में से एक टीबोर गुन्जालो ने सहयता प्रदान की
04:35वो लम्बे समय तक भारत के कोच रहे जस्पाल को सायद गुन्जालो से साउधानी बरतने वाला सौभाव बिरासत में मिल गया
04:41गुन्जालो एक नोटबुक पेंसिल और गले में एक सीटी लटाय घुंँते थे और हर किसी की ताकात और कमजुरियों को उस नोटबुक में नोट करते रहते थे
04:49टीबोर के साथ खड़े युवा जस्पाल की छभी अभी भी उनके FB page पर मौजूद है
04:53जस्पाल ने हमेशा उलंपिक का लक्ष बनाया था लेकिन उन्हें इस बात का अफसोस रहा कि स्टेंडर किस्टल और सेंटर फायर किस्टल उलंपिक कारेकरम का हिस्सा नहीं बने
05:01जस्पाल के प्रतिभा को आगे लाने का मौका तब मिला जब उन्हें जुनियर रास्ट्रिय कोच न्यूप्त किया गया
05:05इसी दोरान उन्होंने मनु और सौरव चौधरी की प्रतिभा देखी दोनोंने 2021 में टोकियो अलंपिक में भारत का प्रतिनिधित भी किया
05:12जस्पाल राना को उत्रखंड का गोल्डन बॉय कहा जाता है
05:15राना ने सूटिंग के रास्ट्रिय और अंतरास्ट्रिय दोनों छेत्रों में 600 से अधिक पदक अरजित कियें है
05:21सूटिंग छेत्र में उनके योगदान के लिए कई अंतरास्ट्रिय पुरसकार भी उनको मिले है और सरकार द्वारा उनको सम्मानिद भी किया गया है
05:28आज यही जस्पाल राना है जिनकी वज़े से मनु भाकर आज जो है इस मुकाम पर पहुंची है और वो इसका श्रे भी जस्पाल राना को देती है
05:36आज के वीडियो में फिलाल इतना है आप फॉलो करते रहे हैं हमारे डिजिनल प्रेटफॉर्म डेली लाइन को

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