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कार्टून Chidiya Wala Cartoon|Tuni Chidiya Cartoon | Hindi Cartoon Kahani
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Transcript
00:00जंगल में तेज बारिश हो रही थी
00:02कल शाम से सब ही पक्षी अपने अपने घरों में बैठे हुए थे
00:07मगर आज तो उन्हें जाना ही था
00:09क्यूंकि अब उन सब के घरों में दाना ख़तम हो गया था
00:14गोरी कवी अपने बेटे जगू को साथ लेकर चुड़िया के घर आती है
00:19चुड़िया मैं जगू को भी साथ ही ले आई हूँ
00:22इसे कूको और गुढिया के पास छोड़ जाती हूँ
00:24घर में अकेला डह रहा था
00:26गोरी बहन तुमने बहुत अच्छा किया
00:29बचो आराम से बैठ कर खिड़की से बारिश देखना
00:32कोई शरारत नहीं करना
00:34मम्मा जुल्दी वापिस आना
00:37पागल बारिश में धाना मिलना बहुत मुश्किल होता है
00:41मम्मा मम्मा मेरे लिए गरम गरम पकाड़े जरूर लाना
00:46चिड़िया अपना चाता उधाती है
00:48दोनों गोरी और चिड़िया बाहीर निकलती है
00:52चिड़िया कभूतर के घर के दर्वाजे पर दस्तक देती है
00:56अच्छा ही हुआ मिठू जो तुम भी यहाँ ही हो
00:59जल्दी करो हमें देर हो रही है
01:02गोरी तुम्हारे पास चाता नहीं है
01:05एक था मगर कालू ने बेच दिया
01:08मेरे पास है मैं अभी तुम्हें चाता देता हूँ
01:12फिर कभूतर गोरी कवी को चाता देता है
01:15और सब वहां से उड़ते हैं
01:18हवा कभी तेज हो जाती तो कभी रुक जाती
01:22थोड़ी दूर जाकर उन्हें बहुत ही स्वादिष्ट खुश्बू महसूस होती है
01:27ये ये खुश्बू तो पकोडों की है
01:31वो सब खुश्बू के पीछे पीछे खेंचे चले जाते हैं
01:36वो सब चीलदी के धाबे पर पहुँँ जाते हैं
01:40आप सब बड़े चपने के नुझे बैठ जाओ
01:43क्या खाओगे?
01:44चुड़िया मेरे पास तो देने को कुछ भी नहीं है
01:47मेरे पास भी कुछ नहीं है
01:49पकोडे खाओगे या समोसे?
01:52चिंता ना करो मेरे पास सो रुपे है
01:55आज की पार्टी मेरी तरफ से हुई
01:59चिल्दी, सो रुपे के गरम-गरम पकोडे ला दे
02:02मीथी जटनी लोगे साथ
02:04हाँ हां चिल्दी, मीथी जटनी तो मेरी फेवरेट है
02:09चिल्दी उनहें पकोडे दे देती है
02:12वो सब मजे मजे से पकोडे खाने लगते हैं
02:15धन्दे धन्दे बारिश के मौसम में गरम गरम पकोडों से स्वादिश्ट कोई जीज़ नहीं है
02:22मज़े मज़े से पकोडे खा लेने के बाद वो सब फीर से उड़ते हैं
02:28बारिश तेज हो जाती है
02:31और वो एक बड़े पेड के नीजे बैठ जाते हैं
02:35मेरा तो आम खाने को दिल कि हा हा है
02:37मेरा भी
02:38एसे बारविश में हमें आम कहांसी मिलेंगे
02:42मुझे पता है, आम कहांसी मिलेंगे
02:45गोरी तुम चलो मेरे साथ
02:47और हम सबके लिए आματαे कर आति हैं
02:49गोरी कवी और चुरिया अपने दो दोस्तों को वहाँ चोड़कर पके हुए आम लेने चली जाती हैं
02:57पहाड की दूसरी दरफ एक आम का पेर था जिसका चुरिया को पता था
03:03बहुत मुश्किल से गोरी कवी और चुरिया उस पेर तक पहुन जाती हैं
03:09अरे यहां तो केवल एक ही आम लगा हुआ है खल तक तो ये पेर भरा हुआ था
03:15शायद राद की थेज हवा से पके हुए आम गिर गे होंगे और पक्षी उठा कर ले गे होंगे
03:21चुरिया वो एक आम तोड लेती हैं
03:25हम सब थोड़ा थोड़ा खा लेंगे चुरिया चलो वापिस चलते हैं
03:29गोरी कवी और चुरिया जब घने पेड़ों से गुजर रही थी तो उन्हें एक बुढ़ी कवी आवाज देती है
03:37बच्चो मेरी बात सुनो मेरे पास आओ
03:42चुरिया कोई बुला रहा है शायद कोई मुश्किल में है
03:46गोरी कवी और चुरिया उस बुढ़ी कवी के पास चाती है
03:51बेटी मैं बहुत भूगी हूँ मेरे बेट में भूग के कारण दर्द हो रहा है
03:59मुझे कुछ खाने को दो
04:02गोरी एक ही आम है हम ये ाम इस बुढ़ी मा जी कवी को दे देती है
04:07हाँ चुरिया हम ऐसा झी करते है
04:10फिर चुरिया अपना आम उस बुढ़ी कवी को दे देती है
04:15जीते रहो बच्चो, मैंने सोचा था शायद मैं भूग के कारण मर जाऊंगी
04:23इस आम ने तो मुझे नई सिन्दगी दे दी है
04:26माजी, जिसके भाग़े का हो उसे मिल कर ही रहता है
04:30चिरिया और गोरि कव़ि वापीस चली चाती है
04:33जब चिरिया और गोरी कव़ीएं वापीस चाती हैं
04:37तो दोदे के उपर एक बड़ी डाल गिरी हुई थी
04:40और कबूतर उसे हटाने की कोशिश कर रहा था
04:44बचाओ, बचाओ, मुझे इस डाल से बाहर निकालो
04:48मैं मर जाओंगा
04:50कबूतर भेया, ये सब कैसे हुआ?
04:53चुरिया, जैसे ही आप गई, तो ये बड़ी डाल उपर से गिरी
04:57और मिठु नीचे दब गया
04:59रुको, मैं यहां से फकरती हुँ
05:01और चुरिया, तुम लकडी से उठाओ
05:04वो तीनों मिलकर जोर लगाती हैं
05:06मगर वो डाल तो हिलने वाली ना थी
05:10ये हम से नहीं होगा, बहुत मुश्किल है
05:12तो क्या मैं इसी डाल के नीचे दब कर मर जाओंगा?
05:16मुझे बाही निकालो, जैसे भी हो
05:20मैं छील धाबे वाली को बुला कर लाती हूं
05:23मैं अभी जाती हूं
05:24फिर गोरिका वी छील के धाबे पर जाती है
05:28छील दी, छील दी, हमारा दोस्त मिठु बड़ी डाल के नीचे दब गया है
05:33हमारी मदद करो, वो डाल बहुत बड़ी है
05:36तुम चेंता ना करो
05:38फिर छील बहाँ पकोड़े खाने आए हुए दो पक्षियों को भी साथ लेती है
05:45और वो सब जल्ली ही मिठु के पास तहँं जाते हैं
05:49wok sab Milke zor लगाते है और मिठ्हू को बाहर निकाले लेते है
05:54उनको खाली बढ़ा जाता है
05:56बच गया मैं बच गया मुझे. actually, I'm alive. My friends have saved me from you.
06:02अब हमें जाना होगा, बच्चे इन्तिजार करें होंगे
06:06दुढ्या, बगर अभी तक बच्चों के लिए कुछ खाने को तो लिया नहीं
06:11मुझे अमरूद की खुश्बो आ रही है, जरूर अमरूद का पेड़ कहीं आसपास ही है
06:17फिर वो सब तोटे के पीछे-पीचे उठे थे
06:21पुराने कुमे के पास खिनारे पर अमरूद का बड़ा भेर था
06:26जिस बरबगफिद सारे अमरूद लग �ой थे
06:30वा वा रहा अमरूद का बेड वा रहा
06:34फिर वो सब अम्रोद तोड तोड कर
06:36अपने- अपने टोक्रियां बहर लहेथे हैं
06:39वो सब बहुत खुश थे
06:41यह अम्रोद बहुत मेख है
06:43पच ये अम्रूद � 몰�ग़ा Property, सब खुश बहुत
06:46हो जाएंगे
06:47वो सब अमरूद लेकर वापिस जाते हैं
06:51रास्ते में माही चील धाबे वाली पक्षियों को बुलाती है
06:55आज अपने पकोरे अपने बच्चों को भी ले जाते हैं
06:59मैं घर जा रही हूँ
07:01और वैसे भी ऐसी बारच में अब कौन घर से निकलेगा
07:04रात भी होने वाली है
07:06चील बचे हुए सारे पकोरे पक्षियों में बांड दे दी है
07:11चील दी ये समोसा मुझे दे दे
07:14मेरे जग्गू को समोसा बहुत पिसांध है
07:17बच्चे खिड़कियों में बैठे हुए अपने ममा पापा का इंतजार कर रहे थे
07:23चोटा मिठू तूर से ही अपने पापा को आता हुआ देख लेता है
07:28कीकी तो बारिश में घर से बाहर निकल कर बैठा हुआ था
07:33गोरी और जिर्या भी सुरक्षत घर पहँँ जाती है
07:37और अपने अपने बच्चों को भोजन देती है
07:41नहीं, नहीं, चील चाच़ी, हम दो बोरी दाना ही लेंगे
07:45कवि, चाच्ची भी केहते हो और अपने चाच़ी का इतना ख्याज भी नहीं करते हो
07:50मैं तुम्हें एक बोरी दाना ही दूङी
07:53चील चाची,वो तो ठीक है
07:56एक बोरी दाना ही दूँगी
07:58चील चाची, वो तो ठीक है
08:00मगर चड़िया और उसका पती
08:02बहुत मौटे दाजे हैं
08:04पूरा एक मिहना भी तुम उनका मास खाओगी
08:06तो फिर भी ख़तम नहीं होगा
08:08ठीक है, मुझे स्वीकार है
08:10दो बोरी ही दूँगी
08:12मगर तुम उन दोनों को
08:14मेरे दरवाजे तक लेकर आओगे
08:16दरवाजा क्या
08:18हम उन्हें तुम्हारे गुफ़ा के अंदर ही ले आएंगे
08:20आगे का काम तुम्हारा
08:22बाकी मैं संभाल लूँगी
08:24कवा और कवी
08:26चील चाची से
08:28दो बोरी दाना लेते हैं
08:30अपने घर चले जाते हैं
08:32रात हो जाती है
08:34कालू
08:36क्या चुरिया और उसका पती
08:38हमारी बातों में आकर हमारे साथ जाएंगे
08:40तुम छिंता ना करो
08:42मैं चुरिया और उसके पती को
08:44दाने का लालज देकर गुफ़ा तक
08:46ले जाओंगा
08:48गुरिया अब सो जाओ बेटी
08:50कल हमें भोज लेने भी जाना है
08:52गुरिया की मम्मा आप सो जाएं
08:54मुझे अभी गुरिया से
08:56बातें करने दे
08:58सुभा हो जाती है
09:00कवा और कवी चुरिया के
09:02घर आते हैं
09:04मम्मा चुरिया और पापा चुरिया नहीं
09:06गुरिया के पापा गुरिया भी
09:08कई दिनों से सूखा दाना
09:10खा खा कर तांग आ गई है
09:12क्या खियाल है
09:14कवी और कवी चुरिया नहीं
09:16गुरिया के पापा चुरिया नहीं
09:18गुरिया के पापा गुरिया नहीं
09:20गुरिया के पापा गुरिया नहीं
09:22गुरिया के पापा गुरिया नहीं
09:24गुरिया के पापा गुरिया नहीं
09:26गुरिया के पापा गुरिया नहीं
09:28गुरिया के पापा गुरिया नहीं
09:30गुरिया के पापा गुरिया नहीं
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09:44गुरिया के पापा गुरिया नहीं
09:46गुरिया के पापा गुरिया नहीं
09:48गुरिया के पापा गुरिया नहीं
09:50गुरिया के पापा गुरिया नहीं
09:52गुरिया के पापा गुरिया नहीं
09:54गुरिया के पापा गुरिया नहीं
09:56गुरिया के पापा गुरिया नहीं
09:58गुरिया के पापा गुरिया नहीं
10:00गुरिया के पापा गुरिया नहीं
10:02गुरिया के पापा गुरिया नहीं
10:04गुरिया के पापा गुरिया नहीं
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10:34गुरिया के पापा गुरिया नहीं
10:36गुरिया के पापा गुरिया नहीं
10:38गुरिया के पापा गुरिया नहीं
10:40गुरिया के पापा गुरिया नहीं
10:42गुरिया के पापा गुरिया नहीं
10:44गुरिया के पापा गुरिया नहीं
10:46आप हम दोनों में से एक को जाने दें
10:48आप हम दोनों में से एक को जाने दें
10:50आप हम दोनों में से एक को जाने दें
10:52आप हम दोनों में से एक को जाने दें
10:54आप हम दोनों में से एक को जाने दें
10:56आप हम दोनों में से एक को जाने दें
10:59तुम तुम जीनता ना करो
11:01कवा और कवी एक बोरी और लेंगे
11:04और तुम्हारी गुरिया को भी मेरा भोजन बना देंगे
11:08डुष्ट चील, मम्मा और पापा जुरिया दोनों को मार देती है
11:14शाम तक गुरिया अपने मम्मा और पापा का इंतजार करती है
11:19शाम के बाद गुरिया को डर लगने लगता है
11:23अभी तक मम्मा पापा क्यों नहीं है?
11:26मैं कवे अंकल से जाकर पूछती हूँ
11:29गुरिया कवों के घर की तरफ जाती है
11:32कालू, कालू अब तो पूरा एक साल हमें दाना ढोणने की कोई चिंता नहीं है
11:40गोरी, अब तक तो चील चाची ने चुडिया और उसके पती की बोटी बना ली होगी
11:47कालू, अब किसी दिन इसी तरहां उनकी बेटी गुरिया को भी अपने जाल में फंसा कर चील चाची को बेच देंगे
11:56गुरिया धर्वाजे पर बैठी कवे और कवी की सारी बातें सुन लेती है
12:01जालिमों, जालिमों ने मेरे मम्मा, पापा को मार दिया
12:06तुमने धोगा किया, मैं मतला लूँगी, मैं अपने मम्मा, पापा का तुमसे मतला लूँगी
12:14रोती हुई गुरिया अपने घर वापिस चली जाती है
12:18वो रात गुरिया अपने घर में रो रो कर गुजारती है
12:23और फिर दूसरे दिन मुं अंधेरे ही अपनी नानों के जंगल की तरफ चली जाती है
12:29गुर्या बेटी आपके ममा-पापा कहां है
12:32वो साथ नहीं आए आपके
12:35गुर्या रोने लग जादी है
12:38नानो...नानो
12:40उन दूस्ट कौवोंने ममा और पापा को धोक्य से चील का भजन मना दिया
12:46वो कवे ममा पापा को धोक्य से चील के पास ले गए
12:52और चील ने ममा पापा को खा लिया
12:58नानों और गुर्या बहुत दुखी थी
13:02फिर गुर्या अपनी नानों के पास ही रहने लगती है
13:06गुर्या अपनी नानों के साथ दाना लेने जाती
13:09और शाम नानों के साथ ही घ़र आ जाती
13:28मेरा दोस्ती से विश्वास उठ गया है
13:30मेरी ममा और पापा को उनके दोस्तों ने धोक्य दिया था
13:35जब तक में अपनी ममँमा पापा को माडने वालों को अन्जाम तक नहीं पहुंचा देती
13:40मैं सुकून से नहीं बेटूंगी
13:44समय गुजर्टा गया और गुर्या बड़ी हो गई
13:47आप वक्त आ गया था जब गुढिया अपने ममा और पापा को मारने वालों को अंजाम तक पहुँँ जाती
13:55नानो कल आप मुझे जहरीले फूलों का रस निकाल कर देंगी
14:00गुढिया बेटी मुझे बहुत डर लग रहा है
14:04जो हुआ उसे भूल जाओ
14:06कहीं वो कवे तुम्हें भी कोई नुकसान न पहुँचा दे
14:10नानो मैं कैसे भूल जाओ
14:13जिन्होंने मिरे ममा पापा को मारा मैं कैसे उन्हें माफ कर दू
14:18मुझे सारी रात नीद नहीं आती
14:21मैंने उसी दिन खुद से वादा किया था
14:24कि मैं उन कवों और दुष्ट चील को अंजाम तक जरूर पहुँचाओंगी
14:29अपनी नानों के साथ जंगल जाती है
14:32और वहां से कुछ जहरीले फूल दोड़ती है
14:35घर आकर गुढिया अपनी नानों की मदद से उन फूलों का रस निकालती है
14:42दूसरे दिन गुढिया वह जहरीले फूलों का रस मिठाई पर डाल कर
14:47अपनी नानों के घर से उड़ती है
14:50जाओ मेरी बेटी ऊपरवाला तुम्हारी रखशा करेगा
14:55गुढिया सबसे पहले गुफा के पास जाती है
14:58जहां चील चाची रहती थी
15:02उदधर उधर देह कर गुढिया आधी मिठाई चील की गुफा के बाहिर रख देती है
15:07और एक पेड़ के पीछे बैठ कर देखने लगती है
15:11उड़ती हुई चील भी आ जाती है
15:14उसके पास एक मरा हुआ चूहा था
15:17ये मिठाई, ये मिठाई कहां से आई?
15:21शायद मेरे कावे दोस्त रह कर गें होंगे मेरे लिए
15:24अब मरा हुआ चूहा कौन खाएगा?
15:27चील मरा हुआ चूहा दूसरी तरफ फैंक देती है
15:31और जट से मिठाई पर तूट पड़ती है
15:34दूसरे ही लम्हे चील जहरीली मिठाई खा कर गिर जा रही है
15:39ममा, पापा मैं आपको याद करके बहुत रोई, बहुत रोई
15:43मगर आज मेरे दिल को सुकून पहुँझेगा
15:47जब मैं बतला लूँगी
15:49मैं इस चील की तरह उन कावों को भी अंजाम तक जरूर भूँ जाओंगी
15:55गुरिया उड़ती है और कावों के घर की तरफ जाती है
15:59कावा और कव भी घर में बैठे हुए थे
16:03गुरिया मिठाई उनके दरवाजे के बाहर रखती है
16:06और दरवाजे पर डस्टक देकर जल्दी से पेड के पीछे चुप कर बैठ जाती है
16:12मिठाई ये मिठाई कौन रख गया
16:15शायद हमारी चील चाची किसी खुशी में यहां मिठाई रख गई होगी
16:20गुरी वो मिठाई उठाकर अंदर ले जाती है
16:24मिठाई मिठाई मैं भी खाओंगा मिठाई
16:28दोनों कवे जहरीली मिठाई खाकर अपने अंजाम तक पहुँझाती है
16:34जालिमों अब कोई भी गुरिया अपने ममा पापा को नहीं खोईगी
16:39तुम्हारे जैसे बुरे पक्षियों की सजा यही है
16:43जैसा करोगे वैसा भरोगे
16:46और फिर वापिस गुरिया अपनी दानों के घर की तरफ चाल देती है

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