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Transcript
00:00पीले दाथ वाली बहु रन्जना कब भी ब्रेश नहीं कर देती उसे कितनी बार उसके माबाप ने डाटा लेकिन उसका कोई असर उसपर होता ही नहीं था जिस कारण से उसके दाथ पीले पीले हो जाते हैं शादी के बाद
00:20अरे बहु वैसे तो तुझ में कोई कमी नहीं है पर तेरे दाथ दाथ इतने पीले कैसे है बेटा
00:30कैसे मतलब कोई सेरजरी थोड़ी न कराई है वो तो क्या है न मैं ब्रेश नहीं करती थी तो पीले हो गए अब क्या करो आप कहें तो लाल कर बालूं या फिर काले
00:44यार ये क्या है क्यों माँ से लड़ रही हो लड़ रही हूँ अरे मैं लड़ रही हूँ या ये बोल रही है कि दाथ पीले है पीले अरे तपस्या थोड़ी न किया है इने पीले करने के लिए बकायदा ब्रेश नहीं किया है 20 साल तक तब जाकर ची कैसे बात कर रही हो ये �
01:14पीले पीले लग रहे है रंजना सास की तरफ गुसे से देखती है फिर शुरू हो गई पीले पीले पीले अरे पीले तो तब भी थे जिम मेरे हाथ का रस्कुला उड़ा उड़ा कर खा रही थी और बोल रही थी लड़की नहीं गुणों का खजाना दे रहे हैं भाई साभा
01:45अरे कमला बहान मा का द्वार है यहां तो सब शुद्धों कराते हैं फिर अपनी बहुको प्रश भी नहीं करवाती तुम दूर से पीले पीले दाद भक्ती में बादा उत्पन न कर रहा है
02:00अरे कुल दो साल के बच्ची थोड़ी न लेकर आयूं मैं बहु बना कर अच्छी खासी लड़की है अरे कैसे करवाऊं ब्रश यह तो उसे खुद करना चाहिए न अब माबाब तो इसके जैसे तैसें जबता दिये यह नहीं सोचा कि सास कैसे संभालेगी
02:17सास बहु को लेकर घर आ जाती है लेकिन सोच लेती है कि आब इसे लेकर कहीं नहीं जायेगी अगले रोज बहु कहती है अरे क्या हो गया मंदिन नहीं जाना क्या किरतन का वक्त हो रहा है मिरी मधुरवाणे से काना जी जाबते ही और सोते है आप तो जानती है न उनकी भक्
02:47के गाने पर नाश रही थी आप और आप बोल रही है कि तपय ठीक नहीं लग रही अरे भक्ती में मन लगा लो सासो मा उपर जाना है क्या मू दिखाओगी आप हाँ सास को बहु की बात पर गुस्सा जाता है मैं क्या मू दिखाओगी इसकी चिंदा तो नवा कर समझी अपन
03:17मैं अपने कमरे में ही बैट कर भक्ती कर लूँगी उपरवाला दान थोड़ी ना देखता है मन देखता है भावना देखता है और अरा बस बस तु सब कुछ दिखा बस ये सफेट चमक दान दान दिखाना किसे को है जा यहां से बहु को सास की बात का कोई फर्त नहीं परता
03:47किरतन भजन करना और सो जाना एक दिन
03:50माजी मैं सहल की घर जा रही हूँ
03:53शाम को लेट आउँगी
03:54ओह ओह तो जाना मैंने कौन सतीरी आर्थी का नी है गर पर बैट कर
03:59रजणा सहल की घर जाती है जहां वो पाटी में जाने की तैयारी कर रही होती है
04:05अरे शीखा कहा जाने की तैयारी कर रही है
04:08मैं गलत वक्त पर आ गई क्या
04:11अरे नहीं यार उनको सही वक्त पर आ गई है
04:14मैंने ये साड़ी और जुलरी निकाली है यार
04:17शाम को इनके आफिस की एक पार्टी में जाना है
04:19बताना कैसा लग रहा है ये सब
04:22नहीं यार इस ड्रेस के साथ तो वो वाले जुलरी अच्छी लगेगी
04:27हाँ हाँ सही बोल रही है मैंने ध्यान ही नहीं दिया
04:30तो हमेशार से मस्ट फैशन सेंस रखती हैं
04:33तो तो बड़ा जाती होगी न पती के साथ पार्टी में
04:36रंजणा कुछ नहीं बोलती
04:39बस सोचती है कि यार काशी बात सही हो जाती
04:43पर मैं क्यों नहीं जाती पार्टी में
04:45क्या इन लोगों की कोई पार्टी होती नहीं होगी
04:48रंजणा घर आती है और रात में पती से सवाल करती है
04:52एक बात बताईए आप जी किसी पार्टी में क्यों नहीं ले जाते
04:55क्या आपकी यहाँ ओफिस में पार्टी नहीं होती
04:59पती बिचारा क्या कहता कि दाद पी रहे हैं तुमारे इसलिए
05:05अरे कोई पार्टी होती नहीं है अमलोगों के ओफिस में
05:09तो कहां से लेकर जाओ
05:10और मार्केट, माल, कहीं वीकेंड गूमना, कहीं तो
05:15अरे यार सारे हफ़ते में एक छुटनी मिलती है
05:18तो सोचता हूँ कि आराम ही कर लूँ, क्यों?
05:21रजना मन मारके रह जाती है
05:23पहले कभी सास के साथ मंदिर जाया करती थी
05:26लेकिन वो भी सास ने ले जाना बंद कर दिया
05:29घर बैठी बैठी रजना बूड हो जाती है
05:31तब ही उससे आइडिया आता है
05:33और वो पाइक के जाने का सोचती है
05:35सासु मा, दो दिनों के लिए मम्मे के घर जा रही हूँ
05:39अच्छाच्छा ठीक है, अराम से जा
05:41और हाँ, मा से कुछ अच्छी आदत सीख कराना
05:45कि कैसे शरीर के हर बात के तरह दातों के सपाइ भी ज़रूरी होती है, समझी?
05:53शिरू हो गईना आप?
05:55वो लोग आपकी तरह नहीं है
05:57कि छोटी-छोटी बात का बतंगड बना दे
05:59उन लोगों के लिए मैं माईने रखती हूँ, ना कि मेरे पीले-पीले दात
06:04रंजना मा को बिना बताए उन लोगों को सर्प्राइज देती है
06:08लेकिन जैसे ही वो दरवाजे पर पहुँचती है, अंदर देखती है कि घरवाले कहीं जा रहे होती है
06:14मा काश रंजना दीदी के तातों वाली प्रॉब्लम नहीं होती, तो वो भी हम लोगों के साथ चलती ना बुआजी की बेटी की शादि हुए
06:22हाँ बेटा लेकिन अब उससे कौन समझाए, कि उसको उसके पिले दाद नहीं दिखते, लेकिन उसके आसपास की लोगों को कितना एम्बरसिंग फिल कराते है
06:31मुझे तो कितनी बार उसके स्कूल की टीचर ने शिकायत के, कि उसके साथ कोई लड़के बातना भी नहीं चाहती, और नाहीं कॉलेज में कोई उससे बात करना चाहता था, लेकिन पता नहीं क्यों उसे ये बात समझ में नहीं आती, कोई कमी नहीं है उस लड़की में बस य
07:01दुख होता है, वो सोचती है कि वो क्या करे, लेकिन फिर वो सीधा डेंटिस्ट के पास जाती है, अपने दात चमकाती है, और कसम खाती है, कि वो रोज ब्रश करेगी, और क्या हो गया, तुम तो दो दिनों के लिए गई थी न, पर कोई न, अच्छा है, चलो आ गई तो, �
07:31पंदेर है, मा मुझे माफ़ कर दीजिये, मैंने आप लोगों को बहुत एम्बरिसिंग फिल करवाया, मैं आज से रोज ब्रश करूँगी,

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