न किसी काम में दिल लगता, न कोई काम पूरा होता (युवा हूँ, क्या करूँ?) || आचार्य प्रशांत (2023)

  • last month
‍♂️ आचार्य प्रशांत से मिलना चाहते हैं?
लाइव सत्रों का हिस्सा बनें: https://acharyaprashant.org/hi/enquir...

आचार्य प्रशांत की पुस्तकें पढ़ना चाहते हैं?
फ्री डिलीवरी पाएँ: https://acharyaprashant.org/hi/books?...

➖➖➖➖➖➖

#acharyaprashant

वीडियो जानकारी: 10.11.23, बोध प्रत्यूषा, ग्रेटर नॉएडा

प्रसंग:
~ क्यों हमारा काम समय पर पूरा नहीं हो पाता?
~ कैसे हमारा व्यक्तित्त्व बहुआयामी हो सकता है?
~ एक ही काम पर आवश्यकता से अधिक समय लगाना गलत क्यों है?
~ हमारी मूल समस्या कौनसी है?
~ हम क्यों आतंरिक कमजोरी को छिपाने के लिए इतनी मेहनत करते हैं?
~ क्यों हम बाहरी सफलता की आड़ में भीतरी विफलता छिपाते हैं?
~ मेहनत से पहले और ज़्यादा ज़रूरी क्या है?
~ काम का समय से पूरा होना ज़्यादा बड़ी समस्या क्यों है?
~ क्यों हम अपने सब अवतारों को बहुकला प्रवीण दिखाते हैं?

संगीत: मिलिंद दाते
~~~~~

Category

📚
Learning

Recommended