असम विधानसभा में जुमे की नमाज के लिए मिलने वाले ब्रेक को खत्म किए जाने के मुद्दे पर कांग्रेस के राज्यसभा सांसद नसीर हुसैन ने कहा कि मुझे लगता है कि असम की सरकार और असम के मुख्यमंत्री को इन्हीं सब चीजों में ज्यादा इंटरेस्ट है उनको डेवलपमेंट, प्रोग्रेस, राहत का काम करने, लोगों को सुविधाएं दिलवाने, ब्रिज बनाना, सड़कें बनाना मुझे लगता है कि इनमें उनको कोई इंटरेस्ट नहीं है। वक्फ संशोधन कानून को लेकर जेपीसी की बैठक पर उन्होंने कहा कि बैठक में क्या हुआ यह बात मैं नहीं बता सकता क्योंकि मैं उसका सदस्य हूं। मैं इतना बता सकता हूं कि हिंदुस्तान के हर गांव में वफ्फ की संपत्ति है जहां जहां मुसलमान रहते हैं, एक कब्रिस्तान, एक ईदगाह मिनिमम होता है हर जगह जब आपकी प्रॉपर्टी है तो इसके स्टेक होल्डर भी बहुत ज्यादा हैं। इसके ऊपर इस पर एक्सपर्ट लोग भी हैं जिसमें बोर्ड चलाने वाले लोग भी हैं।
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00:00मुझे लगता है कि आसाम की सरकार और आसाम के मुखमत्र को इनी सब चीजों में ज्यादा इंटेस्ट हैं।
00:06उनको development, progress, राहात का काम करना, लोगों को सुविधायें दिलवाना, ब्रिज्जें, पुलें बनना,
00:18roads बनाना, नए प्रोग्राम स्कीम्स देना, मुझे लगता है कि इसमें कोई इंटेस्ट नहीं होगा।
00:25अब उनको ये भी लगने लगा है कि उनकी नई पार्टी तो बीजेपी है, उसमें उनके जो आखायें हैं, उनसे लग रहा है कि चीजों में उनको खुश नहीं है।
00:35उनको ज्यादा लॉयल्टी दिखाने के चक्र में भी ये सोब हरकते हो कर रहे हैं। इससे कोई फरक नहीं पढ़ना वाला है। आने वाले छुनों में बुरी तरह से हारने वाले हैं। उनको भी पता है। इसलिए इस तरह से डिवाइड करना, पोलराइज करना है। इस तर
01:05सद्यों से चलते आये हैं। उसको उससे टिंकरिंग करना, उससे रोक्टोक करना, उसको खतम करना, ये किसी भी समाच के लिए ठीक नहीं होता है।
01:14बैटक में क्या हुआ है ये मैं बता नहीं सकता है क्योंकि मैं उसका सद्जस हूँ।
01:18दूसरा, इतना मैं बता सकता हूँ कि हिंदुस्तान भर के स्टेक्वर्डर्स को, क्योंकि हिंदुस्तान के हर विलेज में वफ की प्रापर्टी है।
01:27जहां जहां मुसल्मान रहते हैं, वहाँ पे कबरस्तान, एक इदगा, एक मस्जीद, ये मिनिमम होते हैं।
01:33अब हर जगां जब वफ की प्रापर्टी हैं, तो स्टेक्वर्डर्स भी बहुत ज्यादा हैं।
01:38इसके उपर इसके एक्सपर्ट लोग भी हैं, इसमें बोर्ट चलाने वाले भी लोग हैं, अलग-अलग इदारे के लोग हैं, अलग-अलग प्रांट में अलग-अलग रूल्स हैं।
01:51इसलिए स्टेक्वर्डर्स को बुलाया गया है, और हो सकता है, जेपी-सी टूर भी करेगी, दूसरे-दूसरे प्रांटों में, वहां से विटनस्स को बुलायेंगे, बात करेंगे, उससे समझेंगे, और उसके बार डिटेयल में जेपी-सी के अंदर बाचीत करके, रुप
02:21अपना पैसा इदर-सी उदर कर रहे हैं, तो इसका डंका क्यों पीट रहे हैं, आम-जन्ता चाह कहरी है, आम-जन्ता चाह रही है कि नौकरी मिले, आम-जन्ता चाह रही है कि अपने पेट में, अपने पोकेट में पैसे आए, आम-जन्ता चाह रही है कि उसको दो वक्ती र
02:51कर तने के लिए पैसा चाहर करेंगे? तो ये किस का है? कितने लोगों का है? और कहां से,
03:00किस कैटेगृडि का पैसा है, हो भी तो बताए, मोडी जी, हर चीज के लिए क्रेड़िट लेने की चकर में रह जाते हैं,
03:06वैसे तो ये प्रकरिया शुरू भी थी कॉंग्रेस के जमाने में
03:10लेकिन मैं मानता हूँ कि गरीब पूछ रहा है बहुत नाकुरी चाहिए
03:15गरीब पूछ रहा है कि उसको दो रोटी के खाने के लिए पैसा चाहिए
03:18उसकी व्यवस्ता करवा दें मोधी जी.