चिड़िया वाले कार्टून | टुनटुनी चिड़िया का कार्टून | TunChidiya wala Cartoon | HindiKahani

  • 2 days ago
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कार्टून चिड़िया | Episode New | Chidiya Wala Cartoon | Tuni Achi Cartoon | Hindi Kahani
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Transcript
00:00रानो चीर्या की दो बेटिया थि
00:06चिर्या अपनी बेटियों से बहुत प्यार करती थी
00:09मगर राणओ चिर्या की सास से बेटिया बिल्कुल पसंद नहीं थी
00:13इसलिए वो हर समय अपनी बहु से लड़ाई करती और उसे ताने देती रहती थी
00:19मेरे घर में आते ही तुम ने बेटियों कि लाइन ही लगा दी
00:22अब इस अंडे से भी बेटीँ ना निकाल लेना
00:25मुझे पोथा चाहीह
00:26इस अंडे से बेटा ही निकालना चाहीह
00:29माजी बेटा हो या बेटी
00:31इस samen मेरा क्या दोश है
00:33और मेरी बेटियां किसी से भी काम नहीं है।
00:36आप देखना कल बढ़ी होकर मेरी बेटियां कितनी काम्यापक्षी बनती हैं।
00:41मगर रानो जुढ्या की साथ़ गुशे होकर घर से चली जाती है।
00:46उसका बेटा जंगल में लकडियां काट रहा था
00:49रानो जुडिया की सास अपने बेटे के पास चाहती है
00:53बेटा, मैं तुम से एक बात करना चाहती हूँ
00:56हाँ मा, बताओ क्या बात है
00:59बेटा, अब दो ही बेटियां बहुत हैं
01:01अंडे से दुबारा बेटी निकली
01:03तो मैं उसे पहाडों पर छोड़ा हूँगी
01:06मा, बात तो ठीक है
01:08मगर रानो नहीं मानेगी
01:09उससे कौन पूछेगा
01:11दो चार दिन रोकर चुप कर जाएगी
01:13और ऐसा भी तो हो सकता है
01:15कि हमारे अंडे से बेटा ही निकले
01:18ऐसे ही तीन दिन गुजर जाते हैं
01:21पापा चुढिया काम पर गया हुआ था
01:23चुढिया का अंडा फूडता है
01:25और उस अंडे में से भी बेटी ही निकलती है
01:29ममा चुढिया अपनी बेटी को देखकर
01:32उसे अपने पंखों में छुपा लेती है
01:35मगर चुढिया की दूसरी दो बेटिया शौर मजाती है
01:52भागी भागी रानो चुढिया की सास वहाँ आती है
01:56इसे अपने पंखों से बाहर निकालो
01:59मैं देखना चाहती हूँ अपने बोते को
02:01सासु मा बहुत सुन्दर है
02:04बेटी है तो क्या हुआ
02:06देख लें आप
02:07हमारी ये बेटी दूसरी दोनों से सवस्त और सुन्दर है
02:11वही हुआ जिसका मुझे डर था
02:14मनहूस बेटिया तो पहले ही दो थी मेरे घर में
02:17आ लेने दो मेरे बेटे को
02:19मैं जाती हूँ, मैं अभी जाती हूँ
02:23रानो चड़िया की सास भागी भागी अपने बेदे के पास जाती है
02:28मुझे तो पहले ही खबर थी उस मनहूस के अंडे से बेटी ही निकलेगी
02:33क्या मा क्या अंडा फूट गया है
02:36बोटी, तासी, गाए जैसी बेटी निकली है अंडे से
02:40जाकर खुद देख लो
02:42सास चड़िया का बेटा जल्दी से अपनी मा के साथ घर आता है
02:47रानो, मैं इतनी बेटियों का पालंपोस्टन नहीं कर सकता
02:51लाओ, ये बेटी मुझे दे दो
02:54आप, आप मेरी बेटी को कहां लेकर जा रही है
02:58चुप, चुप करजाओ, माँ आप इसे लिए जाओ
03:06और चोड़ाव पहाडव पर
03:09ऐसा ना करें, किरपिया करें, रहम करें, मेरी बेटी पर रहम करें
03:12लो मगर रानो की सास उस से बेटी छीन लेती है
03:18कमस कम आखरी बार देख तो लूँगी अपनी बेटी को
03:23मा दे दो इसे और वहाँ छोड़ कर आना जहां से वे वापिस लोड़ कर घर नाए
03:29थीनों बेटियां बहुत दरी हुई थी
03:32ममा मुझे भी ले जाएँ मैं भी बेहन के साथ जाओंगी
03:36मुझे भी पहाडों की सैठ करना है
03:39चुप तर जाओ मेरी बेटी चुप तर जाओ
03:42ममा जढ़िया अपनी तीसरी और छोड़ी बेटी को
03:46टोकरी में रखकर पहाडों की तरफ चली जाती है
03:50ममा जढ़िया घने जंगल में जाती है
03:53बड़े पेड़ के ऊपर एक पूराना घॉंसला था
03:57ममा जढ़िया अपनी बेटी को उस पूराने घॉंसले में बिठा देती है
04:01बेटी, मेरी गुर्या बेटी, आप इसे घॉंसले में बैठी रहना
04:07मैं आपको दाना दे जाया करूँगी
04:09आपके पापा और दादो आपको पिसंद नहीं करते
04:14ममा, बगर मुझे रात को डर लेगेगा
04:18मेरी बेटी बहुत भादूर है
04:20जो भी हो इस घॉंसले से बाहर मत निकलना
04:24मैं हर रोज तुमसे मिलने आ जाया करूँगी
04:27अपनी बेटी को वहां छोड़कर
04:29ममा चुड़िया रोती हुई घर वापिस आ जाती है
04:33वो मजबूर मा थी, वो क्या कर सकती थी?
04:36वो किसी भी तरहां अपनी बेटी को बचाना चाहती थी
04:41पहाडों की दूसरी तरफ छोड़कर आई हो ना उसे
04:45हाँ, दूर, बहुत दूर छोड़ाई हूं
04:48मैं अपनी बेटी को
04:50रात हो जाती है, ममा चुड़िया भी जाग रही थी
04:55उसकी छोटी बेटी घने जंगल में अकेली बहुत डर रही थी
05:00पतों के गिरने की आवास से वो छोटी सी कुडिया डर जाती
05:05और अपनी आँखें बंद कर लेती
05:07ममा ममा मुझे डर लग रहा है
05:11ऐसे ही रात गुजर जाती है, दूसरी रात और फिर तीसरी
05:17अब आहिसा आहिसा गुढिया को डर नहीं लगता था
05:21वो सारी रात जुगनों को उड़ता हुआ देखती
05:24मैं तितलियों से बातें करती रहती
05:28गुढिया की मां सुभ हो शाम उसे दाना देने आ जाती
05:32ममा आँखें कहा जा रही है
05:35मैं तुम्हारी बेहन को दाना देकर आती हूँ
05:38दादों से कहना कि ममा लदी पर गई हुई है
05:41ममा जिर्या अपनी चौंच में दाना लेकर घर से निकलती है
05:47रास्ते में उसे उसकी सास मिल जाती है
05:50बहु तुम तम सुभा सुभा कहा जा रही हो
05:54मैं तो नदी पर जा रही हूँ
05:58नदी उस दरफ है इस दरफ नहीं
06:01मैं भूल गई थी
06:04तुम्हारा दिमाख ही खराब है
06:06कभी तो तुम्हारे अंडों से बेटिया निकलती है
06:09ऐसे बोलती हुई रानो चुरिया की सास वहां से चली जाती है
06:14इधर उधर देह कर मम्मा चुरिया फिर से दाना उठाती है
06:19और वहां से चल देती है
06:21मम्मा, मम्मा पता है?
06:23अब तो मुझे रात को भी डर नहीं लगता
06:26और मैंने अब थोड़ा थोड़ा उणना भी सीख लिया है
06:29अच्छा सच, वो कैसे?
06:32अपनी सहेली सोनीता दिदली से
06:35उसने मुझे उनना सिखाया है
06:37सुनो बेटी, यहां से दूर नहीं जाना
06:41बस थोड़ा उणने के बाद
06:43वापिस इसी गॉंसले में आकर बैठ जाना है
06:46ठीक है मम्मा?
06:47मम्मा, मेरी बहने कैसी है?
06:49वो ठीक है
06:51क्या उन्होंने उनना सीख लिया है?
06:54कहां बेटी, अभी तक तो वो घर में ही रहती है
06:57आपकी दादों उन्हें घर से बाहर जाने ही नहीं देती
07:01ऐसे ही दिन और रात गुज़रते के
07:04गुर्या अब बड़ी हो गई थी
07:07एक दिन बुर्ही सास जंगल से जा रही थी
07:10के वो चक्रा कर गिर जाती है
07:13उसकी आँखों के सामने अंधेरा चा जाता है
07:16वो बिहोष हो जाती है
07:18गुर्या अपने घॉंसले में चुप कर बैठी हुई थी
07:22बुर्ही जुर्या को गिरा हुआ देख कर
07:24गुर्या जल्दी से वहाँ आती है
07:26इसे पानी की जरूरत होगी
07:28मुझे जल्दी से पानी लाना होगा
07:32गुर्या जाती है और नती से पानी ले आती है
07:35गुर्या बुर्ही जुर्या के मूँ में पानी डालती है
07:39मैं, मैं कहाँ हूँ?
07:42माँजी, आप चिंता ना करें, आप ठीक है
07:46मैं हूँ ना, मैं ख्यार रखूंगी आपका
07:49बेटी, वहाँ सामने मेरा बेटा लकडियां काट रहा होगा
07:55उसे बुला कर लाओ
07:57गुर्या भाग कर जाती है और घने जंगल के उस पार जा कर देखती है
08:03गुर्या को एक पक्षी लकडियां काटा हुआ दिखाई देता है
08:07गुर्या उसके पास जाती है
08:10अंकल अंकल, एक बुढ़ी मा मुश्किल में है
08:13मैंने उसे पानी पिलाया है
08:15वो आपको बुला रही है
08:17मा, वो मेरी मा होगी
08:20वो पक्षी जल्दी जल्दी से गुर्या के साथ जाता है
08:24मा, चिंता ना करो, मैं आग्या हूँ
08:27मैं उठाने में आपके मदद करती हूँ
08:30फिर एक तरफ से गुर्या
08:32और दूसरी तरफ से बुढ़ी चुढिया का बेटा
08:35उसे उठाते हैं
08:37और घर तक ले आते हैं
08:40गुर्या, गुर्या बेटी, आप यहां कैसे आगे?
08:44मम्मा, मेरी मम्मा
08:46मैं तो इस बुढ़ी चुढिया की मदद करने आई थी
08:49ये सुनकर रानो चुढिया की सास
08:52और उसका पती हैरान हो जाते हैं
08:55बहु, ये चोटी चुढिया कौन है?
08:59सच सच बताओ
09:01सासुमा, माफ करना
09:03एक मा कैसे अपनी बेटी को मार सकती है?
09:06ये आपकी पोती है
09:08पापा चुढिया और बुढ़ी सास की आँखों में आंसु आ जाते हैं
09:13और दादी अपनी पोती को गले लगा लेती है
09:17मुझे माफ कर देना मेरी बेटी, मैं भूल गई थी
09:21अपने पापा से नहीं मिलोगी क्या?
09:24गुर्या अपने पापा के गले लग जाती है
09:27और फिर वो सब खुशी-खुशी जीवन गुजारते हैं

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