• last year
kalu kauwa aur gori ki kahani chidiya aur kauve ki kahani

कार्टून चिड़िया | Episode New | Chidiya Wala Cartoon | Tuni Achi Cartoon | Hindi Kahani

कार्टून Chidiya Wala Cartoon|Tuni Chidiya Cartoon | Hindi Cartoon Kahani
We create unique contents. Interesting and new moral stories/Kahaniya.
#cartoondekho
#chidiyawalacartoon
#acchiacchichidiya
#कार्टून
#hindicartoon
#cartoonhindi
#kauwakikahani
#ranochidiya
#chidiyakauwakahani
#hindistoriescartoon2024

Category

😹
Fun
Transcript
00:00बूतर का बेटा कीकी, चिड़िया का बेटा कूकू और कालु कवे का बेटा जगू कवा तीनों दोस्त थे
00:06लेकिन जगू कवा हमेशा दूसरों से जलता रहता
00:11उसे अपनी चीज कभी भी अच्छी ना लगती
00:14बलके वो हमेशा दूसरों की चीजों पर नज़े रखता था
00:18तीनों दोस्त जंगल में अपना भोजन लेने जा रहे थे
00:21के तेस बारिश शुरू हो जाती है
00:24वो एक पेड की डाल पर बैठ जाती है
00:28हम बारिश में फंस के हैं
00:30मैंने आपको कहा था के बारिश शुरू होने वाली है
00:34जंगल जाना ठीक नहीं है
00:36कुकु, तुम भी ऐसे ही डरते रहते हो
00:39गर्नों की बारिश है
00:40मुझे तो बारिश में नहाने का बहुत मजा आ रहा है
00:43उसी पेड के उपर से जगु को एक पका हुआ आम मिल जाता है
00:48जगु का वाल प्रुंत जाता है
00:50और वो आम तोर कर ले आता है
00:53मेरा तो दिन बन गया
00:55पका हुआ आम मिला है मुझे
00:57क्या ऐसा हो सकता है
00:59कि हम ये आम तीनों आपस में मिल बांड कर खा ले
01:03मेरा भी आम खाने को बहुत दिल कर रहा है
01:06ये आम मुझे मिला है
01:08इसलिए ये आम मैं ही खाऊँगा
01:11किकी तम ही खा लो
01:13हमें भी कोई ना कोई चीज मिल ही जाएगी
01:16तब ही कुकु को दूसरे साथ वाले पेड पर
01:19एक लाल अमरूद दिख जाता है
01:23किकी वो वो देखो लाल अमरूद
01:26मैं अभी वो लाल अमरूद तोड़ कर लाता हूँ
01:29कुकु जाता है और अपनी चाटी सी जौज से
01:32उस लाल अमरूद को तोड लेता है
01:35जगु कवा अपना आम सामने रखे
01:38कुकु के अमरूद की तरफ देखे जा रहा था
01:41मिल गया हमें भी लाल अमरूद मिल गया
01:44किकी दोस्त जगु आम खाएगा
01:46मैं और आप ये लाल अमरूद आदा आदा खा लेते हैं
01:50ये अमरूद तुम मुझे दे दो
01:52लाल अमरूद मुझे बहुत पिसंद है
01:55प्लीज कुकु तुम मुझे ये मेरा आम ले लो
01:58नहीं कुकु
01:59जब पहले हमने जगु से आम बांट कर खाने का कहा था
02:03तो इसने इंकार कर दिया था
02:05अगर तुम मुझे लाल अमरूद नहीं दोगे
02:08तो मैं भी दुबारा तुम्हारे साथ भाज़ा लेने नहीं आओंगा
02:12जगु दोस्त इतनी छोटी सी बाद पर दोस्ती क्यों ख़तम करे हो
02:16लो तुम ये अमरूद ले लो
02:18और हमें अपना आम दे दो
02:20फिर जगु अपना आम कुकु को दे देता है
02:24और उसे लाल अमरूद ले लेता है
02:26यहाँ पानी आ रहा है
02:28हम ये फल किसी और चका जा कर खाते हैं
02:31फिर वो तीनो अपने अपने फल उठा कर
02:35एक बेरी के पेड़ के नीजे जा कर बैठ जाते हैं
02:38वहाँ बारिश का पानी अभी तक नहीं आ रहा था
02:42कुकु और कीकी अपना आम आधा आधा करते हैं
02:46और खाने लगते हैं
02:49जगू की आदत थी के वो हमेशा अपने चीज बाद में खाता था
02:54कीकी और कुकु आम खा लेते हैं
02:57तो जगू कवा भी अपना लाल अमरूद अपनी चोच से कारता है
03:02ये ये तो अंदर से खराब है
03:05मैं नहीं खाँगा इस अमरूद में कीड़े हैं
03:08कुकु और कीकी हंसे लग जाते हैं
03:11जगू दोस्त तुमने अपने मरजी से हमसे ये अमरूद लिया था
03:16आप जैसा भी है इसमें हमारा क्या दोश
03:19और अभी आम की गुटली बाकी है तुम ये गुटली ले लो
03:23इस पर काफी सारा भूदा अभी तक है
03:26तुम्हारा छोड़ा हुआ आम मैं नहीं लूँगा
03:29दोस्त ऐसे छोटी छोटी बातों पर लड़ाई
03:33छोटी छोटी बातों पर नराज होना ठीक नहीं होता
03:36मैं जा रहा हूँ, मैं तुम्हारे साथ नहीं जाओंगा
03:40कुकु और कीकी जगू को मना करते हैं
03:43मगर वो वहाँ से चला जाता है
03:46ये जगू तो हर समय लड़ाई ही करता है
03:49कीकी, वो सामने छपर है
03:52हम वहाँ चले जाते हैं
03:54और वहाँ बैहने को जगा भी है
03:56शायद ये छपर जंगल में किसी इंसाउन ने बनाया होगा
04:00फिर दोनों दोस्त वहाँ चले जाते हैं
04:03बारिश और भी तेज हो जाती है
04:06ना जाने जगू कहा होगा
04:09जब बारिश में भीगेगा तो खुद ही वापिस आजाएगा
04:13बारिश बहुत तेज है
04:15मैंने बच्चों से कहा भी था कि बाहर मत जाओ
04:19मगर बच्चे हैं कि सुनते ही नही
04:22ममा चुढिया बैठे सोज रही थी
04:24कि दर्वाजे पर दस्त खोल दी है
04:27ममा चुढिया दर्वाजा खोल दी है
04:30चुढिया, मेरा जगू घर में नहीं है
04:33ना जाने कहा जला गया है
04:35गोरी बहन, चिंता ना करो
04:37मेरा कूकू भी दाना लेने क्या हुआ है
04:39वो दोनों साथ ही होंगे
04:41आईये, आप थोड़ी देर मेरे घर में रुख जाये
04:45गोरी कवी चुढिया के घर चली जाती है
04:48चुढिया, भूग बहुत तेज़ लगी हुई है
04:51क्या घर में कुछ खाने को है
04:53गोरी, मेरे पास कुछ दाने चनों के है
04:56क्या वो खाओगी तुम
04:58भूग से मर रही हूं, चने के दाने ही दे दो
05:01फिर गोरी कवी चुढिया से चने के दाने लेकर खाने लगती है
05:06चकू कवा भी एक पेड के नीचे बैठा हुआ था
05:10पेड के उपर एक चोटा सा बेरी का फल दिखता है
05:14वो बिना सोचे पेड की डाल की तरफ उड़ता है
05:18मगर वो पेड कांटे दार था
05:21बेरी के कांटे जगू के पंखों में चुब जाते है
05:25और वो वहाँ फंस जाता है
05:28बचाओ, बचाओ, मुझे यहाँ से निकालो
05:31कूकू, कीकी कहा हो
05:35दोस्त कीकी, मुझे जगू की आवाज सुनाई दे रही है
05:39शायद वो मुश्किल में है
05:41आवाज उस दिशा से आ रही है
05:43हमें जाकर देखना होगा
05:46फिर कूकू और कीकी जल्दी से आवाज की दिशा में उड़ते हैं
05:50वो सामने है जगू, वो तो कांटों में फंसा हुआ है
05:54कूकू और कीकी मिलकर
05:56जगू को कांटों से बाहीर निकाल दे हैं
05:59जगू, तुम्हारे पंग से खून बहरा है
06:02क्यों आए थे यहाँ
06:04बेरी का फल खाने
06:06हमारे साथ वहाँ बहुत सरक्षत जगह है
06:09जहां हम बारी से पूरी तरहां बच सकते हैं
06:12वो जगह इनसान की बनाई हुई है
06:15कूकू और कीकी जगू को अपने साथ ले जाते हैं
06:19यह जगह तो ठीक है
06:22यहां तो एक अतरा भी बानी का नहीं आरहा
06:25अहिस्था अहिस्था अन्धेरा भड़ने लगता है
06:29बादलों की वज़ा से
06:30रात होने से पेले ही रात होने लगी है
06:34अब वो तीनों दोस्त घर वापिस जाने के लिए
06:37परिशाण होने लगते हैं
06:39अगर अन्धेरा भड़ गया तो हम सब यहां क्या करेंगे
06:43हमारे पास कोई रोशनी भी नहीं है
06:46हम घर कैसे जाएंगे
06:48आइटिया, यहां थोड़ी ही दूर मेरी दादो का घर है
06:52हम सब वहाँ चले जाते हैं
06:55जगू, क्या आपको अपनी दादो के घर का पता मालूम है?
06:59हाँ हाँ, मुझे पता है
07:01तो फिर अन्धेरा होने से पहले-पहले
07:04हमें यहां से उनना होगा
07:06को तीनो फिर से उड़ते हैं
07:09और थोड़ी ही देर में जगू की दादो के घर पहुंच आते हैं
07:14जगू बेटा, ये कौन हैं?
07:17दादो, ये मेरे दोस्त है
07:19दादो, मैं बेड़ी के पेड में फ़ंस गया था
07:22मेरे दोस्तोंने मेरी जान बचाई
07:25क्या घर बता कर आए हुआ आप सब?
07:28जगू छोड बोलता है
07:29चोट बोलता है
07:30हाँ हाँ दादो, हम सब घर बताओ कर आए हैं
07:34जगू दोस्ट, हमारे मम्मा पापा परेशान होगे
07:38हमें अपने घर बताना होगा कि हम यहां सुरक्षत हैं
07:42दादो, हम भोजल लेने आए थे
07:45कि तेस बारिश रूह होगे
07:47और हम सब बारिश में फंस के
07:49तुम बैठो, मैं अभी तुम्हारी माँ को बता कर आती हूं
07:53फिर जगू की दादो, घर के पास ही एक चील की दुकान पर जाती है
07:59और वहां से टेलिफोन करती है
08:02सासुमा, मैं ठीक हूँ
08:05बहु राणी, जगू मेरे पास पहुँच गया है
08:09चिन्ता ना करना, उसके दो दोस्त भी उसके साथ है
08:13चुर्या का बेटा और कभूदर का बेटा
08:16ये सुनकर गोरी कवी खुश हो जाती है
08:20गोरी, क्या हुआ? किसका फून था?
08:23मेरी सास का फून था, बच्ये सुरक्षित हैं
08:26और जगू, कीकी और कूकू को अपनी दादों के घर ले गया है
08:31चुर्या भी खुश हो जाती है
08:33मेरी चिन्ता खदम हुई, जब बारिश रुकेगी
08:36तो हम जाकर उन्हें ले आएंगे
08:39फिर रात को जगू की दादों उन सब को डाल, चावल की खिचड़ी बना कर देती हैं
08:45और वो सब खिचड़ी खा कर मीथी निन सो जाते हैं

Recommended