बकरी का स्वयंवर Bakri ka swayamvar bakri ki kahani bakri wala kahani Hindi Kahani  Kahani

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बकरी का स्वयंवर | Bakri ka swayamvar | bakri ki kahani | bakri wala kahani | Hindi Kahani | Kahani

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00:00शान्ति नगर नाम के एक चोटी सी जंगल में कुछ जानवर एक साथ रहा करते थे। उस जंगल का राजा शेर था। पर शेर की बेटी कोई शेर्मी नहीं बल्कि एक बक्री थी। बस यही वजह थी की राजा की बेटी होने के बाद भी जंगल के सभी जानवर बेचार
00:30कुछ जानवरों को आपस में बात करते हुए देख लेती हैं
00:33पता नहीं कैसे कैसे जानवर होते हैं
00:35अब जब राजा ही ऐसा होगा तो प्रजा कैसी होगी
00:39पर फिर भी पता नहीं कि वो बेवकूफ राजा हमसे इतनी उमीदे रखता है
00:43तुम्हारा कहना सही है बेडिया
00:46पर राजा को बेवकूफ कहना ये सही नहीं है
00:48हाँ मांती हूँ कि अगर उनकी कोई ओलाद नहीं हो रही है
00:52तो भी उन्हें बकरी को गोध नहीं लेना चाहिए था
00:55और अगर किसी बच्चे को गोध भी लेना था
00:57तो किसी शेर के बच्ची को गोध ले लेते
00:59पता नहीं हमारे राजा ने उस बकरी को अपनी बेटी क्यों बनाया
01:03और उपर से ये बकरी कितनी काली है
01:06भला उसकी शादी कभी हो सकती है
01:08राजा भी ना पहले ही गल्टी कर चुके हैं
01:11उस बकरी को गोध लेकर
01:12और अब दूसरी गल्टी कर रहे हैं
01:14उसकी शादी करवा कर
01:24हाथ ही इशारे में जानवरों को बकरी के बारे में बताता है
01:28तब सभी जानवर बकरी को देखकर बातें घुमा देते हैं
01:32पर बकरी भी उनकी बातों को समझ चुकी थी
01:36इसलिए वो भी सभी जानवरों को गुसे में जवाब देती है
01:40हाँ हूँ में काली बकरी नहीं हो रही है मेरी शादी
01:42और शायद कभी होगी भी नहीं
01:44और तुम सब अपनी हद में रहो
01:46क्योंकि मेरी शादी नहीं हुई न
01:48तुम मेरे पिताजी के मरने के बाद मैं ही यहां की राणी बनूंगी
01:51और जो आज मेरा मसाग बना रहा है न
01:53कल सबसे पहले मैं उसी को भासी की सजा दूंगी
01:56इतना बोल कर बकरी वहाँ से गुसे में चली जाती है
02:00और वहाँ खड़े सबी जानवरों का मुझ बंध हो जाता है
02:03और वो सबी बकरी की खड़ी-खोटी बातें सुनकर
02:06अपने-अपने काम में लग जाती हैं
02:09और बकरी अपने घर जाकर एक कोने में शान्ती से बैठ जाती है
02:13कुछ देर बाद शेर गुफा में आता है
02:16और बकरी को उदास कोने में चुपचा बैठा देखकर उससे कहता है
02:21अरे आज मेरी फूल जैसी बेटी को क्या हुआ
02:25वो तो आज अपना मूड अच्छा करने के लिए
02:28अपनी सेहलियों के साथ बाहर घूमने गई थी
02:30फिर ऐसा क्या हो गया
02:32जो उसका मूड इतना खराब हो गया
02:34पापा जब किस्मत ही खराब हो तो मूड तो खराब होगा ही ना
02:38इस जंगल के जानवर बड़े ही बत्तमीज हैं
02:40और रही मेरी शादी की बात
02:42तो आप मेरी शादी के सप्मे देखना बन कर दीजी
02:45क्योंकि कोई मुझसे शादी नहीं करेगा
02:47क्योंकि जानवरों का मनन है कि
02:49एक बकरी शेर की बेटी हो ही नहीं सकती
02:51पर मेरी बच्ची
02:52हमने तो तुम्ही गोध लिया है
02:54और ये बात पूरा जंगल जानता है
02:56और रही शादी की बात
02:58तो वो आज नहीं तो कल हो ही जाएगी
03:00यही तो दिक्कत है ना पापा
03:02ये पूरी जंगल को मालुम है कि
03:04मैं आपकी गोध लिए हुई बेटी हूँ
03:06इसलिए जो भी रिष्टे मेरे लिए आते हैं
03:08इस जंगल के सबी जानवर उन्हें डराकर
03:10धंकाकर भगा देते हैं
03:12ताकि मेरे शादे ही ना हो
03:14और ये सब इसी तरह से मेरा मसाग बनाते हैं
03:16मैं आप चितनी ताकतवर भी नहीं हूँ
03:18जो अपने राज्जी को संभाल पाँगी
03:20मेरी बेटी, किसी से जीतने के लिए
03:22बल्की नहीं, बल्की बुद्धी की जरुत होती है
03:24जो कि तुम्हारे अंदर है
03:26और तुम्हारी शादी हो या ना हो
03:28इस प्रजा की बाग दोर
03:30मेरे बाद तुम्हारे ही हाथ में होगी
03:32शीर बक्री को तो समझा देता है
03:34पर वो बक्री की बातें सुनकर
03:36खुद अंदर से तूट जाता है
03:38अब इसी तरह से
03:40वो आये दिन अपनी बेटी के लिए
03:42रिष्टे ढूनता पर सभी रिष्टे
03:44किसी ना किसी वज़ह से तूट जाते
03:46तो कभी तोड़ दिये जाते
03:48इस वज़ह से
03:50शीर काफी परिशान हो जाता है
03:53और एक दिन जब वो जंगल से
03:55बाहर किसी काम के लिए जा रहा होता है
03:57तो वो अपने कानों से
03:59और अपनी आखों से
04:01अपने जंगल के जानवरों को
04:03हर रिष्टे वालों को भढ़गाते हुए देखता है
04:22अगर तुम्हें अपनी प्रजा और वहां के
04:24जानवरों की रख्षा करनी है
04:26तो किसी शेरनी से शादी करो
04:28ताकि वो किसी शेर को जनम दे सकी
04:30अगर बकरी से शादी करोगे
04:32तो बकरी ही होगी
04:34और बकरी कभी प्रजा नहीं समाल सकती
04:36अरे हाती भाई तुम तो
04:52क्योंकि वो शेर की बेटी है
04:54एक राजा की बेटी पर मुझे नहीं पता था
04:56कि वो राजा की गोदली हुई बेटी है
04:58अगर मुझे ये पता होता
05:00तो मैं यहां नहीं होता
05:02पता नहीं वो किस वंश की होगी
05:04अरे भाई यही तो मैं तुम्हें समझा रहा था
05:06दूसरा शेर हाथी की बास सुन कर
05:08बिना सोची समझे
05:10इस रिष्टे के लिए मना कर देता है
05:12और राजा से मिले बिना ही
05:14जंगल से बाहर चला जाता है
05:16और ये सब खुद जंगल के राजा शेर देख लेते हैं
05:18और उन्हें ये देख कर बहुत बुरा लगता है
05:20पर वो ठान लेते हैं
05:22कि हाथी को उसके किये की सजा मिलेगी
05:24इसलिए राजा शेर हाथी के पास जाते हैं
05:26शेर को देख हाथी डर जाता है
05:28और हकलाते हुए कहता है
05:30राजा जी आप यहाँ
05:32हाँ मैं यहाँ
05:34और हकलाती हुई कहता है
05:36राजा जी आप यहां
05:38हाँ मैं यहां
05:40और आज मैंने सब कुछ अपने कानों से सुना है
05:42और अपनी आखों से देखा है
05:44सही कह रही थी मेरी बेटी
05:46जब तक वो इस जंगल में रहेगी
05:48इस जंगल के जानवर उसे कभी खुश नहीं रहने देंगे
05:50मेरी बेटी की शादी तो
05:52होकर ही रहेगी
05:54पर उससे बहले तुम्हें तुम्हारे किये की सजा मिलेगी
05:56क्या सजा पर किस बात की सजा
05:58राजा सहाब
06:00मुझे माफ कर देजी
06:02बस मुझे सजा मत देजी
06:04किस बात की सजा
06:06अरे तुम मेरी बेटी का रिष्टा तुड़वा कर
06:08मुझसे ही पूच रहा है किस बात की सजा
06:10अब तुम्हारी सजा ये है कि तुम
06:12सुबा से लेकर राज तक
06:14पांच दिनों तक धूप में खड़े रहोगे
06:16वो भी बिना कुछ खाय पिये
06:18शरीर बहुत मोटा हो गया है इसी वजए
06:20से तुम्हारी बुद्धी भी मोटी हो रही है
06:22और इस सजा को भुगतने के
06:24बाद शायद तुम्हारी मोटी बुद्धी
06:26और शरीर दोनों ही पतले हो जाये
06:28शेर हाथी को सजा देकर
06:30घर चला जाता है और अपनी
06:32बैट कर काफी देर तक सोचता है
06:34और इसी तरह से
06:36पांच दिन बीच जाते हैं
06:38हाथी की सजा खत्म होने के बाद
06:40राजा जंगल के सभी जानवरों को
06:42बुलाता है और उनसे कहता है
06:44मैं कुछी दिनों के लिए अपने परिवार
06:46के साथ जंगल से बाहर जा रहा हूँ
06:48मेरी गैर मौजूदगी में
06:50मैं जंगल की देखभाल गीदर के
06:52हाथ में देकर जा रहा हूँ और आप
06:54सबसे विनिती करता हूँ कि जब तक
06:56मैं यहां नहीं हूँ शांती से रहिएगा
06:58एक बात और जब तक
07:00मैं ना आ जाओं इस जंगल से कोई
07:02बाहर नहीं जाएगा ना
07:04एमरजंसी के लिए और ना ही
07:06अपने रिष्टेदारों से मिलने के लिए
07:08ये मेरा आदेश है
07:10शेर बहुत अच्छे से जानता था
07:12कि शेर के यहां से जाते ही
07:14उसके जंगल के कुछ जानवर
07:16उसके पीछे जाएंगे और उसकी बेटी का
07:18रिष्टा तोड़वाने में लग जाएंगे
07:20शेर ने अब ठान लिया था
07:22कि वो दूसरी जंगल में जाकर
07:24बक्री का स्वयंबर कराएगा
07:26इसलिए शेर कुछ दिनों के लिए
07:28अपनी प्रजा की बाग जोर गीदर के
07:46अब शेर अपने ससुर शेर से कहकर
07:48स्वयंबर की तयारी कराता है
07:50जिसमें आलग अलग जंगल की जानवर आते हैं
07:52और वो सभी इस स्वयंबर में हिस्सा लेते हैं
07:54पर इस स्वयंबर में एक प्रतियोगिता
07:56रखता है जिसमें
07:58प्रतियोगिता रखता है
08:00अब शेर अपने ससुर शेर से कहकर
08:02स्वयंबर की तयारी कराता है
08:04जिसमें आलग अलग जंगल की जानवर आते हैं
08:06और वो सभी इस स्वयंबर में हिस्सा लेते हैं
08:08पर इस स्वयंबर में एक प्रतियोगिता
08:10रखी गई थी
08:12और वो प्रतियोगिता थी
08:14आख बंद करके शेर की बेटी बक्री को पहचान ना
08:16अब कुछ जानवर अपनी आखे बंद करके
08:18खड़े हो जाते हैं
08:20और उनके सामने बक्री के साथ
08:22और भी कुछ जानवरों को खड़ा किया जाता है
08:24अब एक एक करके
08:26सभी जानवर आकर
08:28राजा की बेटी बक्री को पहचान करते हैं
08:30पर कोई भी सही जवाब नहीं देता
08:32क्योंकि किसी ने सोचा ही नहीं था
08:34कि शेर की बेटी एक बक्री हो सकती है
08:36पर वीरपूर के जंगल का राजा
08:38चीता पहचान जाता है
08:40कि राजा की बेटी कौन है
08:42कि शेर की बेटी एक बक्री हो सकती है
08:44पर वीरपूर के जंगल का राजा
08:46चीता पहचान जाता है
08:48कि राजा की बेटी कौन है
08:50महाराज ये बक्री ही आपकी बेटी है
08:52क्योंकि आख बंद होने के बाद
08:54मैंने सभी जानवरों की खुश्मू सूंगी थी
08:56और बक्री की खुश्मू सबसे अलग थी
08:58उसके अंदर से आरही खुश्मू
09:00कोई साधारन नहीं
09:02बलकि राज शाही थी
09:04और जिस तरह बक्री तहजीब के साथ खड़ी थी
09:06उससे साफ पता चल रहा था
09:08कि ये कोई चोटे घर की नहीं है
09:10कोई चोटे घर की नहीं है
09:12और मुझे फर्क नहीं पड़ता
09:14कि शेर की बेटी बक्री है या शेरनी
09:16बस मुझे एक अकलमन राणी चाहिए
09:18जो मेरे साथ मेरी प्रजा को भी समहाल सके
09:20चीता
09:22तुमने बिल्कुल सही पहचाना
09:24ये बक्री ही मेरी बेटी है
09:26तुम इस स्वेंबर को जीच चुके हो
09:28इसलिए अब तुम्हारी शादी मेरी बेटी
09:30बक्री से ही होगी और साथ में
09:32तुम्हे पूरा राजपात भी मिलेगा
09:34क्योंकि मेरी बेटी के अलावा मेरा
09:36इस दुनिया में कोई नहीं है
09:38तुम्हारी भी वही सोच है जो मेरी है और मेरी बेटी की है
10:08तुम्हे पूरा राजपात भी मिलेगा
10:10क्योंकि मेरी बेटी के अलावा मेरा
10:12इस दुनिया में कोई नहीं है
10:14तुम्हे पूरा राजपात भी मिलेगा
10:16तुम्हे पूरा राजपात भी मिलेगा
10:18तुम्हे पूरा राजपात भी मिलेगा
10:20तुम्हे पूरा राजपात भी मिलेगा
10:22तुम्हे पूरा राजपात भी मिलेगा
10:24तुम्हे पूरा राजपात भी मिलेगा
10:26तुम्हे पूरा राजपात भी मिलेगा
10:28तुम्हे पूरा राजपात भी मिलेगा
10:30तुम्हे पूरा राजपात भी मिलेगा
10:32अगर बक्री का स्वेंबर यहाँ हुआ होता
10:34तो कितनी अच्छी अच्छी
10:36पक्वान खानी को मिलते हमें
10:38अरे मुझे थोड़ी न पता था कि बक्री की
10:40शादी हो जाएगी मुझे तो लगा था
10:42कि हम रिष्टा तुरवाएं या न तुरवाएं
10:44उससे कोई शादी नहीं करेगा
10:46पर मुझे क्या पता था कि उसका स्वेंबर
10:48हो जाएगा और उसे इतना अच्छा पती
10:50भी मिल जाएगा अगर मुझे पता होता
10:52तो मैं कभी ऐसा करता ही नहीं
10:54राजा की बास सुनकर वहां
10:56सबी जानवरों का मुझ उतर जाता है
10:58और कहीं न कहीं
11:00उन्हीं अपनी गल्ती का एहसास होता है
11:02और पच्तावा भी
11:04करनावती नगरी के राजा विक्रम सिंग
11:06को अपनी इकलोती
11:08राजकुमारी की शादी की चिंता हुआ
11:10करती थी
11:12राजकुमारी हमारी एक लोती बिटिया है
11:14उसकी शादी मैं एक ऐसे व्यक्ति
11:16से करवाना चाहता हूँ
11:18जो सर्वगण संपन हो
11:20जो अर्जुन की तरह वीर
11:22और करण की तरह दानवीर हो
11:24जो यूध हिस्तिर की तरह सच्चा
11:26और नकुल की तरह सुन्दर हो
11:28आप जैसा ग्यानी और भीम
11:30जैसा बहत्दुर हो
11:32महाराज ऐसा वर ढूंडना बहुत मुश्किल है
11:34तो अब आप ही बताईए गुरुदेव
11:36हमें क्या करना चाहिए
11:38तुम्हें अपनी राजकुमारी के
11:40लिए स्वेम वर रचाना चाहिए
11:42दूसरी और गरीब विद्वा मा को
11:44अपने बेटे भोला की हमीशा
11:46चिंता सताती थी
11:48क्योंकि भोला बिल्कुल अपने नाम जैसा ही था
11:50भोला बड़ा ही सीधा
11:52और भोला भाला लड़का था
11:54बेटे मैं चाहती हूँ कि
11:56तु जल्दी से शादी कर ले
11:58बता कब शादी करेगा
12:00मा सारा गाउ जानता है
12:02मैं बहुत भोला हूँ
12:04इसलिए भला कौन सी लड़की
12:06मुझसे शादी करके पच्ताना चाहेगी
12:08देख बेटे
12:10मेरे मरने से पहले
12:12अगर तु शादी नहीं करेगा
12:14तो मेरी आत्मा भटकती रहेगी
12:16मुझे मोक्ष नहीं मिलेगा बेटे
12:18ऐसा मत बोलो मा
12:20ठीक है, मैं शादी कर लूँगा
12:22भोला जब गाउं सी गुजर रहा होता है
12:24तभी रास्ते में
12:26सोनू और मोनू बात कर रहे होती है
12:28अरे सोनू, तुने सुना
12:30राजकुमारी का स्वयमवर होने वाला है
12:32हाँ, और जो किस्मत वाला होगा
12:34वही राजकुमारी से शादी कर पाएगा
12:36स्वयमवर की बात सुनकर
12:38भोला सोनू से पूछता है
12:40ए सोनू, ये स्वयमवर क्या होता है?
12:42स्वयमवर यानी
12:44राजकुमारी एक प्रतियोगता करवाईगी
12:46अगर मैं प्रतियोगता जी चाहूँ
12:48तो क्या राजकुमारी मुझसे शादी करेगी?
12:50हाँ, क्यों नहीं, जरूर करेगी
12:52तब तो मैं मेरी माका सपना
12:54आज ही पूरा करूँगा
12:56और भूला राजमहल की उर जाने की लिए
12:58चल पड़ता है
13:00अरे तूने इस बिचारे को मोत की मुझ में क्यों ढखेल दिया?
13:02स्वेंवर में तो सिर्फ राजकुमार ही हिस्सा ले सकते हैं
13:04और अगर आम इनसान स्वेंवर में हिस्सा लेने जाता है
13:06तो राजा उसे मोत की सजा सुनाता है
13:08ये भी मैं जानता हूँ
13:10महाराज की जै हो
13:12महाराज मैं राजकुमारी से शादी करना चाहता हूँ
13:14बताये मुझे क्या करना होगा?
13:16भोला के मुझ से राजकुमारी से शादी करनी की बात सुनकर
13:18राजकुमारी से शादी करनी की बात सुनकर
13:20राजकुमारी से शादी करनी की बात सुनकर
13:22महाराज की जै हो
13:24महाराज मैं राजकुमारी से शादी करना चाहता हूँ
13:26महाराज मैं राजकुमारी से शादी करना चाहता हूँ
13:28महाराज मैं राजकुमारी से शादी करना चाहता हूँ
13:30महाराज मैं राजकुमारी से शादी करना चाहता हूँ
13:32महाराज मैं राजकुमारी से शादी करना चाहता हूँ
13:34महाराज मैं राजकुमारी से शादी करना चाहता हूँ
13:36महाराज मैं राजकुमारी से शादी करना चाहता हूँ
13:38महाराज मैं राजकुमारी से शादी करना चाहता हूँ
13:40महाराज मैं राजकुमारी से शादी करना चाहता हूँ
13:42महाराज मैं राजकुमारी से शादी करना चाहता हूँ
13:44महाराज मैं राजकुमारी से शादी करना चाहता हूँ
13:46महाराज मैं राजकुमारी से शादी करना चाहता हूँ
13:48पर अगर राजकुमार थी हिस्सा ले सकते हैं, तो मैं भी राजकुमार ही हूँ
13:52अपनी मा का, मेरी मा मुझे अपना राजकुमारी समचती है
13:56ठीक है! तो राजकुमारी को पाने के लिए तुमें काली पहारी के पीछे
14:00काली पहाड़ी के पीछे रहेस समय गुफा में एक तोता पिंजड़े में कैद है
14:04उसे यहां लेकर आना होगा
14:06क्या तुम ला पाओगे?
14:08जी महराज, तोता आपको मिल जाएगा
14:10जै भोले नाथ
14:12भोला तोते को लाने के लिए काली पहाड़ी के लिए निकल पड़ता है
14:16पिताश्री, आपने उसे मोद के मूँ में क्यों ढखेल दिया?
14:19बहाँ पर तो चुडईल रहती है
14:21अगर मैं ऐसा नहीं करता
14:23तो कोई और एरा गेरा भी राजकुमारी से शादी का खौब लेकर
14:27स्वाइमबर में हिस्सा लेने आ जाता
14:29उधर भोला काली पहाड़ी की ओर जा रहा होता है
14:33तब ही उसे किला दिखता है
14:35भईया मुझे काली पहाड़ी में जाना है
14:37क्या मैं यहाँ से जा सकता हूँ
14:39हाँ बगर तुझे मेरे एक सवाल का जवाब देना होगा
14:43हाँ आप सवाल पूछिए
14:45सोच ले मुझे अगर तेरा जवाब गलत हुआ तो मैं तुझे मार दूँगा
14:50मेरी जान की कीमत मेरे माँ के खुआब से जादा नहीं है
14:54आप सवाल पूछिए
14:55ठीक है तो बता वो कौन सवाब है जिसने अपने ही पुत्र का गला काट कर मार दिया
15:01और फिर उसे जीवित भी कर दिया
15:03सवाल सुनकर भोला सोचता है
15:06इनसान किसी को मार सकता है
15:08मकर जिन्दा नहीं कर सकता
15:10जिन्दा तो सिर्फ भगवान ही कर सकते है
15:13आपके प्रेशन का उत्तर है भगवान भोलेनाथ
15:16भोलेनाथ में ही गनेश ची का सर काटा था
15:19फिर हाती का सर लगा कर उसे जीवित किया था
15:22वाह! तुम तो सहधेव की तरह ज्यानी हो
15:26शुक्रिया कहकर भोला बहाँ से जाता है
15:29चलती चलती भोला जिस जंगल से गुजर रहा होता है
15:32तभी रास्ते में उसे जाल में फ़सा हुआ एक शेर दिखता है
15:51शेर भी भरोसा करके भोला उसी जाल से मुक्त करता है
15:55मैं भूका हूँ फिर भी मैं तुमें नहीं मारूंगा
15:58क्योंके तुम भीम की तरह बहात दुर हो
16:00और मैं बहात दुरों की कद्र करता हूँ
16:02जाओ दोस्त आगे बढ़ो
16:04नदी किनारे पर चलता हुआ भोला जा रहा होता है
16:07तब ही वो देखता है कि यमराज एक बुढिया की जान लेने वाले होते हैं
16:13बुढिया तेरा समय समप्त हो गया तुझे अब जाना होगा
16:18यमराज कुम मेरे बेटे की सादी है
16:22कृपा करके मुझे एक दिन नौर जिन्दा रहने दीजिये
16:25नहीं बुढिया तेरे बही खाते में एक दिन भी नहीं बचा
16:29इसलिए तुझे मरना ही होगा
16:31यमराज की बात सुनकर भोला कहता है
16:34खैरो यमराज मैं अपनी जीवन काल से एक साल इस माता को देना चाहता हूँ
16:39किरपया आप इनका जीवन एक साल तक बढ़ा दीजिये
16:42तो मैं एक साल देने के लिए तयार हूँ
16:45मगर बुढिया को एक दिन ही चाहिए वच्छ
16:47बेटे की शादी होने के बाद आप माता को मार देंगे
16:51तो खुश्यों की गडी में मातम चाहा जाएगा
16:54इसलिए मैं चाहता हूँ कि ये माता अपने बहु बेटी के साथ
16:58एक साल तक खुशी से जिये
17:00वाव वच्छ तुमने अपने जीवन से एक साल का वक्त
17:04इस बुढिया को दान में दिया है इसे मैं स्विकार करता हूँ
17:07तुम दानवीर करण से कम नहीं हो तथास तु
17:24अरे वा तोता मिल गया
17:27जैसे ही भोला तोते को पकड़ने के लिए जाता है
17:30तभी वहाँ एक चुड़ैल प्रकट हो जाती है
17:35काफी दिनों से इंसानों का गोश नहीं खाया है
17:38आज खाऊँगी बड़ा मजा आएगा
17:44दादी मा आप मुझे खा जाओगी
17:47क्या कहा तुने तुने मुझे दादी मा कहा
17:51हाँ दादी मा मगर आप मुझे खाने के बाद क्यों कर रही हो दादी मा
17:55इसलिए कि मैं खतरनाख चुड़ैल हूँ
17:59नहीं दादी मा आप खतरनाख नहीं हो आप अच्छी हो
18:03क्या मुझे देखकर तुझे डर नहीं लगता
18:07मा को देखकर भाला कौन डरता है
18:09भोला की भोली भाली बातों को सुनकर चुड़ैल का दिल पिखल जाता है
18:13तु अच्छा है इसलिए तुझे सब ही अच्छा नजर आता है
18:18बता बेटी तु यहां क्यूं आया है
18:21दादी मा मैं यह तोता लेने आया हूँ
18:24तोते को ले जाने की बात सुनकर चुड़ैल सोच में पर जाती है
18:28क्यूंकि चुड़ैल की जान तोते में ही है
18:31क्या मैं जान सकती हूँ कि यहां से तोते को ले जाने का काम तुझे किसने दिया है
18:36यहां के राजा ने अपनी मा की इच्छा पूरी करने के लिए
18:39मैंने राजकुमारी के स्वैंबर में हिस्सा लिया
18:42तव राजा ने मुझे यह तोता लाने के चुनोते दी दादी मा
18:46बेटे, अब मैं तुझे क्या बताओ
18:48इस तोते में मेरी जान है
18:50अगर तु इसे ले गया और राजा ने इसे मार दिया
18:53तो मैं मर जाओंगी
18:55और अगर मैं तोते को लेकर नहीं गया
18:57तो मेरी राजकुमारी से शादी कभी नंगी होगी
18:59और मेरी मा की इच्छा अदूरी रह जाएगी दादी मा
19:02भोला अपनी माँ की इच्छा पूरी करने के लिए ही ये सब कर रहा होता है
19:07ये जानकर चुडईल उसे तोता देने के लिए तैयार हो जाती है
19:10मगर एक शर्थ पर
19:12बेटे तु यहां से तोता लेकर जा सकता है
19:15मगर मेरी एक शर्थ है
19:17जाप तक तोता वापस लेकर नहीं आईगा, तेरी मा मेरे कास लेगे..
19:22जा अपनी मा को लेया और तोता ले retrouve
19:24चुड़ैल की शर्ट मान कर भोलआ घर जाकर अपनी मा को लेकर छुड़ैल के कास आता है
19:30फिर मा को अपने पास रख कर चजैल भोला को तोटा दे कर कहती है
19:48फिर भोला तोटा दे कर राज्महल की ओर जाने के लिए निकल पड़ता है
19:52चलते चलते भोला राज्महल में पहुंच जाता है
19:56तब भोला के हाथ में तोता देहिकर
19:58राजमहल में सब अचंवित हो जाते हैं
20:01वह, भोला, वह
20:02तोता लाकर तिमने तो कमाल कर दीया
20:05और राजा खुशी-खुॶी राज्कुमारी की शादी
20:08भोला से करवा देते है
20:09फिर शादी के बाद राजा कहता है
20:26और चुड़ेल के मरते ही राज्जय में शान्ती हो जायेगी
20:30आप तोते को नहीं मार सकते
20:32फिर भोला ने तोते के बदले चुड़ेल के पास अपनी मा को छोड़कर आया है ये बात बताई
20:39तुम्हारी एक मा को बचाने के लिए हम राज्जय के कई जान को खतरे में नहीं डाल सकते
20:45आज तोते को मरना ही होगा
20:47जैसे ही राजा तोती की गर्धन पकरने के लिए जाता है
20:51ठैरो ससुर जी क्या आप अपने बेटी को विद्वा देख सकोगे
20:55ये तोते को कुछ भी हुआ तो वहाँ चुडईल मेरी मा को मार देगी
20:59और अगर मेरी मा मर गई तो मैं जी कर क्या करूँगा
21:03भोला की बात सुनकर राजा सोच में पड़ जाता है
21:06आप तोते को मत मार ये
21:08मैं वादा करता हूँ कि चुडईल अब किसी को परेशान नहीं करेगी
21:12अपनी बेटी की खातर राजा भोला को तोता दे देता है
21:16और तोते को लेकर भोला और राजकुमारी चुडईल के पास पहुंच जाते हैं
21:20भोला के हाथ में तोता देखकर चुडईल खुश हो जाती है
21:24दादी मा ये रहा तुम्हारा तोता और मिरी मा मुझे दे दो
21:28चुडईल तोता लेकर मा को वापस करती है
21:31मा मैंने शादी कर लिये है अब तो आप खुश हो न
21:35हाँ बेटे मैं बहुत खुश हूँ
21:38दादी मा ये आपकी बहु है हमें आशिरवाद दीजिये
21:42और हो सके तो हमें आशिरवाद के बदले हमें एक तौफ़ा दे दीजिये
21:46बता बेटे तुझी कैसा तौफ़ा चाहिए
21:50यही कि आप आज से राज्य के किसी भी इंसान को परिशान नहीं करोगे
21:54और जैसे मेरी दादी मा बनी हो वैसे सबकी मा बनकर रक्षा करोगी
21:59बेटे दिखने में तो तुम सुन्दर हो ही और तोता वापस लाकर तुमने अपना वचन निभाया
22:06इसलिए तुम सचे भी हो अपनी माता की इच्छा पूरी करने के लिए तुम अपनी जान हथेली पर लेकर आये
22:13इस कारण तुम वीर भी हो इसलिए अब जो तुम चाहोगे मैं वही करूँ
22:19और उस दिन के बाद आज तक चुड़ैल ने किसी को परिशान नहीं किया
22:23फिर राजा ने चुड़ैल माता का मंदिर बन बाया अब राज के कई लोग चुड़ैल माता के मंदिर में दर्शन के लिए जाते हैं
22:31मननते भी मांगते हैं और चुड़ैल माता लोगों की मनो कामनायम ही पूर्ण करती है

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