Bunches Of The Bottles | Saif & Mudassir | Sarz Studio | Official Lyrics Video

  • 2 days ago
Track Name : Bunches Of The Bottles
Artists: ‪Saif Salman & Mudassir Hassan
Beat Producer: Saif Salman
Mixing Engineer: Saif Salman
Visualizer: ‪Usman Awan
Presented By: ‪ Sarz Studio Production

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Music
Transcript
00:00मारत음 संगी टूओंगेविया मुलग and
00:04लोड बैंखें विश्वणैव आदिया
00:09कट्र पर्कार्त जशीदं
00:14आई बाड़ वंचे सौफती पॉर्टस कर दी सब खाली
00:33बजारों और मजारों में है भीड बस दिदों की सफ खाली
00:37मुझे माफ करना भाई मेरा अंदास शायराना
00:40मेरा काम लवजों के सहारे हकीकते भार लाना
00:44बचपने से लिख रहा कहानिया, बुश्किले असानिया
00:47लिखूं दिल की ये जबानिया
00:49अधीद मैं, अजीब मैं
00:51एक दिहाई से सिहाई का मैं दोस्त
00:53रफीक मैं, काफी धीट मैं
00:55पार देता ही सोको मैं भीड मैं
00:58बरपा है हंगामा दिल में
01:00दिल में शोर है, ये दिल तो मेरा है
01:02लेकिन दिल पे तेरा जोर है
01:04अभी भारी दिल, रात कैसे कटेगी
01:06मौसीकियों के बिन, अधोशियों के बिन
01:09ये खामोशी भी शोर है, सवाली सब खुदा के दर पे
01:12बेना देखे अपना घिरे बान, खुदा ने गेबान
01:15अजमाईशों का नाम देता है सिसा को क्यों इनसान
01:18इस इस गिल्टी, मैं फेटिड, खुदा लेले जान
01:22मेरा कलम फेके सदाकते, ना के बनावटे
01:26ना हो गुनागारों को नसीब रहा तेरा फाकते
01:29मेरे शहर में तो आम है शहादते
01:33मुझे इजद मिलती मैफिलों में तख्ट के तहट
01:36जाम मिलती मैं कदों में रंस के बहर
01:38अपनी जाद का मैं खुद सबसे बड़ा दुश्मन
01:41भरू ये सिरिंजिस, हर एक रग में जहर
01:44खुदा को याद करा मुददों के बात
01:57मेरी जिन्दगी असान नहीं बन रही है साप
02:00किस मोड पे ले जाएंगे ये लफ्स और आवास
02:02मेरी जिन्दगी में कम, मेरे ऐहे बूआ बाप
02:05मैं लिखता हूँ अना पे इस पे शलता नहीं
02:07किसी बहिश पे मैं नहीं बहिश और अब मैं रखता नहीं किसी से रिष्ठे
02:11जब से बड़े हैं ये फासले तो दर्मिया में कोई नहीं
02:14खुदा मेरा साथ, मेरे साथ, मेरा कोई नहीं
02:17बस मेरा आर्ट, मेरा खुदा और कोई नहीं
02:21जिम्मेदार अपने हाल का मैं खुदू हूँ
02:23डर लगे जामाने से मैं तब ही रहता चुप हूँ
02:26ये साद्गी ये मेरी जो मैं बोलता नहीं
02:29मुनाफिक है तुमारी, अब मैं तोलता नहीं
02:31मुझे परवाही नहीं, अब तुमसे बेदिली सही
02:34कमजोर हूँ मैं दिल से पर मैंटली नहीं
02:37खुराख मेरी सक्त मैंने बहुत सखम खाय
02:40मुझे मिलता है सुकून सरसर जिते में चाय
02:42मेरे कमर में है साकी पर मैं पीता ही नहीं
02:45ना जूड बोलू क्यूं, अब मैं जीता ही नहीं
02:48मिलता ही नहीं सुकून इस गम से
02:50सुनाने वाले बहुत गसने वाले गम थे

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