Durga Stuti Full By Chaman Lal Bhardwaj ji | Sarv Kamna Siddhi Prarthana | Shri Durga Kavach

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Durga Stuti Full By Chaman Lal Bhardwaj ji | Sarv Kamna Siddhi Prarthana | Shri Durga Kavach @Mere Krishna

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सर्व कामना सिद्धि प्रार्थना


भगवती भगवान की भक्ति करो परवान तुम।

अम्बे कर दो अमर जिस पे हो जाओ मेहरबान तुम।

काली काल के पंजे से तुम ही बचाना आन कर।

गौरी गोदी में बिठाना अपना बालक जान कर।

चिन्तपुरनी चिन्ता मेरी दूर तुम करती रहो।।

लक्ष्मी लाखों भण्डारे मेरे तुम भरती रहो।

नैना देवी नैनों की शक्ति को देना तुम बढ़ा।

वैष्णों मां विषय विकारों से भी लेना तुम बचा।

मंगला मंगल सदा करना भवन दरबार में।

चण्डिका चढ़ती रहे मेरी कला संसार में।

भद्रकाली भद्र पुरुषों से मिलाना तुम सदा।

ज्वाला जलना ईर्षा वश यह मिटाना कर कृपा।

चामुण्डा तुम ‘चमन’ पे अपनी दया दृष्टि करो।

माता मान इज्जत व सुख सम्पत्ति से भण्डारे भरो।

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Transcript
00:00चलिए आज से हम श्रीदुर्गस्तुति पाठ प्रारंब करते हैं
00:05मिट्टी कातन हुआ पवित्र गंगा के अश्नान से
00:11अंतह करन हो जाए पवित्र जगदंबे के ध्यान से
00:17सर्व मंगल मांगल शिवे सवार्थ साध के
00:23शरन ने त्रियंब के गौरी नारायणी नमोस्त ते
00:29शक्ती शक्ती दो मुझे करूं तुमारा ध्यान
00:34पाठ निर्विगन हो तेरा मेरा हो कल्यान
00:40रिदे सिंहासन पर आ बैठो मेरी मात
00:46सुनो विनिमम दीन की जगजननी वरदात
00:51सुन्दर दीपक घी भरा करूं आज तैयार
00:57ज्यान उजाला मा करो मेटो मुह अंधिकार
01:03चंद्र सुर की रोशनी चमके चमन खंड
01:08सब में व्यापक तेज है जौला का प्रचंड
01:14जौला जगजननी मेरी रक्षा करो हमेश
01:19दूर करो मा अंभिके मेरे सभी कलेश
01:25शद्धा और विश्वास से तेरी जोत जलाऊं
01:30तेरा ही है आसरा तेरे ही गुन गाऊं
01:36तेरी अद्भुत गाथा को पढूं में लिश्चेधार
01:42साक्षात दर्शन करूं तेरे जगताधार
01:47मन चंचल से पाठ के समझो गुन होई
01:53दाती अपनी दया से ध्यान न देना कोई
01:59मैं अंचान मलीन मन ना जानू कोई रीत
02:04अटपटवानी को ही मा समझो मेरी प्रीत
02:10चमन के ओ गुन बहुत है करना नहीं ध्यान
02:15सिंग वाहिनी मां बिके करो मेरा कल्यान
02:21धन्य धन्य मां बिके शक्ती शिवा विशाल
02:26अंग अंग मेरं रही दाती दीन दयाल
02:32माता जी की भेट
02:34मैया जगताता दी कहके जै माता दी
02:45दुर्या जावी देखी पेंडे तो ना घबरावी
02:50मैया जगताता दी कहके जै माता दी
02:56पहला दिल अपना साफ बनाले फिर मैया नू अर्च सुनाले
03:02मेरी शक्ती वधा मेनु चला चला
03:08कहना जावी देखी पेंडे तो ना घबरावी
03:13मैया जगताता दी कहके जै माता दी
03:19ओकी घटी ते पेंडा लडा उद्धि शदादा फडल तुपलडा
03:24साथी रल जानगे दुखडे टल जानगे
03:30भेटा गावी देखी पेंडे तो ना घबरावी
03:35मैया जगताता दी कहके जै माता दी
03:40तेरा हीरा जन्मन मोला मिलना मुडमुडना मानश दा चोला
03:47धोका ना खालवी दाग ना लालवी
03:52बचदा जावी देखी पेंडे तो ना घबरावी
03:58मैया जगताता दी कहके जै माता दी
04:04पहला दर्शन है कौल कंडोली दूझी देवाने भरनी है जोली
04:10आद कवारीनू जग महतारीनू
04:15सिर जुकावी देखी पेंडे तो ना घबरावी
04:21मैया जगताता दी कहके जै माता दी
04:26ओदे नाम दालेके सहारा लंग जावेगा परवते सारा
04:32देखी सुन्दर गुफाच मंझ जे बुला
04:37दर्शन पावी देखी पेंडे तो ना घबरावी
04:43मैया जगताता दी कहके जै माता दी
04:49मैया जगताता दी कहके जै माता दी
04:55सर्व कामना सिद्धी प्रातना
04:58भगवती भगवान की भक्ती करो परवान तुम
05:05अम्बे कर दो अमर जिस पे हो जाओ महरबान तुम
05:12काली काल के पंज से तुम ही बचाना आनकर
05:19गोरी गोधी में बिठाना अपना बालक जानकर
05:25चिंत पुर्णी चिंता मेरी धूर तुम करती रहो
05:32रक्षमी लाकों भंडारे मेरे तुम भरती रहो
05:39नैना देवी नैनों की शक्ती को देना तुम बढ़ा
05:46वैशणों मा विशविकारों से भिलेना तुम बचा
05:53मंगला मंगल सदा करना भवन दर्बार में
06:00चंडिका चड़ती रहे मेरी कला संसार में
06:07भद्र काली भद्र पुर्शों से मिलाना तुम सदा
06:14ज्वाला जलना इरिशावश यह मिताना करतपा
06:21चा मुण्डा तुम चमन पे अपनी दया द्रिश्टी करो
06:28माता मान इच्छत्व सुख संपति से भंडारे भरो
06:35संपति से भंडारे भरो
06:39श्री गनेशाय नमः श्री दुर्गस्तति प्रातना
06:44चमन मत समझो लिया कत का यह होता मान है
06:49लाज अपने नाम की वह रख रहा भगवान है
06:53जै गनेश जै गनपती पारवती सुकुमार
06:59विगन हरन मंगल करन रिति सिवति दातार
07:04कवियों के मानुश विमल शोभा सुख दललाम
07:09चमन करे तब चर्णों में कोटी कोटी प्रणाम
07:14जै बजरंगी पवन सुत जै जै श्री हनुमान
07:20आदि शक्ति के पुत्र हो करो मेरा कल्यान
07:25नव दुर्गा का पाथ यह है लिखना चाहे दास
07:31अपनी कृपा से करो पूर्ण मेरी आस
07:36रुटियां मुझ में है कई बक्षन बक्षन हार
07:41मैं बालक नादान हूं तेरे ही आधार
07:46बल बुद्धि विद्या दे हो करो शुद्ध मन भाव
07:52शक्ति भक्ति पाहूं मैं दया द्रिष्टि दरसाओ
07:58आधि शक्ति के चर्णों में करता रहूं प्रणाम
08:03सफल होई जीवन मेरा जपता रहूं श्रीराम
08:08गौरी पुत्र गनेश को सच्चे मन से ध्याओ
08:14शार्द माता से चमन लिखने का वरपाओ
08:19नव दुर्गा के आसरे मन में हर्ष समाय
08:24महाकाली जी कर करपा सभी विकार मिताओ
08:29चंडी खड़ग उठाए कर करे शत्रु का नास
08:34काम ग्रोध मोलोब का रहे न मन में वास
08:39लक्ष्मी गौरी धात्री भरे मेरे भंडार
08:44लिखू में दुर्गा पाथ को दिल में निष्चे धार
08:50अंबा जगदंबा के जो मंदिर माही जाए
08:55पढ़े पाथ यह प्रेम से या पढ़के ही सुनाए
09:00एकाद अक्षर पढ़े जिसके कानो माही
09:06उसकी सब मन कामना पूरी ही हो जाए
09:11माता उसके सीस पर धरे करपा का हात
09:17ऐसे अपने भक्त के रहे सदा ही साथ
09:22संस्कृत के शलोकों की महिमाती अपार
09:27पीका कैसे कर सके उसका चमन गवार
09:32मा के चर्णों में धरा सीस जभी घबराए
09:38जगजणनी की कृपा से भाव गए कुछ आए
09:43उन भावों के आसरे तूटे पूटे बेन
09:48गुरुदेव की दया से लिख कर पाऊं चैन
09:53भाषा दुर्गा पाथ की सहज समझ आ जाए
09:59पढ़ कर इसको जीव यहे मनवान छित फल पाए
10:04महा माया के आसरे किये जाओ गुनगान
10:09पूरी सब आशा तिरी करेंगे श्री भगवान
10:15निष्चे करके पाथ को करेगा जो प्राणी
10:20वे है ही पाएगा चमन आशा मनमानी
10:25श्री दुर्गा कवच रिशी मारकंडे ने पूछा
10:29जब ही दया करके ब्रह्मा जी बोले तभी
10:31कि जो गुप्त मंत्र है संसार में है सब शक्तियां जिसके अधिकार में
10:36हरी का जो कर सकता उपकार है जिसे जपने से बेडा ही पार है
10:41पवित्र कवच दुर्गा बल्शाली का जो हर काम पूरा करे सवाली का
10:46सुनो मारकंडे मैं समझाता हूँ मैं नवदुर्गा के नाम बतलाता हूँ
10:51कवच की मैं सुन्दर चोपाई बना जो अत्यंत है गुप्त देऊं बता
10:57नवदुर्गा का कवच यह है पढ़े जो मंचत लाई
11:02उस पे किसी प्रकार का कभी कश्ट नाई
11:07जय जय महाराणी की जय दुर्गा अश्ट भवानी की
11:13पहली शैल पुत्री केहलावे दूसरी ब्रह्म चारणी मन भावे
11:19तीसी चंद्र घंटा शुब नाम चौती कूष्मांडा सुखदाम
11:25पाच्वी देवी असकंध माता छटिकात्याय नी विख्याता
11:31आथवी काल रात्री महा माया आथवी महा गौरी जग जाय
11:37नौवी सिद्धी धात्री जग जाने नौव दुर्गा के नाम बखाने
11:42महा संकट में बन मेरन में रोग कोई उपजे निजतन में
11:48महा विपत्ति में वियोहार में मान चाहे जो राज दर्बार में
11:54शक्ति कवच को सुने सुनाए मनो कामना सिद्धी नरपाए
12:00चामुण्डा है प्रेत पर वैश्ण विगरण सवार
12:06बेन चड़ी महेश्वरी हाथ लिये हतियार
12:12हंस सवारी वाराही की मौर चड़ी दुर्गा कोमारी
12:18लक्ष्मी देवी कमला सीना प्रम्मी हंस चड़ी लेवीना
12:24ईश्वरी सदा बैल असवारी बक्तन की करती रखवारी
12:30शंख चक्र शक्ती त्रिशूला अल मूसल कर कमल के पूला
12:36दैत नाश करने के कारण रूप अनेक कीन है दारण
12:42बारे बार चरणन सिर नाओ जगदं बे के गुण को गाओ
12:48कश्ट निवारन बलशाली मा दुष्ट संहारन महाकाली मा
12:54कोटी कोटी माता परणाम पूर्ण की जो मेरे काम
13:00दया करो बलशाली नी दास के कश्ट मिठाओ
13:06चमन की रक्षा को सदा सिंग चडी मा आओ
13:12कहो जय जय महाराणी की जय दुर्गाश्ट भवाणी की
13:18अगनी से अगनी देवता पूर्व धिशा में अंद्री
13:24दक्षिन में वाराही मेरी नयत में कड़गदारणी
13:30वायू से मा मृगवाहीनी पश्चिम में देवी वारूनी
13:36उत्तर में मा कौमारी जी की शान में शुल्धारी जी
13:42ब्रह्मानी माता अर्श पर मा वैश्ण वीस फर्ष पर
13:48चामंडा दस दिशाओ में हर कष्ट तुम मेरा हरो
13:54संसार में माता मेरी रक्षा करो रक्षा करो
14:00सम्मुख मेरे देवी जया पाछे हो माता विजया
14:06अजिता खड़ी बाये मेरे अपराजिता दाये मेरे
14:12उद्योतिनी मा शिखा की मा उमा देवी सिर की
14:18माला धारील लाट की ब्रकुटी की मायश स्विनी
14:24ब्रकुटी की मध्यत्रे नेत्रा यम घंटा दोनो
14:30नासिका कालिक पोलो की करण मूलो की माता शंकरी
14:36नासिका में अंच अपना मासु गंधा तुम धरो
14:43संसार में माता मेरी रक्षा करो रक्षा करो
14:49उपर वनीचे होठों की मा चर्च का अम्रित कली
14:55जीभा की माता सरस्वती दातों की कॉमारी सती
15:01इस कंठे की मा चंडिका और चित्र घंटा घंटी की
15:07कामाक्षी मा ठोडी की मा मंगला इस वानी की
15:12वीवा की भत्र काली मा रक्षा करे बलेशाली मा
15:18दोन बुजाओं की मेरे रक्षा करे धनुधारिनी
15:24दो हाथों के सब अंगों की रक्षा करे जगतारिनी
15:30शूलेश्वरी कूलेश्वरी महा देवि शोक विनाशिनी
15:36छाती स्तनों और कंदों की रक्षा करे जगवासिनी
15:42रिदय उदर और नाभी के कटी भाग के सब अंगों की
15:48भुहुमेश्वरी मा पूतना जगजन निशामारंग की
15:54घुटनों जंगाओं की करे रक्षाव विन्ध्यवासिनी
16:00रक्त मास और हर्टियों से जो बना शरीर आतों और पितवात में भरागन और नीर
16:10बल बुधी एहंकार और प्राण पान समान सत्र जितम के गुणों में फसी है यह जान
16:20धार अनेकों रूप ही रक्षा करियों जगवासिनी
16:26धार अनेकों रूप ही रक्षा करियों तेरी कृपा से ही मा चमन कहे कल्यान
16:36आयू यशोर कीरती धन संपति परिवार ब्रह्मानी और लक्ष्मी पार्वती जगतार
16:47विद्या दे मा सरस्वती सब सुखों की मूल दुश्टों से रक्षा करो हात लिये त्रिशूल
16:57भैर भी मेरी भार्या की रक्षा करो हमेश मान राज धरबार में देवे सदा नरेश
17:07यात्रा में दुख कोई ना मेरे सिर पर आये कवच तुम्हारा हर जगे मेरी करे सहाई
17:17ए जग जन्नी कर दया इतना दो वरदान लिखा तुम्हारा कवच यहे पढ़े जो निष्चे मान
17:27मनवान छित फल पाए वे मंगल मोद बसाए कवच तुम्हारा पढ़ते ही नव निधी कर आए
17:37ब्रह्मा जी बोले सुनो मारकंडे यह दुर्गा कवच मैंने तुमको सुनाया रहा अज तक था गुप्त भेद सारा जगत की भलाई को मैंने बताया
17:47सभी शक्तियां जक्की करके एकत्रित है मिट्टी की देह को इसे जो पहनाया चमन जिसने शद्धा से इसको पढ़ा जो सुना तो भी मुमांगा वर्दान पाया
17:59जो संसार में अपने मंगल को चाहे तो हर दम यही कवच गाता चला जा भी अबान जंगल दिशाओं दशों में तु शक्ति की जरजै मनाता चला जा तु जल में तु थल में तु अगनी पवन में कवच पहन कर मुस्पुराता चला जा
18:15निदर हो विचरमन जहां तेरा चाहे चमन कदम आगे बढाता चला जा तेरा मान धन्दा में इससे बढ़ेगा तु शद्धा से दुर्गा कवच को जुगाए यही मंत्र यंत्र यही तंत्र तेरा यही तेरे सिरसे है संकथ हटाए यही भूत और प्रेत के भय का नाशक यह
18:45स्तुति के पाथ से पहले कवच पढ़े कृपा से आधि भवानी की पल और बुद्धी बढ़े शद्धा से जबता रहे जगदम बेका नाम सुक भोगे संसार में अंत मुक्ति सुकदाम कृपा करो मातेश्वरी बालक चमन नाधान तेरे दर पर आगिरा करो मैया कल्यान
19:13जैकारत दुर्गे मैया का बोल सांचे दर्वार की जै

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