Swaraj Hindi web series Season-1 HD , Ep 5

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Bharat ke swatantrata sangram ki samagra gatha

S1.E5 ∙ Story Of Shivaji

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Transcript
00:00आज मैं गवरवशाली भारत के एक ऐसे सपूत की महान जीवन यात्रा को सुनाने आया हूँ
00:17जिनकी आँखोंने एक मात्र स्वपन देखा
00:22स्वराज्य का स्वपन
00:24जिनके हिंदवी स्वराज्य का नारा भारत की स्वतंतरता का आधार बना
00:31जो आत्मबल और प्रशासनिक कौशल्य के धनी और असाधारन कुटनितिग्य थे
00:38जिनने पुरा विश्व छत्रपती शिवाजी महाराज के नाम से जानता है
00:54जिनने पुरा विश्व छत्रपती शिवाजी महाराज के नाम से जानता है
01:24कैसरिया कैसरिया
01:32भी वेश कैसरिया
01:40जब छत्रपती शिवाजी महराज स्वराज्य के स्वपन को साकार करने का प्रयास प्रारंभ कर रहे थे
01:48ठीक उसी समय सइयादरी की परवतमालाओं में जैजै रगुवीर समर्थ का नाद गुञ्जाते हुए
01:56स्वामी समर्थ रामदास स्वराज्य के संकलप को जन जन तक पहुचाने में लगे विए थे
02:02छत्रपती शिवाजी महराज के स्वराज्य के प्रयासों को उन्होंने अध्यात्मिक और दार्शनिक आधार दिया
02:10ये संसार नित्य है किन्टु यह लोक ही कर्म भूमी है
02:15यहां यश प्राप्त करने वालाही परमार्थ का अधिकारि होता है
02:19यश प्राप्त करने के लिए अपनि जननी, जन्मभूमी और स्वराज के लिए ऐसी स्रधा भक्ती होनी चाहियी
02:27जैसी हनुमान जी के हिदाई में भगवान श्री राम के प्रती थी।
02:33स्वामी समर्थ रामदास ने रामोच्छव के आयोजन तथा गाउं गाउं में हनुमान मंदीरों की स्थापना करके चात्र धर्म का आवाहन किया।
02:44उनके द्वारा स्थापित मठ मंदीर स्वराज्ज के अभियान का केंदर बिंदु बन गए।
02:51ये वो समय था जब भक्ती आंदोलन पूरे भारत में लोगों को चगा रहा था।
02:57और विदेशी दासता के विर्थ स्वराज्ज के महत्व को स्थापित कर रहा था।
03:06वो स्वराज्ज के वीर शत्रपति शिवाजी महराज ने अपना सम्पूरन जिवन समर्पित कर दिया।
03:13और तबी वानर सेना ने रावन से सीता माता को मुख्त कराने के लिए प्रभूर शीराम जी के लिए एक योजना बनाए।
03:22सबी ने समुद्रों के बीचों बीच एक बांध बनाना आरम किया
03:26राम सेतु बांध
03:30बांध क्यों आईसाहेब?
03:32जहाज क्यों नहीं?
03:35क्योंकि हर युद्ध की एक अलग रणनीती होती है
03:39शमा कीजी आईसाहेब
03:41पर मैंने सोचा कि जहाज होता
03:44तो सब लग आसान इसे समुद्र पार करके लंका चले जाते
03:49होई, पर तुने ये नहीं सोचा शिवबा
03:52कि इतनी बड़ी वानर सेना के लिए
03:55कितने चहासों का निर्मान करना पड़ता प्रभु श्रीराम जी को
03:59समझला बार?
04:02हो आईसाहेब, आता समझला
04:04पर इतना ही नहीं, युद्ध की तयारी के लिए
04:11सबसे पहले शत्रु की शक्ती और अपनी क्षमता का
04:16सही अनुमान करना आवशक है, ताकि सही रणनीती
04:20बना सके, हो आईसाहेब, विजय के लिए केवल बल नहीं
04:26सही रणनीती का होना आवशक है, हाँ, मैंने तुम्हे
04:32बताया ना, कि किस प्रकार हमारा देश विदेशी
04:35शासन के अधिन हो गया, पहले दिल्ली के सुल्टान
04:39ने हमें लूटा, और अब मुगल हमें लूट रहे है,
04:43हमारे धर्म का अपमान कर, मंदीरों को नश्ट कर, कितने
04:49अत्याचार किये हैं उन दुष्टों ने हम पर, हाज भी ये
04:54सोच कर खून खोलता है, कि कितने निष्ठोरता से उन फिरोंगियों
04:59ने तुम्हारे नाना जी, लखो जी, राजे और हमारे
05:04रिशनेदारों को मार डाला, लेकिन दुरभाग ये है कि हम फिर भी
05:10चुप हैं, पर अब चुप नहीं रहेंगे आईसाइब, हम इन अत्याचार का
05:22मूद तोड़ जवाब देंगे, हवश्य देना, पर अभी नहीं, अभी तुम एक
05:29शावक हो, और तुम्हें बाग के रूप में विकसित होकर शिकार काना सीखना होगा, देखना आईसाइब, मैं अपनी सेना बनाओंगा, बहुत हो गया
05:41इन अत्याचारियों के सामने सर जुका कर चलना, मैं सबको सर उठा कर चलना सिखाओंगा, और हिंद्वी स्वराज की स्थापना करूँगा.
06:04तुम्हारी आई कित्री ग्यादी है, वो जब भी हमें कहानी सुराती है, हमें जोश भर जाता है,
06:10और हम प्रसाइद भी हो जाते हैं.
06:15तभी तो कहता हूँ, कि वो सिफ मेरी आई नहीं, मेरी मिद्र, प्रेड़नाश्रोत, और मागदर्शक भी है.
06:24सभागय की बात तो यह है, कि दादोजी कुन्डा देव, मुझे हच्यारों का सई उप्योग, और यूद्रनिति की शिक्षा दे रहे हैं.
06:32अब तो बस मुझे फुरी लगन के साथ, अपने अभ्यास पर ध्यान देना.
06:37तो फिर, आज तुम अभ्यास करने नहीं जा रहे हो?
06:43ये देवा, मैं तो भूली गया अभ्यास के वारे में.
06:47अगर अख़डा पहुँचने में मैंने थोड़ी सी भी देर कर दी ना, तो दादोजी मुझे डंड देने में थोड़ी सी भी देर नहीं करेंगे.
06:52चलो, चलो, चलते हैं.
07:09रूको.
07:10नगर, दश्मन के आख में. बाला, एक दम सीधा. सीधा बाहर. अगला पेड़, मूड कर. शिरो जा.
07:41चलो, चलो, चलो, चलो.
07:44रूको.
08:15शिरो.
08:19गमर.
08:22गरब.
08:44हम बहुत जल ही अपने स्वराज के लक्ष को
08:46पाने की मोहिम में पहला किला शामिल करने वाले हैं।
08:49और वो पहला किला कौन सा है, शिवा?
08:51तोड़ना किला.
08:53पुने का सबसे उचा किला.
08:56और अगर हम इस तीले को हासिल कर लेते हैं
08:59इसके साथ ही मैंने और कुछ भी सोचा है।
09:02क्या सोचा है, शिवा?
09:03यही, कि जीत के बाद हम इस तोड़ना किले को
09:07स्वराज का केंद्र बनाएंगे।
09:09तुमारा कोई जवाब नहीं, शिवा.
09:11देख लेना, जीत हमारी ही होगी।
09:13जरूर होगी.
09:15हम शापा मार रणनिति का प्रयोग कर के
09:18तोड़ना किले के चाहियंद में
09:20खुछ कोने में होती है
09:22उसकेते आज बोलने।
09:23स्वाराज का गुसे हुआ जजीवर करते है?
09:25हाँ.
09:27हाँ.
09:28पिर जब मातर संवयार यूनये बोलना था
09:30तो फिर चलें तोड़ना.
10:01हर हर महा देव.
10:03हर हर महा देव.
10:07दोस्तों, हमें सबसे पहले, पूरी सावधानी के साथ
10:11उस किले के बाहर खड़े सिपायों पर हमला करना हैं.
10:15और फिर उस द्वार की ओर बढ़ना है
10:18जो सीधा इनाज़ खान के कक्ष तक जाते हैं.
10:21उस द्वार के अंदर, गल्यारे में बहुत सारे सिपायी हैं.
10:25हम उन सबको चक्मा देकर आगे बढ़ना हैं.
10:44अब क्या करना है, शिवा?
10:50अब क्या करना है, शिवा?
11:20आगे बढ़ना है, शिवा?
11:50आगे बढ़ना है, शिवा?
12:20लग रहा है, कोई इसी तरफ चल के आ रहा है.
12:23ताना जी, इसे अंदर लो.
12:50आगे बढ़ना है, शिवा?
12:52आगे बढ़ना है, शिवा?
12:53आगे बढ़ना है, शिवा?
12:54आगे बढ़ना है, शिवा?
12:55आगे बढ़ना है, शिवा?
12:56आगे बढ़ना है, शिवा?
12:57आगे बढ़ना है, शिवा?
12:58आगे बढ़ना है, शिवा?
12:59आगे बढ़ना है, शिवा?
13:00आगे बढ़ना है, शिवा?
13:01आगे बढ़ना है, शिवा?
13:02आगे बढ़ना है, शिवा?
13:03आगे बढ़ना है, शिवा?
13:04आगे बढ़ना है, शिवा?
13:05आगे बढ़ना है, शिवा?
13:06आगे बढ़ना है, शिवा?
13:08आगे बढ़ना है, शिवा?
13:09आगे बढ़ना है, शिवा?
13:10आगे बढ़ना है, शिवा?
13:11आगे बढ़ना है, शिवा?
13:12आगे बढ़ना है, शिवा?
13:13आगे बढ़ना है, शिवा?
13:14आगे बढ़ना है, शिवा?
13:15आगे बढ़ना है, शिवा?
13:16आगे बढ़ना है, शिवा?
13:17आगे बढ़ना है, शिवा?
13:18आगे बढ़ना है, शिवा?
13:19आगे बढ़ना है, शिवा?
13:20आगे बढ़ना है, शिवा?
13:21आगे बढ़ना है, शिवा?
13:22आगे बढ़ना है, शिवा?
13:23आगे बढ़ना है, शिवा?
13:24आगे बढ़ना है, शिवा?
13:26आगे बढ़ना है, शिवा?
13:27आगे बढ़ना है, शिवा?
13:28आगे बढ़ना है, शिवा?
13:29आगे बढ़ना है, शिवा?
13:30आगे बढ़ना है, शिवा?
13:31आगे बढ़ना है, शिवा?
13:32आगे बढ़ना है, शिवा?
13:33आगे बढ़ना है, शिवा?
13:34आगे बढ़ना है, शिवा?
13:35आगे बढ़ना है, शिवा?
13:36आगे बढ़ना है, शिवा?
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13:39आगे बढ़ना है, शिवा?
13:40आगे बढ़ना है, शिवा?
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13:43आगे बढ़ना है, शिवा?
13:44आगे बढ़ना है, शिवा?
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13:46आगे बढ़ना है, शिवा?
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13:48आगे बढ़ना है, शिवा?
13:49आगे बढ़ना है, शिवा?
14:19आगे बढ़ना है, शिवा?
14:21आगे बढ़ना है, शिवा?
14:22आगे बढ़ना है, शिवा?
14:23आगे बढ़ना है, शिवा?
14:24आगे बढ़ना है, शिवा?
14:25आगे बढ़ना है, शिवा?
14:26आगे बढ़ना है, शिवा?
14:27आगे बढ़ना है, शिवा?
14:28आगे बढ़ना है, शिवा?
14:29आगे बढ़ना है, शिवा?
14:30आगे बढ़ना है, शिवा?
14:31आगे बढ़ना है, शिवा?
14:32आगे बढ़ना है, शिवा?
14:33आगे बढ़ना है, शिवा?
14:34आगे बढ़ना है, शिवा?
14:35आगे बढ़ना है, शिवा?
14:36आगे बढ़ना है, शिवा?
14:38आगे बढ़ना है, शिवा?
14:39आगे बढ़ना है, शिवा?
14:40आगे बढ़ना है, शिवा?
14:41आगे बढ़ना है, शिवा?
14:42आगे बढ़ना है, शिवा?
14:43आगे बढ़ना है, शिवा?
14:44आगे बढ़ना है, शिवा?
14:45आगे बढ़ना है, शिवा?
14:46आगे बढ़ना है, शिवा?
14:47आगे बढ़ना है, शिवा?
14:48आगे बढ़ना है, शिवा?
14:49आगे बढ़ना है, शिवा?
14:50आगे बढ़ना है, शिवा?
14:51आगे बढ़ना है, शिवा?
14:52आगे बढ़ना है, शिवा?
14:53विदिध जूरा करें.
14:55हो सचाल के लिए.
14:57एउ Eleven के लिए बहत जुरा करॆं.
14:59महें भम्य kidding.
15:01सैरक में, ऽोगे विदिध जूरा.
15:03महें वबी जूरा करां.
15:04महें बढ़ना है.
15:05न करें कि इसलिए मचान जूरा.
15:06जनाब, हम कौन नहीं ये जानना अवस्यक नहीं है.
15:11आप बस आराम से बोजन कीजे.
15:14क्योंकि जनाब, हम आपकी जीवन के इस अन्तिम अवसर को
15:18आपसे छीनना नहीं चाहते.
15:20तो अपने ज़िन्दा बाते हैं.
15:23जब वो अपने ज़िनदा बाते हैं
15:25तो अपने ज़िनदा बाते हैं.
15:56राजे, छापा मार यूथ रणनिति ने तो कमाल ही कर दिया.
15:59हम तोना केला जीत गए.
16:01हाथी जैसा हिनायद कान, चुए की तर दूम दबा का पाँग गया.
16:12घरत संबु, और आगे भी हम यही रणनिति अपनाईंगे.
16:15अब आगे की क्या योजना है, राजे?
16:23चाकण और कोंधाना.
16:26यहाँ से हम सबसे पहले चाकण जाएंगे
16:29और फिर कोंधाना.
16:30और यही रणनिति का उप्योग करके
16:33हम दोनों ही किले पर जीत हासिल करेंगे.
16:35राजे, एक माँ फिर आपकी योजना सफल होई.
16:40यह सब हम सबकी कोशिश का परिणाम है, दोस्तों.
16:44पर राजे, चाकण और कोंधाना किले की जीत के बाद
16:48बिजापुर सुल्थान बॉकला गए हैं.
16:50खाबर मिली है कि वो आपको अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानते हैं.
16:54हमें सतर्ख रहना चाहिए.
16:57सतर्ख तो अब उन्हें रहना चाहिए, ताना जी.
17:01क्योंकि आप, हमारे खदम रुकने वाले नहीं हैं.
17:21अरहर्ों महाल crystal.
17:22अरह्रों महाल crystal.
17:24अरह्रों महाल crystal.
17:25अरहर्रं महाल crystall 294.
17:34राजे !
17:38क्या है ?
17:39पहुक खाबर नहीं, राजे.
17:40फचलवर ये 3 क्ले नकसान को सळतरण मॉस्ठिष्यंमी बूடे करते
17:42क्या खबर है?
17:43बहुत भूरी खबर है, राजे.
17:45तीन किले के नुखसान होने के बाद
17:47बिजापूर के सुल्टान की निंधी उड़ गई थी.
17:49और इसलिए उन्होंने आपसे बदला लेने के लिए
17:52आपके पिताजी को बंदी बना लिया.
17:53आपके बाबा साहिब जी, राजे, वो आदिल शा के यहाँ काम करते थे.
17:58फिर भी उस आदिल शा ने उन्हें बंदी बना लिया.
18:01ताकि वह आपको स्वराज की पद पर आगे बढ़ने से रुख सके.
18:09संभू सिंग्ग, आदिल शा क्या?
18:12बाबा साहिब का गिरवतार होना, हमारे लिये चिन्ता का विशाइ जरूर है.
18:18हर इस विकने का हल है मेरे पास.
18:20आदिल्शा क्या, दुनिया की कोई भी दुविता, कोई भी बादा मुझे स्वराज्य के लक्षे तक पोचने से रोक नहीं सकती.
18:31बाबा साहेब का गिरव्तार होना हमारे लिए चिन्ता का विशय जरूर है.
18:36पर इस विगनक का हल है मेरे पास.
18:38जैसे स्वी भौव!
18:45मेरे शिवबा का जन इस मात्र भूमी को स्वराज्य से सुसजजित करने के लिए हुआ है.
18:51और मुझे गर्व है कि इनकी प्रतिभाप, इनका सामर्ध्य और इनका आत्मविश्वास शिगरही स्वराज्य के सोपड़े के लिए हुआ है.
19:01भाई साइब, आपके प्रेढ़िना भरे शब्द मेरी नसों में लहू की तरह बैते हूँ.
19:10बाजी काका को हमने आपकी सहायता करने के लिए कहा है.
19:14याद रहे, ये समय संगटित होकर शत्रुपं निशाना साधने का है.
19:18तो में लहू की तरह भैते हूँ.
19:22बाजी काका को हमने आपकी सहायता करने के लिए कहा है.
19:26याद रहे, ये समय संगटित होकर
19:28शत्रुपन निशाना साधने का है.
19:31बीजपूर सुल्टान हमारे लिए इतने घातक नहीं है, शिवबा.
19:34आपको इन से भी अधिक घातक शत्रों का सामना करना होगा.
19:38हो आईसायब.
19:43हमने सोच लिया है, कि हमें क्या करना है?
19:54राजे.
19:57आना जी, क्या हुआ?
19:59तुम इतना हाफ क्यों रहे हो?
20:01हाफ नहीं रहा हूँ, राजे.
20:03खुशी के मारे मेरी सासे ही तेश चल रही है.
20:05ऐसा क्या हो गया?
20:07सुल्थान अदल्शाने आपके पिताजी को मुक्त कर दिया है.
20:16जय भवानी माँ.
20:19आपकी कूट निती फिर कमाल कर गई, राजे.
20:22बिजाबुर सुल्थान को लगा,
20:24ये ही तो हमारी योजना है, दोस्तो.
20:27और योजना के अनुसार, उन्हें आगे भी यही लगना चाहिए,
20:31कि हम बिल्कुल शान्त हैं.
20:33हम उनहें कोई शान्ती नहीं पोचाएंगे.
20:35ताकि हम बिना किसी परिशानी की हमारी तयारी जारी रख सके.
20:39दोस्तो और योजना के अनुसार उन्हें आगे भी यही लगना चाहिए
20:43कि हम बिल्कुल शान्त हैं हम उन्हें कोई शहती नहीं पोचाएंगे
20:47ताकि हम बिना किसी परेशानी के हमारी तैयारी जारी रख सके
20:52जी राज़े हम अभी वी शत्रु का सामने से विरोध नहीं करेंगे
20:57बलकि पूरी चतुराई से महा युज की तैयारी करेंगे दूसरी बाद मैं
21:06नौ सेना के महत्व को अच्छी तरह समत चुका हूं और मैं यह जानता हूं
21:10कि हमें खत्रा केवल मुगलों से नहीं बलकि विदेशी शक्तियों से भी है जिनके
21:16पास शक्ति साली नौ सेना है और इसलिए अब मैं तुम लोगों को अगली योजना के बारे में बताने वान हूं
21:39यह सही नहीं है राजे आपको इतने धन के आवशक्ता ही क्या है
21:47मैं जहाजों का निर्मान करना चाहता हूं जहाज
21:54वो भी पुने में तो फिर राजे इतना भी बता दीजिए आफिर यह जहाज चलाओगे कहा
22:10पहाड़ों पर पुने के बार भी धुन्या है जहाँ केवल पहाड़ नहीं महासागर भी है
22:19एक समय था जब समूत्र वियापार पर हम भारत वासियों का राज था परन्तु धुर भाग्य
22:29जब विदेश्य लोग जहाजों का समूले कर यहां तक आ सकते हैं फिर हम क्यों हाथ पर हाथ धर कर बैठे रहे हैं
22:42चत्रपति शिवाजी महाराज ये भी समझ चुके थे कि यूरोपिय शक्तियों का सामना करने के लिए भारतियों को बेहतर तक्निक की आवश्यक्ता है
22:59इसलिए उन्होंने आधुनिक भारतिय नवसेना के निर्मान के लिए अनोखी योजनाएं बनाएं
23:22चत्रपति शिवाजी महाराज की प्रसिद्ध लडाईयां मुगलों के साथ हुई
23:28परंतु नवसेना को विकसीत करने में उनके अदभुत योगदान को अन्देखा नहीं किया जा सकता
23:38क्यूंकि इसी नवसेना के कारण पुर्तुगालियों की करारी हार हुई थी
23:43इसलिए चत्रपति शिवाजी महाराज को भारति नवसेना का जनक कहा जाता है
23:57हम जहस्त बना सकते हैं पर उसे रखेंगे कहा
24:27यह तो पंदर का है ही बाहिं उसकी चिंदा आप मत किजीए हमारे पास एक स्थान है कल्यां मुंबई के पास कहा
24:43बंबे सोची जिस देश के शेहरों का नाम लेना आपके लिए इतना कठिन है उसके राज करना कितना कठिन होगा
24:56हम तो जहस्त बनाने वाले हैं बस जहस्त बनाते हैं हमारे नेथा क्या कर रहे हैं
25:11हमें नहीं मालूँ
25:15कोई बात नहीं
25:18आप जहास बनाईए
25:21हाँ लेकिन एक बात ध्यान ने रहें
25:23ये जहास ना अधिक बड़े हो ना अधिक चोटे हो और एक बात
25:29आपको हमारे लोगों को जहास बनाना सिखाना होगा
25:32नहीं सर
25:34हम आपके लोगों को जहास बनाने के ट्रेइनिंग नहीं दे सकते हैं
25:40ये हमारे वियापार के राज़े के खलाफ है और हम अपने वियापार में बेमानी नहीं कर सकते हैं
25:46वाह क्या बात है चोर हमें इमानदारी का बात बढ़ा रहा है
25:54कोई बात नहीं
25:56आप जहास बनाईए
25:58इसके बदले में हम आपको धेर सरा धंद देखें
26:15राज़े आपने इने ऐसे क्यों चाने दिया
26:20कितनी असानी से कहकर चला गया हम जहास बनाना नहीं सिखा सकते
26:26वो सिखा नहीं सकते इसका मतलब ये तो नाई कि
26:28हम सीख नहीं सकते
26:31पर सीके कैसे हैं
26:34जहास बना ने दो
26:38उन मात जाहास को हर एक हिस्से को
26:40हम तोड़ेंगे और फिर से जौडेंगे
26:43इस क्रिया से हमें ये पता चल जाएगा
26:45कि जहास के निर्मान में किन-किन वस्तों का उप्योग होता है
26:49और उन्हें कहा-कहा जोड़ने से जहास का निर्मान होता है
26:56जैसे को तैसा
27:00वाहा राजे वाह
27:01मान गए आपकी बुद्धी बता को
27:03वाह
27:04हर-हर महादेव
27:06हर-हर महादेव
27:08सन 1655 तक
27:10यानि लग-भग 6 वरशों तक
27:13छत्रपति शिवाजी महाराज अपनी सेना और 9 सेना को सुद्रिड करते रहे
27:21उन्होंने अपनी लडाईयां रोगनी
27:25और
27:26महा संग्राम की तयारी में लग गये
27:37और साथ ही
27:38ओकन के लोगों को जहाजों का निर्मान करने के लिए प्रोजसाहित करने लगे
28:08नू सैना राजय का स्वदंधर खेत्र है और जिसके पास नौ सेना है वो ही राज करता है
28:30तब प्रदान मांतरी रामचंड्र पं त का होगा
28:36समचन्रपन्त का होगा.
28:39और दावलत खान और वेंकर टॉम
28:43इस नव सेना के अध्यक्ष रहेंगे.
28:48हर हर महादे!
28:49हर हर महादे!
28:51इसप्रकार छत्रपति शिवाजी महाराज की
28:54अपनी नव सेना बल तयार हुई.
28:57इस नव सेना के निर्मान के बाद
29:00उनका पहला कदम कल्यान बंदरगाह पर कभ्जा करना था.
29:04एक बार फिर छत्रपति शिवाजी महाराज का संग्राम आरम्ब हुआ.
29:09और 1656 में उनोंने
29:12महाबलेश्वर के पास
29:14जावली कीले पर कभ्जा कर लिया.
29:17इस से बिजापुर की सुल्टान अत्याधी क्रोधित हुए.
29:20और उनोंने छत्रपति शिवाजी महाराज को बंदी बनाने के लिए
29:24अफजल कहान को भेजा.
29:32सुल्टान ने अफजल खान को आधेश दिया था
29:35आदेश दिया था कि वो छत्रपती शिवाजी महराज को
29:39जीवित अथ्वा मृत लेकर आये.
29:43अभजल खान घने और विकट जंगल का रास्ता तै करते हुए
29:48तीन महने के बाद परताबगड पहुचा.
29:51उससे लग रहा था कि छत्रपती शिवाजी महराज को
29:55वो बड़ी आसानी से खत्म कर सकता है.
29:58इसलिए अभजल खान ने एक चाल चली
30:01और छत्रपती शिवाजी महराज को
30:04अपने शिवीर में शांति वारता के लिए अमंतरित किया
30:09इस शर्द के साथ कि दोनों निहत्य होंगे.
30:26अभजल खान ने शिवीर में शांति वारता के लिए
30:29अपने शिवीर में शांति वारता के लिए
30:32अपने शिवीर में शांति वारता के लिए
30:35अपने शिवीर में शांति वारता के लिए
30:38अपने शिवीर में शांति वारता के लिए
30:42अभजल खान ने ठान लिया था
30:45कि वो छत्रपति शिवाजी महाराज को
30:47अपने खेमे से जीवित नहीं जाने देगा.
30:50परन्तु छत्रपति शिवाजी महाराज को भी
30:53भविष्य का आभास हो गया था.
30:55इसलिए अभजल खान से मिलने से पहले
30:59परन्तु छत्रपति शिवाजी महाराज को भी
31:01भविष्य का आभास हो गया था.
31:03इसलिए अभजल खान से मिलने से पहले
31:06उन्होंने अपने हातों में बागन पहलिया.
31:29अच्छा, तो तुम होँ शिवाजी.
31:32मैंने सोचा था कम से कम मेरे आधे आकार के तो होगे.
31:37लेकिन तुम तो...
31:38खान साहब, हमने तो तैख किया था
31:41कि हमारी यहाँ पर पहले नहीं करने के लिए
31:45अच्छा, तो तुम होँ शिवाजी.
31:48मैंने सोचा था कम से कम मेरे आधे आकार के तो होगे.
31:53लेकिन तुम तो...
31:54खान साहब, हमने तो तैख किया था
31:57कि हमारी यहाँ मुलाकात अकेले में होगी.
32:14अच्छा, तो मैंने कुछ बड़ना हाँ...
32:27तो आओ, गले लग जाओ.
32:29धब्राओ नहीं,
32:31वेसे भी तो हम भाई जसे हैं.
32:37बड़े लग जाये,
32:38बेवा लग जाये,
32:40बिलाल होती है,
32:41घड़ा लग जाये,
32:42आपको परकता है, आपको परकता है, आपको परकता है, आपको परकता है, आपको परकता है, आपको परकता है, आपको परकता है, आपको परकता है, आपको परकता है, आपको परकता है, आपको परकता है, आपको परकता है, आपको परकता है, आपको परकता है, आपक
33:12को परकता है, आपको परकता है, आपको परकता है, आपको परकता है, आपको परकता है, आपको परकता है, आपको परकता है, आपको परकता है, आपको परकता है, आपको परकता है, आपको परकता है, आपको परकता है, आपको परकता है, आपको परकता है, आपको परकता है,
33:42आपको परकता है, आपको परकता है, आपको परकता है, आपको परकता है, आपको परकता है, आपको परकता है, आपको परकता है, आपको परकता है, आपको परकता है, आपको परकता है, आपको परकता है, आपको परकता है, आपको परकता है, आपको परकता है, आपको परकत
34:12हुआज़ करता है, आपको परकता है, आपको परकता है, आपको परकता है, आपको परकता है, आपको परकता है, आपको परकता है, आपको परकता है, आपको परकता है, आपको परकता है, आपको परकता है, आपको परकता है, आपको परकता है, आपको परकता है, आपको परक
34:43कर लिए क्योंकि में अपने लेकल्यीन चलो,
34:47तो मैंने गिराम करती हूं,
34:55वीजापूर सुल्तान इस बार शिवाजी महाराज को खतून करने के लिए एक विशाल सेना के साथत किसे विशाल सेना के साथत,
35:01सिद्धी जोहर को भेजा,
35:02इस बार शिवाजी महराज को खत्म करने के लिए
35:07एक विशाल सेना के साथ सिद्दी जोहर को भेजा.
35:12अपने शेत्र को युद्ध की तबाही से बचाने के लिए
35:15छत्रपती शिवाजी महाराज ने
35:18शेत्र से बाहर जाने का दिरने लिया.
35:21और भी पनाला चले गए.
35:24और 8,000 सेणिकों के साथ
35:27सिद्धी जोहर भी वहाँ पहुँच लिया.
35:30हम पनाला की तरव जाके फसना नहीं चाहते
35:32और आप सबको यहाँ छोटना भी नहीं चाहते.
35:34राजे, आप मारी चिंता छोड़िये.
35:36और तरह विशालकर के लिए रवान हो जायेंगे.
35:38राजे, समय बहुत कम है.
35:40अब तो सिद्धी की सेना दिखने लगी है.
35:59बाजी यह उध्यतर्णा, इस सिद्धी को भी पता चले
36:03कि बांदल गाओ के वीर होते कैसे हैं?
36:05जी, राजे.
36:06पर हमसे ज़दा आपका सुरक्षित रहना अवश्यक है.
36:08क्योंकि आपसे ही सुराज का अरम्ब है.
36:10और आपके बिना इससे पानवा कता ही सम्भव नहीं.
36:13आपको शबत है, राजे.
36:15आपको अभी पुरन्त इसे समय.
36:16विशाल घर के लिए प्रस्थान कीजिए.
36:20इन्हें हम सम्भाल लेंगे.
36:29सिंदा रहा तो फिर मिलेंगे.
36:33पाज़े.
36:40अब सुराज की रिक्षा अपके हातों में, राजे.
36:43और अपके हातों में.
36:45प्रस्थान की जिए.
36:47प्रस्थान की जिए.
36:48प्रस्थान की जिए.
36:49प्रस्थान की जिए.
36:50प्रस्थान की जिए.
36:51प्रस्थान की जिए.
36:52प्रस्थान की जिए.
36:53प्रस्थान की जिए.
36:54प्रस्थान की जिए.
36:55प्रस्थान की जिए.
36:56प्रस्थान की जिए.
36:58परहर महादे.
37:00परहर महादे.
37:01परहर महादे.
37:02परहर महादे.
37:04परहर महादे.
37:05परहर महादे.
37:27सक्रतिये.
37:29सक्रतिये.
37:30सक्रतिये.
37:31सक्रतिये.
37:43हरा..
37:49इस मेंच,
37:51पावन्यखंण की लड़ायं चलती रही.
37:54इसे
37:55पवित्र दर्री की लड़ाई भी कहा जाता है
37:59ये स्वराज्ज की लड़ाई का एक बहुत ही महत्वपूर्ण युद्ध था
38:03जिसमें छत्रपती शिवाजी महराज के मित्र बाजी प्रभु देशपाण्डे
38:08रायाजी बांदल और शम्भूसी जाधव ने अपने प्राणों की आहुती दी
38:19जब तक छत्रपती शिवाजी महराज विशालगर कीले में सुरक्षित नहीं पहुंचे
38:23तब तक उनके वीर मित्रोंने शत्रु को आगे बढ़ने नहीं दिया
38:38जब छत्रपती शिवाजी महराज को पकड़ने के लिए शाईस्त खान को बेजा गया
38:57शाईस्त खान ने पुने और सुपे पर अधिकार प्राप्त कर लिया और लाल महल को अपना मुख्यालय बना लिया
39:05छत्रपती शिवाजी महराज लुका छुपी के तरीकों का उप्योग करते हुए लाल महल तक पहुँच गये
39:12वो लाल महल जहाँ शाईस्त खान रहता था
39:16लाल महल पहुच कर छत्रपती शिवाजी महराज ने शाईस्त खान पर आकरमन किया और उसकी उंग्लियां पात दी
39:30राजे, बसरूर से अच्छी खबरें नहीं आ रही
39:34पुरतुगालियों ने वहाँ के लोगों को तरह तरह की आत्नाय और पीड़ा दी
39:38हर रोज नहीं नहीं नजाने कितनी पाबंदियां लगाते जा रहे हैं
39:42उन्हों ने वहाँ के रह्वासियों का जीवन नर्क बना दिया है
39:45बसरूर पर आक्रमन करने का सही समय आ गया है
39:49अब हमें और देव नहीं करनी चाहिए
39:51तो फिर आपने क्या सोचा है राजे
39:53हमें ख़वर मिलेगा कि गोवा के फिरंग्यों के सारे बड़े जहास
39:56अंग्रिजों की खातिरदारी के लिए कुलाबा रवाना हो रहे है
40:00ऐसे में हमारी नो सेना को आकरमन करना आसान होगा
40:04हमें ये मौका गवाना नहीं चाहिए
40:08पुर्टगालियों के सारे बड़े जहास लोचने से पहले
40:11वो कीला हमारा होगा
40:13और हमने तैय किया है
40:15कि ये हमला हम महाशिवरातरी के दिन करेंगे
40:19हर हर महादेव
40:21हर हर महादेव
40:23आठ फरवरी 1665
40:27जब छत्रपति शिवाजी महाराज के द्वारा
40:31पचासी चोटे युधपोत और तीन बड़े जहासों को
40:36भगवा जहन्डे के साथ
40:39सिन्धु दुर्ग के मालवन की खारी में इकठा किया गया था
40:44ये छत्रपति शिवाजी महाराज का
40:48सबसे बड़ा नौसैनिक अभियान था
40:54हर हर महादेव
40:56हर हर महादेव
40:58हर हर महादेव
41:06युधदाओने शिवरात्री उत्सों में जाने वाले
41:10तिर्थयात्रियों का रूप धारण किया
41:12विश्यू भजन गाते गाते
41:14गोवा के पुर्टुगाली सैनिकों की आखों में धूल जूंक कर
41:18आगे बढ़ने लगे
41:20पुर्टुगाली सैनिकों को लगा
41:22कि शिवरात्री के अवसर पर
41:24कोली, मशुवारे, समुद्र के रास्ते तिर्थयात्रा पर जा रहे हैं
41:41पुर्टुगाली सैनिकों की आखों में धूल जूंक कर
42:00ये इंडियम्स तुहार कम और शुर्जादा मचाते हैं
42:04लगता है यहां भी गोवा की तरह तुहार मनाने पर रोक लगाना होगा
42:12पर ये लोग पहारी की ओर क्यों आ रहे हैं
42:15क्योंकि इनका एक मंदर पहारी के पास भी है
42:19सर, अगर हम इन लोगों पर अंडे फैंगे तो
42:23ये सर, फिर ये हम से लड़ेंगे और हम इसी भाँने इन पर गोलीया दागेंगे
42:29ये डर पर क्या लड़ेंगे
42:31लेकिन अगर तुम्हें मज़े लेने है तो ले सकते हैं
42:35सुनो, कैप्टिन ने हमें इन लोगों को प्रेशान करने के लिए कहा है
42:39चलो, प्रेशान करते हैं, चलो
42:58ये डर पर कुछ नहीं कर पाएँगे
43:20कहा था न, ये डर पर कुछ नहीं कर पाएंगे
43:28कहा था न, ये डर पर कुछ नहीं कर पाएँगे
43:41ये तो शिवाजी है, ये यहां कैसे
43:50मार कर भगा दो इन अत्याचारियों को
43:53इनका सम्हार करना ही होगा
43:56अपनी मात्रु भूमी के लिए, स्वराज के लिए
44:00हरा हरा, महादे, हरा हरा, महादे
44:05हरा हरा, महादे, महादे
44:25हरा हरा, महादे, हरा हरा, महादे
44:55हरा हरा, महादे, हरा हरा, महादे
45:25हरा हरा, महादे, हरा हरा, महादे
45:29हरा हरा, महादे, हरा हरा, महादे
45:32हरा हरा, महादे, हरा हरा, महादे
45:35हरा हरा, महादे, हरा हरा, महादे
45:38हरा हरा, महादे, हरा हरा, महादे
45:41हरा हरा, महादे, हरा हरा, महादे
45:44हरा हरा, महादे, हरा हरा, महादे
45:46स्वतंत्रता संग्राम में नौ सेना की नीव रखी
45:51इस महत्वपूर्ण नौ सेना के जनक थे
45:54छत्रपती शिवाजी महाराज
45:57हरा हरा, महादे, हरा हरा, महादे
45:59हरा हरा, महादे, हरा हरा, महादे
46:066 जुन 1674
46:09इस दिन छत्रपती शिवाजी महाराज का राज्याविशेक हुआ
46:15और अपचारिक रूप से उन्हें छत्रपती की उपाधी दी गई
46:22उनकी युध परनालियां भारत के स्वतंत्रता संग्राम के लिए वरदान साबित हुई
46:28और यही कारण है कि कुछ समय पूर भारत सरकार ने एक एतिहासिक निरने लेते हुए
46:35भारती नौ सेना के ध्वज से घुलामी की निशानी सेंट जौर्ज क्रॉस को हटा कर
46:41चत्रपती शिवाजी महराज के राजमुद्रा से प्रेरित अश्ट कोनिय चिन्न को स्थापित किया और यह नया ध्वज नौ सेना के जनक चत्रपती शिवाजी महराज को समर्पित किया
46:54चत्रपती मराथा गवरव महा नायक जैसी पदवी पाने वाले भारत के इस वीर सपुत को शत शत नमन

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