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वीडियो जानकारी: 02.10.24, गीता समागम, ग्रेटर नॉएडा

प्रसंग:
~ क्यों कोई किसी की ओर आकर्षित होता है? हम यह क्यों नहीं जान पाते?
~ क्या अच्छे और बुरे की हमारी पहचान ठोस है?
~ क्या हमें बुरे और गलत की परिभाषा स्पष्ट है?
~ ईमानदारी का प्रश्न बेटा यह होता एक लड़की एक लड़के के साथ चली जा रही है हाथ में हाथ डाल के मुझे क्यों बुरा लग रहा है?
~ कामना से भरी आंखों से दुनिया को देखने को ऑब्जर्वेशन नहीं बोलते।
~ ऑब्जर्वेशन क्या है?
~ Masculinity - मर्दानगी क्या है?
~ हमारे जंगल से बाहर आने की क्या वजह थी?
~ अल्फा, बीटा, सिग्मा मेल क्या हैं?
~ केंद्र पर क्या होना चाहिए?

माखी गुड़ में गड़ी रहे, पंख रहे लिपटाय।
हाथ मले और सिर धुने, लालच बुरी बलाय ॥
संत कबीर

साँच कहूँ तो मारिहैं, झूठे जग पतियाय।
यह जग काली कूतरी, जे छेड़े ते ही खाय ॥
संत कबीर


संगीत: मिलिंद दाते
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