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Transcript
00:00मावाजी आप ही कुछ बताएए, किस चीज की खेती करें हम इस पार?
00:16पिछली बार आप की कहने पर प्यास की खेती करी थी हम ने, बिलकुल भी मुनाफ़ा नहीं हुआ था हमें.
00:24समय के बाद खेती करोगे, तो मुनाफ़ा कैसे होगा कालू?
00:29इस पार बताएए, हम अभी से शुरू करेंगे अपना काम.
00:33तुम इस पार चावल की खेती करो, तुमें उस पे अच्छा मुनाफ़ा होगा.
00:39ठीक है मामाजी, मैं इस पार चावल की ही खेती करूँगा.
00:43कालू, अपने मामाजी के घर से अपनी जुंगल बापस जाता है.
00:49कमली, मामाजी ने कहा है, हमें इस पार चावल की खेती करने चाहिए.
00:55क्या, चावल की खेती, उसने तो बहुत मेनट लगती है कालू,
01:01और पानी भी साधा लगता है, मुझसे इतनी मेनट नहीं होगी कालू.
01:07कहतो तुम सही रही हो कमली, हम ऐसा करते हैं, चडिया से हिस्सेदारी कर लेते हैं,
01:15मेनट उससे करवाईंगे सारी, और हिस्सा आधा आधा करेंगे.
01:20कालू, तुम्हारा दिमाग तो बहुत अच्छा चलने लगा है अब, चलो, चडिया के पास चलते हैं.
01:28कालू और कमली, दोनों ही चडिया के पास चाते हैं.
01:33चडिया, हम इस बार चावल की खेते करने की सोच रहे हैं, क्या तुम हमारे साथ चावल की खेती करोगी?
01:42कालू भाया, चावल की खेते में तो बहुत मेहनत लगती हैं और मैं चोटी सी चडिया अकेले कितना काम करूँगी?
01:50तुम क्यों करोगी अकेले सारा काम? हम भी तुमारी मदद करेंगे और फसल बेचकर जो पैसा आएगा, उस भी आधा आधा हिस्सा करेंगे.
02:02ठीक है फिर मैं तयार हूँगी दी करने के लिए.
02:06चडिया अपनी बेटे टिलू के साथ कवों के खेत पर जाती हैं.
02:11चडिया, खेत तयार है और ये रहे चावल की बीज, तुम्हें ये लगाने है, मैं और कालू मेरी माई के जा रहे हैं आज.
02:22ठीक है कमली, तुम जाओ, मैं और टिलू ये दाना बो देंगे.
02:27ध्यान से बोना दाने चडिया, बरबाद मत करना.
02:32हाँ हाँ कालू भाया, हम ध्यान से करेंगे सम.
02:35कालू और कमली वहां से चरे जाते हैं.
02:39चडिया और इसका बेटा दाने बो देते हैं.
02:43चार-पांश दिन बान उनने से चोटे-चोटे पौधे आ जाते हैं.
02:48कालू भाया, ऐसा करते हैं, हम पौधों के साथ जो घास उगी हैं, उसे निकाल देते हैं.
02:55आप जाके इने देने के लिए पानी ले आओ.
02:58ठेक है राणी, हम पानी ले के आते हैं, तब तक तुम घास निकालो.
03:04ऐसा कहे कर कवे वहाँ से चले जाते हैं.
03:08बेटा टिल्लू, ध्यान से, सिर्फ घास ही निकाल ली है, चावल के पौधे मत निकाल देना.
03:15मम्मा, हम सिर्फ ये घास क्यों निकालते हैं?
03:18ताके खाद और पानी हम चावल के पौधों को दे, और वो सिर्फ उने ही लगे, ना कि घास को.
03:26वही कवे, हाई कालो, मुझे ये काम नहीं होगा, पानी ले जाने का, कौन इतना पानी ले के जाएगा?
03:36मैं तो अपनी सहेली के घर जा रही हूँ.
03:40हाँ हाँ, जाओ कमली, मैं भी यही किसी पेड के नीचे सोंगा, नीद आ रही है मुझे.
03:48कमली वहाँ से अपनी सहेली के घर चली जाती है, और कालो कवा वही एक पेड के नीचे सो जाता है.
03:57ये कालो और कमली अब तक आए क्यों नहीं पानी लेके? इन्हें इतनी देर हो गई है. टिलो, तुम यही रुको, मैं सरा देख कर आती हूँ.
04:08रानी नदी किनारे जाती है.
04:11अरे ये कालो तो सो रहा है.
04:14रानी चुड़िया खुद ही पानी ले जाके चावल के पोधों में डालती है. चुड़िया और इसका बेटा खेट में बहुत महनत करते हैं, और कुछ दिनों में फसल पक कर तयार हो जाती है.
04:28कमली बहन, फसल अब करने के लिए तयार है.
04:32हाँ चुड़िया, देख तो मैं भी पा रही हूँ, मैं कालो को बताती हूं जाके.
04:38हाँ ठीक है, आप उन्हें बुला लाओ.
04:41कमली, कालो के पास जाती है.
04:45कालो महराज, यहां घोड़े बेच कर शो रहे हूं, और वहां चुड़िया ने फसल तयार कर ली है, और अब उसे काटने की तयारी में है.
04:56क्या, क्या कमली, कहीं काट तो नहीं ले उसने फसल.
05:01नहीं, अभी नहीं काटी है, वो हमारी तरह छोर थोड़ी है.
05:06अब तुम कुछ करो, जिससे पूरी फसल के पैसे सिर्फ हमें ही मिले.
05:12मुझे पता है, मुझे क्या करना है?
05:15कालो, एक खत लिखता है, और उसे लेकर चुड़िया के घर जाता है.
05:22राणी, रास्ते में कभूतर मिला था, उसने मुझे ये खत दिया, और कहा ये मैं तुम्हें दे दू.
05:30इन्नू, इस खत को पढ़ना, और जड़ा बताओ इसमें क्या लिखा है तुम्हारी नानी ने?
05:36मम्मा, इसमें लिखा है नानों की तब्यत बहुत खराब है, और वो आपसे मिलना चाहती है.
05:43क्या? मां की तब्यत खराब है, हमें जल्दे ही उनके पास जाना होगा.
05:49जाओ तुम चड़िया, देर मत करो, मैं फसल का न्यान रखोंगा, और तुम्हारी आने के बाद ही हम फसल काटेंगे.
05:59चड़िया, जल्दे जल्दे किल्लों के साथ अपने मा के घर के लिए निगल जाती है, वही दूसरी ओर कालू और कम्री खेत पर जाते है.
06:10कम्री, हम फसल रात में काटेंगे.
06:13रात में क्यों कालू?
06:15अगर किसी पक्षी ने हमें फसल काटे हुए देखा, तो वो जाके चड़िया को बता देगा.
06:22ठीक है कालू.
06:24कालू और कम्री रात होने का इंतजार करते हैं और फिर अन्धेरा होते ही दोनों फसल काट लेते हैं.
06:32कालू जाके तोते को बला के लाता है क्योंकि तोता ही जंगल में चावल के खेतें खरीदा करता था.
06:41कमों, तुम अपनी फसल रात में चोरों के तरह क्यों काट रहे हो?
06:46क्या, क्या चोर और हम, हमारा ही तो खेत है ये?
06:51वो तो दिन में गर्मी बहुत होती है, मैं काली हो जाती, इसे लिए हम रात में फसल काट रहे हैं.
07:00पैसे मैं पूरी फसल मिलने के बाद ही दूंगा.
07:03दाम सही लगा ना तुम फसल का, कभी हमें चूना ही लगा दो.
07:08जो दाम मंडी में चल रहे हैं, वही लगाऊंगा मैं.
07:12तोता आड़ी फसल ले के चला जाता है.
07:16कालो, हम दो बहुत जल्दी ही अमीर बनने वाले हैं.
07:20उसके पाद मैं लूगे एक सोने का हार.
07:23हाँ कमली, और मैं एक मैं बाइक लूगा.
07:27कवे, ये सब सोचकर खुश हो रहे थे.
07:31वही दूसरी ओर,
07:33मा, आपके तब्यूत तो खराब थी ना?
07:36नहीं राणी बेटा, मैं तो बिलकुल ठीक हूँ.
07:40मा, आपने मेरे जुंगल ख़त बिज़वाया था,
07:44कि आपके तब्यूत खराब है,
07:46और आप मुझसे और टिल्लू से मिलना चाहते हो.
07:49नहीं बेटा, मैंने तो ऐसा कोई ख़त नहीं लिखा था.
07:54पक्का किसी ने मजाग किया है तुम्हारे साथ.
07:57ये पक्षे भी न, बिना कुछ सूचे समझे कैसा भी मजाग करते हैं.
08:03मम्मा, हमारी फसल कटने को तयार है.
08:07हम परसो जाके फसल काट लेंगे बेटा.
08:10अगले दिन रात में, कवे फिर से अपनी फसल काटते हैं,
08:15और तोटे को बलाते हैं.
08:17तोटे, ये लो तुम, हमने पूरी फसल तुम्हें दे दी,
08:21अब हमें हमारी फसल की पैसे दे दो तुम.
08:25अरे कमली, मैं जल्दी जल्दी में यहां आया,
08:28और अपने पैसे घर ही छोड़ाया.
08:31तुम कल कालो को भेश देना मेरे घर,
08:34मैं उसे पैसे दे दूँगा.
08:36ऐसा कहकर, तोटा फसल ले के चला जाता है.
08:40अगले दिन राणी चिड़िया,
08:42जो खेट में आती है,
08:44तो वो देखती है,
08:46पूरा खेट साफ था,
08:48तब ही वहां कमली आती है.
08:50चिड़िया, चिड़िया,
08:53कोई चोर हमारे सारे ही फसल चुरा के ले गया चड़िया.
08:57हमारे फसल की चोरे,
08:59इतनी भेनत से फसल तयार की थी,
09:02सब कुछ ही चला गया.
09:04तब ही वहां, तोटा कालू के साथ आता है.
09:09कमली, कालू मेरे पास,
09:11तुम्हारी फसल के पैसे लेने आया था,
09:14मैने शोचा तुम्हारे सामने ही इसे पैसे दू,
09:17कभी ये तुम्हे कम करके पैसे दे दे.
09:20इस अच्छा, चड़िया कमली का मू देखरही थी,
09:24कमली तुम तो कह रही थी कि फसल चोरी हो गई,
09:28फिर तोते भ्या तुम्हे फसल के पैसे क्यों दे रहे हैं
09:32क्योंकि ये चोर और धोके बास क़ुए है चिर्डिया
09:36मुझे पता था इनोंने तुम्हारे साथ मिलके खेती की है
09:41तुम्हारे पीछे से सारी फसल बेचकर सब कुछ अपने ही पास रखना चाते थे
09:47इसे लिए मैं इन्हें टाल रहा था ताकि पैसे बराबर मिले
09:52और तुम्हे इनकी सचाई पता चले
09:55एक दंबल के चोर क़ुए है ये चलो टिलू दीटा
09:59राणी चिर्डिया अपने हिस्से के पैसे लेके वहाँ से चरे जाती है
10:05और कवा शुर्मिनदा होके वही रह जाता है
10:09निलकिरी जंगल में लिसी चिर्डिया अपने बेटे टिलू के साथ रह दी थी
10:14और जंगल में फल बेशने का काम कर दी थी
10:17बाकी पक्षियों के मुगाबले वो काफी गरीब थी
10:20जंगल में जनमाश्टमी के तिवहार की तियारिया चल रही थी
10:24सारे बिच्चे एक जगह एकठा हो रखे थे
10:27देखो देखो मैं तो इस बार जनमाश्टमी पे काना बनूँगा
10:32मेरे पापा मेरे लिए सब कुछ लाए है
10:34पासुरे, कपड़े, माघण की मट्की
10:37हाँ हाँ, मेरी ममा भी सब लेके आए है मेरे लिए
10:41मैं भी काना बनूँगा
10:43हाँ, और मेरी ममा भी आज सब कुछ लेके आजाएगी मेरे लिए
10:47अरे टिदू, तुम्हारी गरीब मम क्या दिला रही है तुम्हे इस बार
10:51या फिर तुम बस हमें देख कर ही खुश होगे
10:55पाकी सारे बच्चे भी टिलू पे हसने लगते हैं
10:59मैं भी अपने ममा से सारा सामान मंगवाऊंगा
11:02मैं भी काना बनूँगा तुम सब के तरा
11:05बाते तो देखो इसकी, कितनी बड़ी बड़े कर रहा है
11:09क्या से लाएगी तुमारी करीब मा ये सब कुछ
11:12वो ले आएगी, वो मुझसे बहुत प्यार करती है
11:15टिलू अपने दोस्तों से ऐसा बोलके अपने घर चला जाता है
11:19शाम को फल बेचकर लेसी अपने घर आती है
11:23क्या हुआ है मेरी राजा बेटे को, ऐसे मू फेर कर त्यों बैठा है गुसे में
11:29मा, अगर मैं आपका राजा बेटा हूँ, तो क्या आप मेरी एक बात मानोगे
11:34हाँ बेटा बोलो
11:36मा, मेरे सारे दोस्त इस बार जनमाश्टमी पर काना बन रहे है
11:40और वो सब पूरा सामान ले के आ गए है, मुझे भी नए कपने चाहिए, बासुरी और मटकी भी चाहिए
11:46लेसी मन में सोचती है
11:48ना सारा सामान कहां से लाऊँगी मैं, ये सब कुछ तो बहुत महगा आता है
11:53ममा बोलो ना आप लागे दोगे ना मुझे सब कुछ, मैं बनूगा ना काना इस बार
11:59हा हा बेटा, जरूर बनूगे तुम, मैं कल सुभा तुम्हारे लिए सब कुछ ले आओंगी
12:05आप बहुत अच्छे हो ममा, सबसे अच्छे हो
12:09इस तरह ल्यूसी तिल्लू से ये कह तो देती है पर मन मन में ही वो परिशान थी
12:14क्योंके उसके पास ना सामान लाने के पैसे नहीं थे
12:18अगले दिन सुभा टिल्लू अपनी दोश्टों के पास खेल ले जाता है और तब तक ल्यूसी घर पर ही थी
12:24वो सोच रही थी मैंने टिल्लू से कह तो दिया पर इतने पैसे कहा से आएंगे
12:30ऐसा करती हूँ टुन्टुनी बहन के पास जाती हूँ उनसे उधार ले लेती हूँ अगले महिने वापस कर दूँगी
12:37और ल्यूसी टुन्टुनी के पास जाती है इतने सबा सबा यहां कैसे ल्यूसी
12:42टुन्टुनी बहन मुझे कुछ पैसे उधार चाहिए थे मुझे अपने बेटे के लिए सामान लेना है
12:48क्या तुम मुझे दे सकती हूँ मैं अगले महिने लौटा दूँगी
12:52पास कर ना ल्यूसी पर ऐस महिने तो हमारा है खर्षा बहुत जादा हो गया अब अमारे पास इतने पैसे नहीं है कि तुमें उधार दे पाएं
13:00कोई बात नहीं टिंटुनी समझ सकती हूँ मैं चलती हूँ अब वहाँ से ल्यूसी कभूतर की सामान की दुकान पर जाती है
13:08बताओ ल्यूसी बहन जनमाश्टमी के लिए क्या सामान दू मैं दूमें
13:14कबूतर भाया लेना तो मुझे बहुत कुछ है अपने टिलू के लिए पर मेरे पास अभी पैसे नहीं है क्या आप मुझे सामान उधार पे दे सकते हो
13:23मैं धीरे धीरे करके पूरे पैसे चुका दूंगे
13:26मार्क करना लेसी पर मैं किसे को भी उधार पे सामान नहीं देता हूँ अगर आज तुम्ही दे दिया तो कल को बागी पक्षी भी आ जाएंगे उधार पे सामान लेने
13:36ठेज है कपूतर भाईया दूसरी तरफ ढिल्लू घर वापस आ गया था और अब अपनी मां के आने का अंतिजार कर रहा था
13:45मां कहा रह गई कितनी देर लगा रही है मुझसे आप और अंतिजार नहीं हो रहा है
13:51वही लिउसी मिरा शोके एक पेड़ के नीची जाके बैठ जाती है अब मैं क्या बोलूंगी दिल्लू से कि उसकी मां अतनी गरीब है कि उसे कुछ नहीं दिला सकती
14:03मेरे बच्चे का तो दिल ही तूट जाएगा
14:05लिउसी ऐसा सोचकर रो रही थी तब ही वहाँ पे उड़कर एक मोर का पंख आता है
14:12चिड़िया क्या हुआ रो क्यों रही हो तुम
14:15तुम तो बोल सकते हो
14:17हा मैं बोल सकता हूँ अम बताओ मुझे क्या हुआ है क्यों रो रो रही हो तुम
14:22कल चलमाश्ट मी है मेरे बेटे को काना बनना है उसने मुझसे सामान मंगवाया था पर उसके लिए ले जा पाऊ
14:30इतने पैसी नहीं है मेरे पास और कोई उधार भी नहीं दे रहा है मुझे
14:35क्या चाहिए तुमारे बेटे को
14:37नए कपड़े, मुखोर, बासरी और माखन के मट्की चाहिए उसे
14:43जैसे ही लिए सी ये सब मांगती है सब कुछ उसके सामने आ जाता है
14:48तुम्हें तो जाधू आता है पंख
14:50हाँ मैं हर इस पक्षी के इच्छा पूरी कर सकता हूँ जो इमानदार है और दिल से इसाफ है
14:56अब तुम मुझे और इस सामान को अपने घर ले चलो
15:00लिउसी सारा सामान और मोर पंख ले के घर जाती है
15:06किल्लू सब कुछ देख कर बहुत खुश होता है
15:09ममा आप लिया है मेरे लिए सब कुछ आप बहुत अच्छे हो आप दुनिया की सबसे अच्छी ममा हूँ
15:16ये सब मैने नहीं इस पंख ने दिया है तुम्हारे लिए
15:20क्या कहा पंख ने
15:22हाँ भरूसा नहीं होता तो तुम भी मांग कर देखो इससे कुछ
15:26पंख हमारे घर को भी बागी सारे पक्षियों के घर की तरह सजा दो
15:31और किल्लू की ऐसा कहते ही उनका घर कु फूलो की मालाओ से सज जाता है
15:37किल्लू खुशे से कुदने लगता है
15:40अरे वा मा ये तो बहुत अच्छा है अब मैं ये सारा सामान अपनी दोस्टो को दिखा कर आता हूँ
15:47वो बहुत मज़ाग बना रहे थे मेरा
15:50हाँ हाँ जाओ तुम
15:52कालू कवा देखता है द्यूसी का घर सबसे अच्छा सजा हुआ है
15:56वो ये मात अपनी पतनी कमली को बताने घर जाता है
16:00कमली तुमने उस गरीब चड़िया का घर देखा ना सजा हुआ है
16:05भला उसके पास इतने पैसे कहां से आ गए एक साथ
16:09च्छा कहीं चोड़ी करके तो नहीं ले आई
16:12चलो बाकि सारे पक्षियों को लेके उसके घर चलते हैं
16:16तब सच बोलेगी वो चोड़ चड़िया
16:19कालो और कमली बाकि पक्षियों को भढ़का कर उन्हें ल्यूसी के घर ले जाते हैं
16:27देखो देखो तुम सब इस चड़िया के ढंग
16:30उसके घर तक तो सबसी पैसे माँग रही थे और अच इतना सामान
16:34हाँ वही तो सच सच बोलो चड़िया
16:37किसके घर से पैसो की चोड़ी की है तुमने
16:40हाँ ल्यूसी तुम तो उधार लेने आई थी
16:43फिर इतना सामान कहां से ले आई तुम एक सान
16:46पक्षियों मैंने कोई चोड़ी नहीं की है और ये
16:49सब मैं नहीं ले के आई हूँ इस पंख नी मुझे दिया है
16:52देखो तो इस ल्यूसी के जुट हमें क्या बच्चा
16:56समझ रखा है जो तुम्हारी बातों में आ जाएंगे
16:59चिड़िया तुम मुझे कुछ मांगो इन सब को तभी तुम पर भरोसा होगा
17:04मांगने के लिए मू चाये और ये तो तुम पहले ही चोड़ी करके काला करवा चुकी हो
17:10चिड़िया मांगो तुम कुछ
17:12पंख इन सब के लिए माखन दे दो
17:15चिड़िया के ऐसा कहते ही बहाँ माखन की मटकी आ जाती है और सारे पक्षिये देखकर चाव जाते है
17:23हो गया तुम सबको अब भरोसा मैं चोर नहीं हूँ गरीब हूँ पर इसका मतलब ये नहीं है कि तुम सब मुझे आगे चोर बना दो
17:32अग कना लिए सी हम सब इस कालू और कम्ली की बातों में आ गए और तुम पर शक किया
17:38अपनी चाला की उल्टा पढ़ती देख कालू और कम्ली वहाँ से चुप चाप निकलने लगते हैं
17:44कालू और कम्ली अपनी माधन की मट्की लेके जाओ मैंने सब के लिए मांगी थी
17:50इस तरह भगवान काना की कृपा से चिड़िया की सचाई सब के सामने आ जाती है
17:56आप सभी को हमारी तरफ से भी हैपी जर्माश्ट निया
18:00दोस्तों कैसी लगी हमारी ये कहानी
18:03अगर स्टोरी अच्छी लगी हो तो चैनल को सबस्क्राइब करना और स्टोरी को लाइक और शेयर करना

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